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शिमला , 20 अक्टूबर [ विशाल सूद ] ! प्रदेश में पहले ही दिव्यांगजनों के लिए समर्पित पाठशालाएं कम है. इन्हीं गिने-चुने स्कूलों में शामिल है राजधानी शिमला के ढली में स्थित मुक-वधिर बच्चों के लिए एकमात्र आईसीएसए पाठशाला है. लेकिन विडंबना यह है कि पिछले 10 दिनों से शिक्षक हड़ताल पर हैं और प्रभावित बच्चों की शिक्षा हो रही है। बच्चों के लिए यह समय अधिक महत्वपूर्ण इसलिए था कि दौरान बच्चों परीक्षाएं भी चल रही थी. अब ऐसे में परेशान अभिभावक अपनी अर्जी लेकर मुख्यमंत्री दरबार में पहुंचे हैं. अभिभावकों ने बताया कि बीते 10 दिनों से शिक्षक अपनी मांगों को लेकर हड़ताल में है लेकिन इसका बुरा प्रभाव बच्चों पर पढ़ रहा है. इस दौरान बच्चों की परीक्षाएं चल रही थी लेकिन हड़ताल के चलते ना तो परीक्षाएं पूरी हो पाई है और ऊपर से देखने बोलने सुनने में असमर्थ बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है। महत्वपूर्ण बात यह भी है कि यह स्कूल सरकार की किसी नीति के अधीन नहीं है. ऐसे में अभिभावक अब इस बात की मांग कर रहे हैं कि सुंदर नगर स्थित स्कूल की तर्ज पर इस स्कूल को भी सरकार अपने अधीन संचालित करे. इस दौरान उन्होंने कहा कि स्कूल में एक परेशानी यह भी है कि दृष्टिबाधित बच्चों को पढ़ने के लिए कोई ब्रेल लिपि ज्ञात शिक्षक मौजूद नहीं है. ऐसे में अब अभिभावक मुख्यमंत्री के दरबार में पहुंचकर समस्याओं के हल की उम्मीद जता रहे हैं।
शिमला , 20 अक्टूबर [ विशाल सूद ] ! प्रदेश में पहले ही दिव्यांगजनों के लिए समर्पित पाठशालाएं कम है. इन्हीं गिने-चुने स्कूलों में शामिल है राजधानी शिमला के ढली में स्थित मुक-वधिर बच्चों के लिए एकमात्र आईसीएसए पाठशाला है. लेकिन विडंबना यह है कि पिछले 10 दिनों से शिक्षक हड़ताल पर हैं और प्रभावित बच्चों की शिक्षा हो रही है। बच्चों के लिए यह समय अधिक महत्वपूर्ण इसलिए था कि दौरान बच्चों परीक्षाएं भी चल रही थी. अब ऐसे में परेशान अभिभावक अपनी अर्जी लेकर मुख्यमंत्री दरबार में पहुंचे हैं.
अभिभावकों ने बताया कि बीते 10 दिनों से शिक्षक अपनी मांगों को लेकर हड़ताल में है लेकिन इसका बुरा प्रभाव बच्चों पर पढ़ रहा है. इस दौरान बच्चों की परीक्षाएं चल रही थी लेकिन हड़ताल के चलते ना तो परीक्षाएं पूरी हो पाई है और ऊपर से देखने बोलने सुनने में असमर्थ बच्चों की पढ़ाई भी प्रभावित हो रही है।
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महत्वपूर्ण बात यह भी है कि यह स्कूल सरकार की किसी नीति के अधीन नहीं है. ऐसे में अभिभावक अब इस बात की मांग कर रहे हैं कि सुंदर नगर स्थित स्कूल की तर्ज पर इस स्कूल को भी सरकार अपने अधीन संचालित करे. इस दौरान उन्होंने कहा कि स्कूल में एक परेशानी यह भी है कि दृष्टिबाधित बच्चों को पढ़ने के लिए कोई ब्रेल लिपि ज्ञात शिक्षक मौजूद नहीं है. ऐसे में अब अभिभावक मुख्यमंत्री के दरबार में पहुंचकर समस्याओं के हल की उम्मीद जता रहे हैं।
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