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शिमला ! हिमाचल विधानसभा मानसून सत्र के अंतिम दिन विपक्ष ने सदन से वॉकआउट कर कार्रवाई में हिस्सा नहीं लिया और विधानसभा अध्यक्ष को हटाने का नोटिस दिया था लेकिन सदन में नोटिस को खारिज किया गया जिसके चलते मानसून सत्र के समापन पर भी विपक्ष सदन के अंदर नही गए और विधानसभा परिसर में करीब डेढ़ बजे राष्ट्रगान गया । हालांकि सत्तापक्ष की ओर से सदन के सदन की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित करने के बाद राष्ट्रगान गया गया। नेता प्रतिपक्ष मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सदन के भीतर विधानसभा अध्यक्ष केवल एक विचारधारा को लेकर सदन की कार्यवाही चला रहे हैं जिसके चलते उन्होंने विधानसभा अध्यक्ष को हटाने को लेकर नोटिस भी दिया था और सदन की कार्रवाई में हिसा नहीं लिया जिसके चलते परिसर के बाहर ही राष्ट्रगान गाकर सत्र का समापन लिया गया। उन्होंने कहा कि विपक्ष जनता से जुड़े मुद्दे उठाना चाहता था और बेरोजगारी मंहगाई को लेकर चर्चा पर प्रस्ताव लाए गए लेकिन विधानसभा अध्यक्ष द्वारा समय नही दिया गया विधानसभा अध्यक्ष द्वारा भेदभाव किया जा रहा है । अध्यक्ष को हटाने को दिए गए नोटिस को सदन में बिना चर्चा के खारिज कर दिया जबकि नियमो के मुताबित नोटिस को खारिज नहीं कर सकते हैं और जब इसको लेकर सदन में यह मामला उठा तो नियमों के मुताबिक अध्यक्ष विपिन सिंह परमार कुर्सी पर नहीं बैठ सकते थे उन्होंने कहा कि इस सरकार में अज्ञानी लोग बैठे हैं जिन्हें यह नहीं पता कि सदन की कार्रवाई किस तरह से चलती है। मुकेश ने कहा कि कांग्रेस ने नियमों के मुताबिक ही विधानसभा अध्यक्ष को हटाने को लेकर सदन में नोटिस दिया था सजा में विधानसभा अध्यक्ष द्वारा दो दिन पहले ही विपक्ष को कहा गया था कि वह एक विचारधारा से जुड़े हैं ऐसे में मुख्यमंत्री का कहना कि 14 दिन पहले नोटिस देना पड़ता है यह तर्कसंगत नहीं है विपक्ष ने अपनी ओर से नोटिस दिया ओर ऐसे में अब शीतकालीन सत्र में विपक्ष विधानसभा अध्यक्ष को हटाने का मुद्दा उठाएगा।
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