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शिमला ! अवेकन इण्डियन मूवमेंट के बैनर तले आज शिमला उपायुक्त कार्यलय के बाहर धरना प्रदर्श कर स्वास्थ विभाग एवं राष्ट्रीय आपदा प्रबंधन के तहत कोरोना काल के दौरान लोगों में जो प्रदेश एवं केंद्र द्वारा दहशत का माहौल बनाया गया है वह सरासर गलत है जहां एक ओर सरकार कोरोना टीकाकरण करवाने के लिए आम लोगों पर दबाव बना रही है वहीं दूसरी ओर मास्क न पहनने पर लोगों का 500 रुपये तथा उसे अधिक का चालान कर रही है वह सरासर गलत है सरकार कोरोना से बचने के लिये जागरूक अभियान तो चला रही है परंतु वह केवल अपना ही पक्ष देखा रही है और लोगों मैं दबाव बनाकर अपने नियमों को लागू कराने में जुटी हुई है उन्होंने कहा कि जब केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्रालय से आरटीआई के माध्यम से पूछा गया कि कोरो ना टीकाकरण और मास्क लगाना अनिवार्य है तो स्वास्थ्य मंत्रालय से यह जवाब आया कि लगाना अनिवार्य नहीं है लेकिन सुरक्षा से इसे लगाया जा सकता है तो वही मास्क भी स्वेच्छा अनुसार ही लगाया जा सकता है लेकिन बात की जाए प्रदेश में तो यहां पर टीकाकरण तथा मास्क लगाना अनिवार्य किया गया है और चालान भी किए जा रहे हैं । जिससे यह लगता है कि जिला प्रशासन जनता के ऊपर सरेआम दादागिरी करने का प्रयत्न कर रहे हैं जो कि गलत है । वीओ : वह इस अवसर पर अवेकन इण्डियन मूवमेंट के प्रदेश संचालक ने कहा कि जिला आपदा प्रबंधन के तहत सरकार अपने नियमों को लोगों पर ठोकने का वेतन कर रही है जो कि सरासर गलत है सरकार को दोनों पहलू जनता के बीच में रखने चाहिए क्योंकि जहां एक ओर कोरोना से मौत होने पर 50000 का मुआवजा मिलता है तो कोरोना टीका करण के बाद यदि किसी की मौत होती है तो उसे कुछ भी नहीं दिया जाता तो यह दोहरा मापदंड क्यों अपनाया जा रहा है इसको लेकर ही आज लोगों को जागरूक करने के लिए धरना प्रदर्शन किया गया
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