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शिमला , 01 मार्च [ विशाल सूद ] ! राजधानी शिमला के समरहिल में बसे हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के लंबे और रोचक इतिहास के साथ महात्मा गांधी का एक खास नाता रहा है। ऐसे में एनएसयूआई छात्र संगठन लगातार हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में महात्मा गांधी की एक प्रतिमा लगाने कि मांग कर रहा है। एनएसयूआई छात्र नेता वीनू मेहता कहते हैं कि महात्मा गांधी पूरे देश और विश्व के लिए शांति के प्रतीक रहे हैं और एक प्रेरणा स्त्रोत है। महात्मा गांधी अपनी अनेक शिमला यात्राओं के दौरान समरहिल में रुके हैं। ऐसे में विश्वविद्यालय से उनका खास नाता है। इसलिए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में उनकी एक प्रतिमा लगनी चाहिए। उन्होंने बताया की इसके लिए एनएसयूआई ने वाइस चांसलर को ज्ञापन भी सौंपा और प्रतिमा लगाने की लगातार मांग भी की। बिनु मेहता ने कहा कि विश्वविद्यालय कैंपस में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की प्रतिमा भी लगाई गई। हालांकि प्रदेश विश्वविद्यालय के लिए उनका कोई ख़ास योगदान नहीं था , लेकिन उनकी प्रतिमा के कैंपस में है। मेहता ने कहा कि वे उसका विरोध नहीं कर रहे हैं लेकिन महात्मा गांधी, जिनका विश्वविद्यालय परिसर से खास नाता रहा है, उनकी प्रतिमा कैंपस में जरूर होनी चाहिए। हिमाचल की राजधानी शिमला इतिहास की कहानियों से भरा हुआ शहर है। गुलामी के दौर में यह शहर कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी बना। अहिंसा के मार्ग पर आजादी की लड़ाई में उतरे महात्मा गांधी भी अनेक बार शिमला आए। अपनी इन यात्राओं के दौरान महात्मा कई बार राजकुमारी अमृत कौर के घर में रुके। यह घर आज भी प्रदेश विश्वविद्यालय के कैंपस में मौजूद है। ऐसे में विश्वविद्यालय से महात्मा गांधी के जुड़ाव को देखते हुए एनएसयूआई यूनिवर्सिटी में महात्मा गांधी की प्रतिमा लगाने की मांग कर रही है। छात्र नेता वीनू मेहता का कहना है की एनएसयूआई पिछली सरकारों से और वाइस चांसलर को ज्ञापन के जरिए महात्मा गांधी की प्रतिमा लगाने की मांग लगातार करते रहे हैं। महात्मा गांधी अहिंसा के प्रतीक हैं और पूरे विश्व के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत, ऐसे में विश्वविद्यालय कैंपस में उनकी एक प्रतिमा होनी चाहिए। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला , 01 मार्च [ विशाल सूद ] ! राजधानी शिमला के समरहिल में बसे हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय के लंबे और रोचक इतिहास के साथ महात्मा गांधी का एक खास नाता रहा है। ऐसे में एनएसयूआई छात्र संगठन लगातार हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में महात्मा गांधी की एक प्रतिमा लगाने कि मांग कर रहा है। एनएसयूआई छात्र नेता वीनू मेहता कहते हैं कि महात्मा गांधी पूरे देश और विश्व के लिए शांति के प्रतीक रहे हैं और एक प्रेरणा स्त्रोत है। महात्मा गांधी अपनी अनेक शिमला यात्राओं के दौरान समरहिल में रुके हैं। ऐसे में विश्वविद्यालय से उनका खास नाता है। इसलिए हिमाचल प्रदेश विश्वविद्यालय में उनकी एक प्रतिमा लगनी चाहिए। उन्होंने बताया की इसके लिए एनएसयूआई ने वाइस चांसलर को ज्ञापन भी सौंपा और प्रतिमा लगाने की लगातार मांग भी की। बिनु
मेहता ने कहा कि विश्वविद्यालय कैंपस में पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेई की प्रतिमा भी लगाई गई। हालांकि प्रदेश विश्वविद्यालय के लिए उनका कोई ख़ास योगदान नहीं था , लेकिन उनकी प्रतिमा के कैंपस में है। मेहता ने कहा कि वे उसका विरोध नहीं कर रहे हैं लेकिन महात्मा गांधी, जिनका विश्वविद्यालय परिसर से खास नाता रहा है, उनकी प्रतिमा कैंपस में जरूर होनी चाहिए।
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हिमाचल की राजधानी शिमला इतिहास की कहानियों से भरा हुआ शहर है। गुलामी के दौर में यह शहर कई महत्वपूर्ण घटनाओं का साक्षी बना। अहिंसा के मार्ग पर आजादी की लड़ाई में उतरे महात्मा गांधी भी अनेक बार शिमला आए। अपनी इन यात्राओं के दौरान महात्मा कई बार राजकुमारी अमृत कौर के घर में रुके। यह घर आज भी प्रदेश विश्वविद्यालय के कैंपस में मौजूद है। ऐसे में विश्वविद्यालय से महात्मा गांधी के जुड़ाव को देखते हुए एनएसयूआई यूनिवर्सिटी में महात्मा गांधी की प्रतिमा लगाने की मांग कर रही है।
छात्र नेता वीनू मेहता का कहना है की एनएसयूआई पिछली सरकारों से और वाइस चांसलर को ज्ञापन के जरिए महात्मा गांधी की प्रतिमा लगाने की मांग लगातार करते रहे हैं। महात्मा गांधी अहिंसा के प्रतीक हैं और पूरे विश्व के लिए एक प्रेरणा स्त्रोत, ऐसे में विश्वविद्यालय कैंपस में उनकी एक प्रतिमा होनी चाहिए।
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