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शिमला ,28 फरवरी ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां बताया कि एशियन विकास बैंक (एडीबी) ने प्रदेश में पर्यटन अधोसंरचना विकसित करने के लिए 1311.20 करोड़ रुपये की परियोजना को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी प्रदान की है। इसमें नई एडीबी परियोजना की ट्रेंच-1 की उप-परियोजनाएं शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि एडीबी ने प्रदेश सरकार की पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने की परिकल्पना की सराहना की है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में पर्यटन अधोसंरचना विकसित करने के लिए महत्वाकांक्षी योजनाएं तैयार की गई हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना के ट्रेंच-1 में पालमपुर शहर का सौंन्दर्यीकरण, धर्मशाला में सम्मेलन केन्द्र, मण्डी में शिवधाम का विकास, परागपुर में ग्रीन पार्क, धर्मशाला, मनाली और शिमला में आईस स्केटिंग रिंक एवं रोलर स्केटिंग रिंक का निर्माण शामिल है। उन्होंने कहा कि इस ट्रेंच के तहत शिमला, धर्मशाला, नादौन, मनाली और कुल्लू में वेलनेस केन्द्रों व धर्मशाला में उच्च गुणवत्तायुक्त फाउंटेन टूरिस्ट सुविधा तथा मण्डी-कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग, नादौन व कालेश्वर महादेव कांगड़ा में वे-साइड सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना के तहत नादौन में राफ्टिंग व वाटर पार्क परिसर, पौंग डैम, तत्तापानी, नादौन व बंगाणा इत्यादि स्थानों में जलक्रीड़ा उपकरण, जैटी, शिकारा, हाउस बोट व बाइकिंग रूट सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। इसके अलावा श्री बाबा बालक नाथ जी मंदिर में पर्यटन सुविधाएं, अटल रोहतांग टनल में प्रवेश व निकास स्थानों में पर्यटन आधारित गतिविधियों का विकास भी किया जाएगा। इसके साथ-साथ परियोजना के तहत पर्यटन को बढ़ावा देने, इसके विपणन व प्रचार-प्रसार तथा पर्यटन विकास में स्थानीय समुदायों की क्षमता निर्माण के लिए भी प्रावधान किए गए हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने के प्रयासों के दृष्टिगत राज्य को इण्डिया टूडे पर्यटन सर्वेक्षण एवं पुरस्कार के अन्तर्गत बेस्ट एडवेंचर डेस्टिनेशन, मोस्ट सीनिक रोड्स तथा बेस्ट माउन्टेन डेस्टिनेशन्स श्रेणी में विजेता पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शिमला, कुल्लू-मनाली जैसे पर्यटक स्थलों पर यातायात दबाव कम करने एवं पर्यटकों को मनभावन हिमाचल में अधिक से अधिक समय तक ठहराव के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार साहसिक, धार्मिक, ग्रामीण एवं सप्ताहान्त पर्यटन को प्रोत्साहित कर रही है। पर्यटकों को होम स्टे शृंखला के माध्यम से राज्य के अनछुए प्राकृतिक स्थलों पर समय बिताने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। राज्य में पर्यटकों एवं स्थानीय निवासियों की सुविधा के लिए विभिन्न अधोसंरचना को सुदृढ़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में बेहतर हवाई सुविधा उपलब्ध करवाने की दिशा में योजनाबद्ध कार्य कर रही है। राज्य के पारंपरिक व्यंजनों एवं हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए खाद्य एवं सांस्कृतिक उत्सव आयोजित किए जा रहे हैं ताकि पर्यटक भी हिमाचल की विविध संस्कृति एवं हस्तकलाओं से लाभान्वित हो सकें। