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शिमला। राजधानी शिमला शहर में नगर निगम ने प्रापर्टी टैक्स और कूड़ा शुल्क के कैश काउंटर बंद करने के बाद अब पेयजल कंपनी ने भी अपने सभी बिल काउंटर बंद करने का फैसला लिया है। कंपनी का कहना है कि अगले एक हफ्ते तक वार्ड कार्यालयों में खोले गए बिल काउंटर बंद रहेंगे। ऐसे में लोगों के बिल ठीक करने और इन्हें जमा करने का काम भी बंद रहेगा। लोगों को प्रापर्टी टैक्स और कूड़ा शुल्क की तरह अब पेयजल बिल का भुगतान भी ऑनलाइन ही करना होगा। कूड़ा शुल्क और पेयजल बिलों को जमा करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है जिसे अब कैश काउंटर बंद होने के बाद एक हफ्ते आगे बढ़ाया जा सकता है। हालांकि इस पर अंतिम फैसला 31 जुलाई को ही लिया जाएगा। इसी तरह टैक्स भुगतान की अंतिम तारीख भी बढ़ाई जाएगी। मेयर सत्या कौंडल का कहना हैं कि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए ही यह काउंटर बंद रखने का फैसला लिया गया है। लोग आनलाइन भी अपना बिल भुगतान कर सकते हैं। इसके अतिरिक्त नगर निगम का सुविधा केंद्र सहित बाकी कांउटर भी बंद रखने का फैसला लिया गया है जोकि बीते सोमवार से ही बंद कर दिए गए है। कांउटर बंद होेने की लोगों को सूचना नहीं थी तो उन्हें निराश होकर ही वापस घर लौटना पड़ा।
शिमला। राजधानी शिमला शहर में नगर निगम ने प्रापर्टी टैक्स और कूड़ा शुल्क के कैश काउंटर बंद करने के बाद अब पेयजल कंपनी ने भी अपने सभी बिल काउंटर बंद करने का फैसला लिया है। कंपनी का कहना है कि अगले एक हफ्ते तक वार्ड कार्यालयों में खोले गए बिल काउंटर बंद रहेंगे। ऐसे में लोगों के बिल ठीक करने और इन्हें जमा करने का काम भी बंद रहेगा। लोगों को प्रापर्टी टैक्स और कूड़ा शुल्क की तरह अब पेयजल बिल का भुगतान भी ऑनलाइन ही करना होगा। कूड़ा शुल्क और पेयजल बिलों को जमा करने की अंतिम तारीख 31 जुलाई है जिसे अब कैश काउंटर बंद होने के बाद एक हफ्ते आगे बढ़ाया जा सकता है।
हालांकि इस पर अंतिम फैसला 31 जुलाई को ही लिया जाएगा। इसी तरह टैक्स भुगतान की अंतिम तारीख भी बढ़ाई जाएगी। मेयर सत्या कौंडल का कहना हैं कि कोरोना संक्रमण के खतरे को देखते हुए ही यह काउंटर बंद रखने का फैसला लिया गया है। लोग आनलाइन भी अपना बिल भुगतान कर सकते हैं।
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इसके अतिरिक्त नगर निगम का सुविधा केंद्र सहित बाकी कांउटर भी बंद रखने का फैसला लिया गया है जोकि बीते सोमवार से ही बंद कर दिए गए है। कांउटर बंद होेने की लोगों को सूचना नहीं थी तो उन्हें निराश होकर ही वापस घर लौटना पड़ा।
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