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शिमला , 30 सितंबर [ विशाल सूद ] ! देश की सबसे बड़ी हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर जेनरेशन कंपनी सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) का शेयर मार्केट में दबदबा बड़ा है। शेयर मार्केट में एसजेवीएन के शेयर की कीमत 31 रुपये से बढ़कर 73 रुपये को पार कर गई है। एसजेवीएन में केन्द्र का हिस्सेदारी 55 फ़ीसदी, हिमाचल की 26 फ़ीसदी और लोगों को 18 फ़ीसदी हिस्सेदारी है। केन्द्र सरकार लगातार अपनी हिस्सेदारी बेच रही है। पहले एसजेवीएन में केंद्र की हिस्सेदारी 65 फीसदी थी। केन्द्र सरकार ने अब फिर से एसजेवीएन से अपनी हिस्सेदारी 2.46 फीसदी बेचने जा रही है। ऑएफस यानि ऑफर टू सेल के जरिए ये हिस्सेदारी बेचेगी. हिमाचल में आपदा से काफी नुकसान हुआ है। इससे एसजेवीएन भी नही बच पाया है लेकिन एसजेवीएन को बरसात में सिर्फ परियोजना बंद होने का ही नुकसान झेलना पड़ा। बाकी बड़ा नुकसान एसजेवीएन को नही हुआ। एसजेवीएन ने आने वाले तीन वर्षो के लिए 10 हजार मेगा वॉट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है। एसजेवीएन नेपाल सहित 15 राज्यों में हाइड्रो प्रोजेक्ट सहित विंड और सोलर परियोजनाएं लगाई जा रही है। एसजेवीएन का लाभ भी निरंतर बढ़ रहा है।
शिमला , 30 सितंबर [ विशाल सूद ] ! देश की सबसे बड़ी हाइड्रो इलेक्ट्रिक पावर जेनरेशन कंपनी सतलुज जल विद्युत निगम (एसजेवीएन) का शेयर मार्केट में दबदबा बड़ा है। शेयर मार्केट में एसजेवीएन के शेयर की कीमत 31 रुपये से बढ़कर 73 रुपये को पार कर गई है। एसजेवीएन में केन्द्र का हिस्सेदारी 55 फ़ीसदी, हिमाचल की 26 फ़ीसदी और लोगों को 18 फ़ीसदी हिस्सेदारी है। केन्द्र सरकार लगातार अपनी हिस्सेदारी बेच रही है। पहले एसजेवीएन में केंद्र की हिस्सेदारी 65 फीसदी थी।
केन्द्र सरकार ने अब फिर से एसजेवीएन से अपनी हिस्सेदारी 2.46 फीसदी बेचने जा रही है। ऑएफस यानि ऑफर टू सेल के जरिए ये हिस्सेदारी बेचेगी. हिमाचल में आपदा से काफी नुकसान हुआ है। इससे एसजेवीएन भी नही बच पाया है लेकिन एसजेवीएन को बरसात में सिर्फ परियोजना बंद होने का ही नुकसान झेलना पड़ा।
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बाकी बड़ा नुकसान एसजेवीएन को नही हुआ। एसजेवीएन ने आने वाले तीन वर्षो के लिए 10 हजार मेगा वॉट विद्युत उत्पादन का लक्ष्य निर्धारित किया है। एसजेवीएन नेपाल सहित 15 राज्यों में हाइड्रो प्रोजेक्ट सहित विंड और सोलर परियोजनाएं लगाई जा रही है। एसजेवीएन का लाभ भी निरंतर बढ़ रहा है।
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