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शिमला ! एस टी पी कॉन्ट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन सम्बंधित सीटू और वाटर सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट वर्करज यूनियन गुम्मा संबंधित सीटू द्वारा शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड के कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया और दोनों यूनियनों ने अपनी अपनी समस्यांए मुख्य नियोक्ता के समक्ष रखी। जिसमें एसटीपी यूनियन के मजदूरों की लोकडाउन अवधि की सैलरी है जो मजदूर अचानक ट्रांसपोर्टेशन के न चलने के कारण दूर दराज के इलाकों में फंस गए थे। ईपीएफ की बहुत सारी त्रुटियां हैं, जिसमे एक ही यूएन पर दो मजदूरों का ईपीएफ का पैसा डाल दिया गया है, जिसके कारण मजदूर अपना पैसा नही निकाल पा रहा है और कुछ मजदूरों का बकाया वेतन भी जमा करवाने को है। सिवरमेन श्रेणी की सैलरी में वर्ष 2018 से कोई वृद्धि नही की गई है। वर्ष 2018 से लेब केमिस्ट और इलेक्ट्रिशियन की सैलरी भी कम कर दी गई जो गैर कानूनी है। इसके लालपानी प्लांट में दो मजदूरों को मानसिक प्रताड़ित किया जा रहा है और रूम रेंट के नाम पर दो हजार रुपये प्रति माह काटे जा रहे है जो सरेआम तानाशाही की जा रही हैं। वाटर सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट वर्करज यूनियन गुम्मा का 2018 और 2019 का बकाया एरियर अभी तक नही दिया जा रहा है। इसके अलावा आईकार्ड, ईएसआई, छुटियों का कानून भी लागू नही किया जा रहा है और एक ही मजदूर से कई श्रेणियों का काम लिया जा रहा है। जो कि गैर कानूनी है। धरने में सीटू राज्य अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, जिला सचिव बाबू राम, बालक राम, मदन लाल , दलीप सिंह, पंकज, धनेश, गिरधारी, नीरज, सत्या देवी, पवन शर्मा, टेक चंद, क्षतिज, मनोज भी मौजूद रहे।
शिमला ! एस टी पी कॉन्ट्रेक्ट वर्कर्स यूनियन सम्बंधित सीटू और वाटर सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट वर्करज यूनियन गुम्मा संबंधित सीटू द्वारा शिमला जल प्रबंधन निगम लिमिटेड के कार्यालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया गया और दोनों यूनियनों ने अपनी अपनी समस्यांए मुख्य नियोक्ता के समक्ष रखी।
जिसमें एसटीपी यूनियन के मजदूरों की लोकडाउन अवधि की सैलरी है जो मजदूर अचानक ट्रांसपोर्टेशन के न चलने के कारण दूर दराज के इलाकों में फंस गए थे। ईपीएफ की बहुत सारी त्रुटियां हैं, जिसमे एक ही यूएन पर दो मजदूरों का ईपीएफ का पैसा डाल दिया गया है, जिसके कारण मजदूर अपना पैसा नही निकाल पा रहा है और कुछ मजदूरों का बकाया वेतन भी जमा करवाने को है। सिवरमेन श्रेणी की सैलरी में वर्ष 2018 से कोई वृद्धि नही की गई है। वर्ष 2018 से लेब केमिस्ट और इलेक्ट्रिशियन की सैलरी भी कम कर दी गई जो गैर कानूनी है। इसके लालपानी प्लांट में दो मजदूरों को मानसिक प्रताड़ित किया जा रहा है और रूम रेंट के नाम पर दो हजार रुपये प्रति माह काटे जा रहे है जो सरेआम तानाशाही की जा रही हैं।
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वाटर सप्लाई कॉन्ट्रैक्ट वर्करज यूनियन गुम्मा का 2018 और 2019 का बकाया एरियर अभी तक नही दिया जा रहा है। इसके अलावा आईकार्ड, ईएसआई, छुटियों का कानून भी लागू नही किया जा रहा है और एक ही मजदूर से कई श्रेणियों का काम लिया जा रहा है। जो कि गैर कानूनी है। धरने में सीटू राज्य अध्यक्ष विजेंद्र मेहरा, जिला सचिव बाबू राम, बालक राम, मदन लाल , दलीप सिंह, पंकज, धनेश, गिरधारी, नीरज, सत्या देवी, पवन शर्मा, टेक चंद, क्षतिज, मनोज भी मौजूद रहे।
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