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शिमला , 07 मार्च [ विशाल सूद ] ! एसजेवीएन ने अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्थ कंपनी एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल) के माध्यम से विकसित की जाने वाली 1352 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए लेटर ऑफ अवार्ड्स (एलओए) प्राप्त किए। ये लेटर ऑफ अवार्ड्स (एलओए) मुंबई में महाराष्ट्र के माननीय उप मुख्यमंत्री, श्री देवेन्द्र फड़नवीस, एसजेवीएन के निदेशक (वित्त), अखिलेश्वर सिंह और एसजीईएल के सीईओ, अजय सिंह की गरिमामय उपस्थिति में प्राप्त किए गए। इस अवसर पर राज्य के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति और एमएसईडीसीएल और एसजीईएल के अधिकारी भी उपस्थित रहे। श्रीमती गीता कपूर, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एसजेवीएन ने बताया कि 1352 मेगावाट की ये परियोजनाएं महाराष्ट्र के नासिक, सोलापुर, अहमदनगर और पुणे जिलों में विभिन्न स्थानों पर मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0 के तहत विकसित की जाएंगी। ये परियोजनाएं एसजीईएल द्वारा एमएसईबी एग्रो पावर लिमिटेड, महाराष्ट्र द्वारा जारी निविदा में प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से हासिल की गई हैं। निविदा की कुल क्षमता 7000 मेगावाट थी और एसजीईएल ने 1500 मेगावाट; राउंड वन में 500 मेगावाट और राउंड टू में 1000 मेगावाट के लिए हिस्सा लिया। उक्त योजना पीएम-कुसुम योजना के कॉम्पोनेन्ट-सी के अंतर्गत भारत में सबसे बड़ी फीडर लेवल सोलराइजेशन योजना के कार्यान्वयन के लिए आरंभ की गई है। 1352 मेगावाट की इन सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विकासार्थ कुल निवेश लगभग 7436 करोड़ रुपए होगा। यह पीएम-कुसुम योजना के लिए एसजीईएल का प्रथम योगदान होगा। ये परियोजनाएं अधिकतम 30% तक की परियोजना लागत के लिए केंद्रीय वित्तीय सहायता हेतु पात्र होंगी। कंपनी वर्ष 2030 तक 25,000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50,000 मेगावाट के अपने साझा लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तीव्रता से प्रगति पर है। यह साझा विजन वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित ऊर्जा संसाधनों से 50% ऊर्जा उत्पादन करने की भारत सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप तैयार किया गया है।
शिमला , 07 मार्च [ विशाल सूद ] ! एसजेवीएन ने अपनी पूर्ण स्वामित्व वाली अधीनस्थ कंपनी एसजेवीएन ग्रीन एनर्जी लिमिटेड (एसजीईएल) के माध्यम से विकसित की जाने वाली 1352 मेगावाट की सौर ऊर्जा परियोजनाओं के लिए लेटर ऑफ अवार्ड्स (एलओए) प्राप्त किए।
ये लेटर ऑफ अवार्ड्स (एलओए) मुंबई में महाराष्ट्र के माननीय उप मुख्यमंत्री, श्री देवेन्द्र फड़नवीस, एसजेवीएन के निदेशक (वित्त), अखिलेश्वर सिंह और एसजीईएल के सीईओ, अजय सिंह की गरिमामय उपस्थिति में प्राप्त किए गए। इस अवसर पर राज्य के वरिष्ठ गणमान्य व्यक्ति और एमएसईडीसीएल और एसजीईएल के अधिकारी भी उपस्थित रहे।
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श्रीमती गीता कपूर, अध्यक्ष एवं प्रबंध निदेशक एसजेवीएन ने बताया कि 1352 मेगावाट की ये परियोजनाएं महाराष्ट्र के नासिक, सोलापुर, अहमदनगर और पुणे जिलों में विभिन्न स्थानों पर मुख्यमंत्री सौर कृषि वाहिनी योजना 2.0 के तहत विकसित की जाएंगी। ये परियोजनाएं एसजीईएल द्वारा एमएसईबी एग्रो पावर लिमिटेड, महाराष्ट्र द्वारा जारी निविदा में प्रतिस्पर्धी बोली प्रक्रिया के माध्यम से हासिल की गई हैं।
निविदा की कुल क्षमता 7000 मेगावाट थी और एसजीईएल ने 1500 मेगावाट; राउंड वन में 500 मेगावाट और राउंड टू में 1000 मेगावाट के लिए हिस्सा लिया। उक्त योजना पीएम-कुसुम योजना के कॉम्पोनेन्ट-सी के अंतर्गत भारत में सबसे बड़ी फीडर लेवल सोलराइजेशन योजना के कार्यान्वयन के लिए आरंभ की गई है।
1352 मेगावाट की इन सौर ऊर्जा परियोजनाओं के विकासार्थ कुल निवेश लगभग 7436 करोड़ रुपए होगा। यह पीएम-कुसुम योजना के लिए एसजीईएल का प्रथम योगदान होगा। ये परियोजनाएं अधिकतम 30% तक की परियोजना लागत के लिए केंद्रीय वित्तीय सहायता हेतु पात्र होंगी।
कंपनी वर्ष 2030 तक 25,000 मेगावाट और वर्ष 2040 तक 50,000 मेगावाट के अपने साझा लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए तीव्रता से प्रगति पर है। यह साझा विजन वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित ऊर्जा संसाधनों से 50% ऊर्जा उत्पादन करने की भारत सरकार की प्रतिबद्धता के अनुरूप तैयार किया गया है।
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