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शिमला , 31 जनवरी [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती को लीगल करने की मांग लंबे अरसे से होती रही है। विपक्ष में रहते कुछ कांग्रेस विधायक समय समय पर इसकी मांग उठाते रहें हैं और हाई कोर्ट में भी पीआईएल के माध्यम इसको लीगल करने को लेकर मामला उठाया गया है। कांग्रेस पार्टी अब सत्ता में आ चुकी है और भांग की खेती को लीगल करने के लिए पॉलिसी बनाने जा रही है। कुल्लु से विधायक और सीपीएस सुन्दर सिंह ठाकुर हिमाचल प्रदेश में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पंजाब की तर्ज पर भांग की खेती के लिए पॉलिसी बनाएं जाने का दावा कर रहे हैं। सीपीएस सुन्दर सिंह ठाकुर ने कहा है कि भांग की खेती को औधौगिक उद्देश्य से लीगल करने के लिए पॉलिसी बनाने के हाई कोर्ट दो बार पूर्व सरकार को अंतरिम आदेश भी दे चुकी है लेकिन पूर्व सरकार ने इसमें कोइ काम नहीं किया। भांग का प्रयोग कई तरह की दवाइयों, कपड़ों, जैकेट, रेशा इत्यादि को बनाने के लिए किया जा सकता है। कैंसर, ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारी की दवाईयां भाग से बनती है। भांग के पौधे से नशे का एलिमेंट निकाल कर इसे औषधीय, हैंडलूम और हेंडीक्राफ्ट के उत्पादों को बनाया जा सकता है। भांग की खेती से लोगों की आय के साधन भी बनेंगे वहीं औषधीय प्रयोग में भी लाया जा सकेगा। इजराइल ने भांग की औषधीय गुणों को साबित करते हुए कोविड की दवाईयां भी भांग से बनाई है ।इसलिए हिमाचल सरकार इसके लिए पॉलिसी लेकर आएगी और अन्य राज्यों की तर्ज पर हिमाचल में भी भांग की खेती को लीगल किया जाएगा। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
शिमला , 31 जनवरी [ विशाल सूद ] ! हिमाचल प्रदेश में भांग की खेती को लीगल करने की मांग लंबे अरसे से होती रही है। विपक्ष में रहते कुछ कांग्रेस विधायक समय समय पर इसकी मांग उठाते रहें हैं और हाई कोर्ट में भी पीआईएल के माध्यम इसको लीगल करने को लेकर मामला उठाया गया है। कांग्रेस पार्टी अब सत्ता में आ चुकी है और भांग की खेती को लीगल करने के लिए पॉलिसी बनाने जा रही है। कुल्लु से विधायक और सीपीएस सुन्दर सिंह ठाकुर हिमाचल प्रदेश में उत्तराखंड, उत्तर प्रदेश और पंजाब की तर्ज पर भांग की खेती के लिए पॉलिसी बनाएं जाने का दावा कर रहे हैं।
सीपीएस सुन्दर सिंह ठाकुर ने कहा है कि भांग की खेती को औधौगिक उद्देश्य से लीगल करने के लिए पॉलिसी बनाने के हाई कोर्ट दो बार पूर्व सरकार को अंतरिम आदेश भी दे चुकी है लेकिन पूर्व सरकार ने इसमें कोइ काम नहीं किया। भांग का प्रयोग कई तरह की दवाइयों, कपड़ों, जैकेट, रेशा इत्यादि को बनाने के लिए किया जा सकता है। कैंसर, ट्यूमर जैसी गंभीर बीमारी की दवाईयां भाग से बनती है। भांग के पौधे से नशे का एलिमेंट निकाल कर इसे औषधीय, हैंडलूम और हेंडीक्राफ्ट के उत्पादों को बनाया जा सकता है। भांग की खेती से लोगों की आय के साधन भी बनेंगे वहीं औषधीय प्रयोग में भी लाया जा सकेगा। इजराइल ने भांग की औषधीय गुणों को साबित करते हुए कोविड की दवाईयां भी भांग से बनाई है ।इसलिए हिमाचल सरकार इसके लिए पॉलिसी लेकर आएगी और अन्य राज्यों की तर्ज पर हिमाचल में भी भांग की खेती को लीगल किया जाएगा।
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