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शिमला ! अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद शिमला द्वारा उपायुक्त कार्यालय शिमला के बाहर छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में शहीद वीर जवानों को श्रद्धांजलि देकर नक्सलियों के विरोध में धरना प्रदर्शन किया गया। हमें देखने को मिलता है कि पिछले कुछ दिनों में छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों द्वारा भारतीय सेना के जवानों पर एक कायराना हमला किया जाता है जिससे हमारे सेना के जवान शहीद होते हैं। नक्सलवाद का विचार चीन के माओ से प्रेरित होकर इस देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बहुत बड़ा खतरा बन चुका है। इस देश की विडंबना है की इसी विचार से प्रेरित होकर कुछ राजनीतिक संगठन भी इस देश में सक्रिय रूप से कार्य कर रहे है। चाहे वो सेना को बलात्कारी कहकर सेना का मनोबल गिराने की बात हो, भारत के जवानों की शहादत पर जे एन यू में वामपंथी छात्र संगठनों द्वारा डफली बजाकर जशन मनाना हो ऐसे विचार के लोगों ने हमेशा अपनी असली चेहरा देश के समक्ष रखा है। आज समाज में ऐसे बौद्धिक आतंकवाद से ग्रस्त लोगों के सामाजिक बहिष्कार करने की आवश्यकता है जो इन नक्सल वादियों का समर्थन करते है। प्रांत मंत्री विशाल वर्मा ने कहा कि इस देश में बार बार इन नक्सलियों द्वारा ऐसे कायराना हमले किए जाते हैं। यहां के स्थानीय लोगों को बरगलाने का कार्य किया जाता है। इनके पीछे इस देश का देशविरोधी संगठन लाल सलाम का नाम देने वाले इन्हें बरगलाने का कार्य करते हैं। यहां के लोगों की गरीबों का फायदा उठाया जाता है। प्रांत मंत्री विशाल वर्मा ने कहा कि विद्यार्थी परिषद केन्द्र सरकार से मांग करती है कि भारतीय सेना को अधिक आधुनिक हथियारों से सुसज्जित किया जाए। उन्हें इन नक्सलियों के खात्मे के लिए खुली छूट दी जाएं। इनके इस कायराना हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएं।
शिमला ! अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद शिमला द्वारा उपायुक्त कार्यालय शिमला के बाहर छत्तीसगढ़ के बीजापुर में हुए नक्सली हमले में शहीद वीर जवानों को श्रद्धांजलि देकर नक्सलियों के विरोध में धरना प्रदर्शन किया गया।
हमें देखने को मिलता है कि पिछले कुछ दिनों में छत्तीसगढ़ के बीजापुर में नक्सलियों द्वारा भारतीय सेना के जवानों पर एक कायराना हमला किया जाता है जिससे हमारे सेना के जवान शहीद होते हैं। नक्सलवाद का विचार चीन के माओ से प्रेरित होकर इस देश की आंतरिक सुरक्षा के लिए एक बहुत बड़ा खतरा बन चुका है। इस देश की विडंबना है की इसी विचार से प्रेरित होकर कुछ राजनीतिक संगठन भी इस देश में सक्रिय रूप से कार्य कर रहे है। चाहे वो सेना को बलात्कारी कहकर सेना का मनोबल गिराने की बात हो, भारत के जवानों की शहादत पर जे एन यू में वामपंथी छात्र संगठनों द्वारा डफली बजाकर जशन मनाना हो ऐसे विचार के लोगों ने हमेशा अपनी असली चेहरा देश के समक्ष रखा है। आज समाज में ऐसे बौद्धिक आतंकवाद से ग्रस्त लोगों के सामाजिक बहिष्कार करने की आवश्यकता है जो इन नक्सल वादियों का समर्थन करते है।
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प्रांत मंत्री विशाल वर्मा ने कहा कि इस देश में बार बार इन नक्सलियों द्वारा ऐसे कायराना हमले किए जाते हैं। यहां के स्थानीय लोगों को बरगलाने का कार्य किया जाता है। इनके पीछे इस देश का देशविरोधी संगठन लाल सलाम का नाम देने वाले इन्हें बरगलाने का कार्य करते हैं। यहां के लोगों की गरीबों का फायदा उठाया जाता है।
प्रांत मंत्री विशाल वर्मा ने कहा कि विद्यार्थी परिषद केन्द्र सरकार से मांग करती है कि भारतीय सेना को अधिक आधुनिक हथियारों से सुसज्जित किया जाए। उन्हें इन नक्सलियों के खात्मे के लिए खुली छूट दी जाएं। इनके इस कायराना हरकत का मुंहतोड़ जवाब दिया जाएं।
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