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शिमला ! एचआरटीसी बसों में महिलाओं को 50 प्रतिशत किराए में छूट देने से राजधानी शिमला के निजी बस ऑपरेटर मुखर हो गए है और सरकार से इस फैसले को वापस लेने की मांग की है और यदि यह फैसला वापस नहीं लिया जाता है तो निजी बस चालक परिचालको ने बसें खड़ी कर उग्र आंदोलन करने की चेतावनी भी दे दी है। निजी बस चालक परिचालक संघ का कहना है कि सरकारी बसों में 50 फीसदी किराए में छूट के चलते निजी बसों में महिलाएं सफर नहीं कर रही है निजी बस चालक परिचालकों के रोजगार पर संकट आ गया है। सरकार ने पहली जुलाई से प्रदेश भर में एचआरटीसी की बसों में महिलाओं को किराए में 50 प्रतिशत छूट दी जा रही। सरकार के इस फैसले से महिलाएं सरकारी बसों में सफर कर रही है और निजी बस ऑपरेटरों को घटा झेलना पड़ रहा है उन्होंने कहा कि पहले ही पेट्रोल डीजल के दाम आसमान छू रहे दूसरी और यह सरकार इस तरह के फैसले लेकर मुश्किलें और भी बढ़ा रही है। कोरोना काल में वैसे ही निजी बस ऑपरेटर मुश्किल दौर से गुजरे हैं ओर अब सरकार के इस तरह के फैसले से दोबारा से बसें खड़ी करने की नौबत आ रही है। उन्होंने कहा कि सरकार चुनावी वर्ष में लोगो को लुभाने के लिए इस तरह के फैसले ले रही है। प्रदेश में भी केजरीवाल का मुफ्त मॉडल लागू किया जा रहा है। सरकार को रसोई गैस, सीमेंट सहित अन्य जरूरी वस्तुओं में छूट देनी चाहिए न कि बस किराया में। उन्होंने सरकार को 10 दिन के भीतर अपने फैसले को वापस लेने का अल्टीमेटम दिया है ओर यदि दोबारा इस फैसले पर विचार नही किया जाता तो निजी बस ऑपरेटर बसों को खड़ी कर देंगे और धरना प्रदर्शन करने पर मजबूर हो जाएंगे।
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