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शिमला ! प्रदेश के सबसे बड़े अस्पताल आईजीएमसी में मरीजों के लिए निशुल्क शुरू किए गए गुरु का लंगर और रेन बसेरा में पैसे वसूलने पर शिमला के सिख समुदाय भड़क गया है और शिमला उपायुक्त को ज्ञापन सौंपकर कार्रवाई की मांग की है । सोमवार को शहर के सभी 8 गुरुद्वारों की कार्यकारिणी समितियों के प्रतिनिधियों शिमला उपायुक्त आदित्य नेगी को ज्ञापन सौंप कर कार्यवाही ओर लंगर से गुरु नानक की फ़ोटो हटाने की मांग की। गुरुद्वारा सिंह सभा के अध्यक्ष जसविंदर सिंह ने कहा कि आईजीएमसी अस्पताल में गुरु नानक के नाम से निशुल्क लंगर की सेवा शुरू की गई है लेकिन वहां पर गुरु के नाम पर लोगों से पैसे वसूले जा रहे हैं जबकि अब तक यह सेवा नि:शुल्क की जा रही थी। हाल ही में सोशल मीडिया में गरीबों से पैसे लाने का वीडियो भी वायरल हो रहा है। इसको लेकर सिख समुदाय के बीच भारी आक्रोश है इसको लेकर आज उपायुक्त को ज्ञापन सौंपा गया है उन्होंने कहा है कि नोफेल सोसायटी की इस कार्रवाई से सिख समुदाय को आघात पहुचा है । आईजीएमसी में गुरु नानक का लंगर ओर बसेरा बना है। नोफल सुसाईटी सेवा कर रहे है लेकिन गुरु नानक के नाम से पैसे लिए जा रहे है। जो मरीज वहां आ रहे है उसने पैसे वसूले जा रहे है जबकि जहा गुरु नानक का घर होता है वहा निशुल्क सेवा होती है पैसे नही लिए जाने चाहिए । इसके लिए डीसी शिमला को ज्ञापन सौंपा है और तुरंत गुरु नानक का फोटो ओर नाम हटने की मांग की गई है। उन्होंने कहा कि सरकार द्वारा आईजीएमसी में 50 बेड का रेन बसेरा बनाया है जिसे मरीजो के लिए निःशुक चलाया जा रहा था और गुरु नानक के नाम से नोफल संस्था द्वारा लंगर चलाया जा रहा लेकिन बड़े दुख की बात है कि गुरु के नाम पर पैसे वसूले जा रहे है जोकि दुर्भाग्यपूर्ण है।
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