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शिमला ! हिमाचल प्रदेश समिति (एनएचएम) अनुबंध कर्मचारी संघ ने पाॅलिसी ना बनाए जाने काे लेकर अब सरकार के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है बुधवार को एनएचएम कर्मचारियों ने 1 दिन की सांकेतिक पेन डाउन स्ट्राइक रखी इस दौरान आईजीएमसी में किसी भी मरीज की जांच नहीं की गई आईजीएमसी में प्रतिदिन 60 से 70 मरीजों की टेस्ट किए जाते हैं जो एन एच एम के कर्मचारी ही टेस्ट करते हैं जिसमें टीवी टेस्ट बलगम टेस्ट व अन्य टेस्ट शामिल है लेकिन बुधवार को ऑफिस के बाहर असुविधा के लिए खेद है का पोस्टर लगा कर रखा और किसी भी मरीज की जांच नही की कर्मचारियों का कहना है कि कल गुरुवार से 2 घंटे की पेन डाउन हड़ताल रखेंगे और 7 तारीख तक जारी रहेगी तब भी यदि सरकार उनकी मांग नहीं मानती है तो अनिश्चितकालीन हड़ताल पर चले जाएंगे। संघ की सलाहकार , संगीता चंदेल और सुलोचना ने कहा कि हड़ताल काे लेकर सरकर को पांच जनवरी को अल्टीमेटम दे दिया था। सभी जिला के एनएचएम कर्मचारियों ने सीएमओ के माध्यम से भी सचिव स्वास्थ्य मिशन निदेशक, निदेशक स्वास्थ्य सहित सभी अधिकारियाें काे ज्ञापन भेजा गया। उन्हाेंने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के तत्वावधान में राज्य स्वास्थ्य समिति (एनएचएम) के तहत 1996 से कुष्ठ रोग कार्यक्रम से शुरुआत हुई और सन 1998 से क्षय रोग कार्यक्रम के तहत कर्मचारियों की नियुक्तियां हुई और अब तक प्रदेश में विभिन कार्यक्रमों के तहत विभिन्न पदाें पर कर्मचारी नियुक्त हैं जिनको अपनी सेवाएं देते हुए लगभग 23 वर्ष हो गए हैं। इनमें से कई कर्मचारी सेवानिवृत भी हो चुके हैं व सेवाकाल के दौरान 4 कर्मचारियों की मृत्यु भी हो चुकी है जो कर्मचारी सेवानिवृत हुए इन कर्मचारियों को कोई ग्रेज्यूटी का लाभ भी नहीं दिया गया। सरकार 23 वर्षों से कोई भी स्थाई नीति नहीं बना पाई है। एेसे में अब कर्मचारियाें के पास काेई रास्ता नहीं बचा है। उनका कहना था कि अब माँगे नही मानी तो अनिश्चित कालीन हड़ताल पर चले जायेंगे।
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