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला ,28 फरवरी ! मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू ने आज यहां बताया कि एशियन विकास बैंक (एडीबी) ने प्रदेश में पर्यटन अधोसंरचना विकसित करने के लिए 1311.20 करोड़ रुपये की परियोजना को सैद्धांतिक रूप से मंजूरी प्रदान की है। इसमें नई एडीबी परियोजना की ट्रेंच-1 की उप-परियोजनाएं शामिल हैं। मुख्यमंत्री ने प्रसन्नता व्यक्त करते हुए कहा कि एडीबी ने प्रदेश सरकार की पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने की परिकल्पना की सराहना की है। राज्य सरकार द्वारा प्रदेश में पर्यटन अधोसंरचना विकसित करने के लिए महत्वाकांक्षी योजनाएं तैयार की गई हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना के ट्रेंच-1 में पालमपुर शहर का सौंन्दर्यीकरण, धर्मशाला में सम्मेलन केन्द्र, मण्डी में शिवधाम का विकास, परागपुर में ग्रीन पार्क, धर्मशाला, मनाली और शिमला में आईस स्केटिंग रिंक एवं रोलर स्केटिंग रिंक का निर्माण शामिल है। उन्होंने कहा कि इस ट्रेंच के तहत शिमला, धर्मशाला, नादौन, मनाली और कुल्लू में वेलनेस केन्द्रों व धर्मशाला में उच्च गुणवत्तायुक्त फाउंटेन टूरिस्ट सुविधा तथा मण्डी-कुल्लू राष्ट्रीय राजमार्ग, नादौन व कालेश्वर महादेव कांगड़ा में वे-साइड सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी।
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मुख्यमंत्री ने कहा कि इस परियोजना के तहत नादौन में राफ्टिंग व वाटर पार्क परिसर, पौंग डैम, तत्तापानी, नादौन व बंगाणा इत्यादि स्थानों में जलक्रीड़ा उपकरण, जैटी, शिकारा, हाउस बोट व बाइकिंग रूट सुविधाएं भी विकसित की जाएंगी। इसके अलावा श्री बाबा बालक नाथ जी मंदिर में पर्यटन सुविधाएं, अटल रोहतांग टनल में प्रवेश व निकास स्थानों में पर्यटन आधारित गतिविधियों का विकास भी किया जाएगा। इसके साथ-साथ परियोजना के तहत पर्यटन को बढ़ावा देने, इसके विपणन व प्रचार-प्रसार तथा पर्यटन विकास में स्थानीय समुदायों की क्षमता निर्माण के लिए भी प्रावधान किए गए हैं।
मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र को विकसित करने के प्रयासों के दृष्टिगत राज्य को इण्डिया टूडे पर्यटन सर्वेक्षण एवं पुरस्कार के अन्तर्गत बेस्ट एडवेंचर डेस्टिनेशन, मोस्ट सीनिक रोड्स तथा बेस्ट माउन्टेन डेस्टिनेशन्स श्रेणी में विजेता पुरस्कार भी प्राप्त हुए हैं। उन्होंने कहा कि प्रदेश के शिमला, कुल्लू-मनाली जैसे पर्यटक स्थलों पर यातायात दबाव कम करने एवं पर्यटकों को मनभावन हिमाचल में अधिक से अधिक समय तक ठहराव के लिए प्रेरित करने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार साहसिक, धार्मिक, ग्रामीण एवं सप्ताहान्त पर्यटन को प्रोत्साहित कर रही है। पर्यटकों को होम स्टे शृंखला के माध्यम से राज्य के अनछुए प्राकृतिक स्थलों पर समय बिताने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।
राज्य में पर्यटकों एवं स्थानीय निवासियों की सुविधा के लिए विभिन्न अधोसंरचना को सुदृढ़ किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि प्रदेश सरकार राज्य में बेहतर हवाई सुविधा उपलब्ध करवाने की दिशा में योजनाबद्ध कार्य कर रही है। राज्य के पारंपरिक व्यंजनों एवं हस्तशिल्प को बढ़ावा देने के लिए खाद्य एवं सांस्कृतिक उत्सव आयोजित किए जा रहे हैं ताकि पर्यटक भी हिमाचल की विविध संस्कृति एवं हस्तकलाओं से लाभान्वित हो सकें।
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