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शिमला , 03 अक्टूबर [ विशाल सूद ] ! नियमितीकरण की मांग को लेकर आज सैकड़ो की संख्या में एसएमसी अध्यापक शिमला सचिवालय मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे हैं। एसएससी अध्यापकों का कहना है कि सितंबर महीने तक का उनको सरकार की तरफ से नियमित करने का आश्वासन मिला था लेकिन अक्टूबर महीना शुरू होने पर भी सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। इसलिए आज एक बार फिर से मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे हैं। एसएमसी अध्यापकों का कहना है कि प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में वे कई वर्षों से अपनी जान को भी जोखिम में डालकर स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं लेकिन हर बार चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों ही सरकारें एसएमसी अध्यापकों को नियमितकरण का आश्वासन देती है लेकिन आज दिन तक इस दिशा में कोई कदम सरकार द्वारा नहीं उठाया गया है। सुक्खू सरकार ने भी चुनावों से पहले एसएमसी अध्यापकों को नियमित करने का आश्वासन दिया था लेकिन 9 महीने बीत जाने के बाद भी सरकार ने कोई नीति एसएमसी के लिए नहीं बनाई है। अगर आज भी मुख्यमंत्री की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया तो वह अनशन पर बैठने को मजबूर होंगे। बता दे कि प्रदेश में लगभग 2555 एसएमसी अध्यापक हैं जो कई वर्षो से अपनी सेवाएं दुर्गम क्षेत्रों के स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं।
शिमला , 03 अक्टूबर [ विशाल सूद ] ! नियमितीकरण की मांग को लेकर आज सैकड़ो की संख्या में एसएमसी अध्यापक शिमला सचिवालय मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे हैं। एसएससी अध्यापकों का कहना है कि सितंबर महीने तक का उनको सरकार की तरफ से नियमित करने का आश्वासन मिला था लेकिन अक्टूबर महीना शुरू होने पर भी सरकार ने इस दिशा में कोई कदम नहीं उठाया है। इसलिए आज एक बार फिर से मुख्यमंत्री से मिलने पहुंचे हैं।
एसएमसी अध्यापकों का कहना है कि प्रदेश के दूरदराज क्षेत्रों में वे कई वर्षों से अपनी जान को भी जोखिम में डालकर स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे हैं लेकिन हर बार चाहे बीजेपी हो या कांग्रेस दोनों ही सरकारें एसएमसी अध्यापकों को नियमितकरण का आश्वासन देती है लेकिन आज दिन तक इस दिशा में कोई कदम सरकार द्वारा नहीं उठाया गया है।
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सुक्खू सरकार ने भी चुनावों से पहले एसएमसी अध्यापकों को नियमित करने का आश्वासन दिया था लेकिन 9 महीने बीत जाने के बाद भी सरकार ने कोई नीति एसएमसी के लिए नहीं बनाई है। अगर आज भी मुख्यमंत्री की तरफ से कोई कदम नहीं उठाया गया तो वह अनशन पर बैठने को मजबूर होंगे।
बता दे कि प्रदेश में लगभग 2555 एसएमसी अध्यापक हैं जो कई वर्षो से अपनी सेवाएं दुर्गम क्षेत्रों के स्कूलों में सेवाएं दे रहे हैं।
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