- विज्ञापन (Article Top Ad) -
शिमला ! आंखों को मानव शरीर का सबसे महत्वपूर्ण अंग माना जाता है. दुनिया भर में करोड़ों की संख्या में ऐसे लोग हैं, जो दृष्टि बाधित होने की वजह से देख नहीं सकते. ऐसे में कुछ लोग ऐसे भी हैं जो दूसरों के बारे में भी सोचते हैं ओर नेत्रदान कर रहे है। स्वास्थ्य विभाग भी लोगो को नेत्रदान करने के लिए प्रेरित कर रहा है। शिमला igmc में नेत्रदान बैंक बनाया गया है जहा अब तक 1185 लोग नेत्र दान का संकल्प ले चुके है। विश्व नेत्रदान दिवस के मौके पर शिमला आईजीएमसी के वरिष्ठ चिकित्सक डॉक्टर जनक राज ने भी अपने नेत्रदान का संकल्प लिया है और लोगों से नेत्रदान के लिए आगे आने की अपील की है. उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में धीरे-धीरे लोगों का रुझान नेत्रदान की ओर बढ़ रहा है. इस क्षेत्र में लोगों को और ज्यादा ध्यान देने की जरूरत है. डॉक्टर जनक राज ने बताया कि देश भर में करीब एक करोड़ 25 लाख लोग दृष्टिबाधित हैं और देश में हर साल होने वाली मौत की तुलना में देखा जाए, तो 1 साल में ही दृष्टिबाधित खत्म की जा सकती है. जनक राज ने बताया कि हिमाचल प्रदेश में आईजीएमसी और टांडा मेडिकल कॉलेज में नेत्रदान संकल्प की व्यवस्था है. साल 2010 में शिमला के आईजीएमसी में नेत्रदान बैंक स्थापित किया था. इस नेत्रदान बैंक में अब तक 1 हजार 185 लोग नेत्रदान संकल्प ले चुके हैं जिसमें 370 लोग लोगों का नेत्रदान संकल्प पूरा भी हो चुका है. इसके अलावा आईजीएमसी में 298 लोगों की केराटोप्लास्टी भी की जा चुकी है. डॉक्टर जनक राज ने बताया कि लोगों के बीच नेत्रदान को लेकर जागरूकता बढ़ाने के लिए हर साल 25 अगस्त से 8 सितंबर तक नेत्रदान पखवाड़ा भी चलाया जाता है. इस नेत्रदान पखवाड़े में लोगों को नेत्रदान करने के लिए जागरूक किया जाता है. डॉक्टर जनक राज ने विश्व नेत्रदान दिवस के मौके पर सभी लोगों से अधिक से अधिक संख्या में नेत्र दान करने की अपील की है.
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -