- विज्ञापन (Article Top Ad) -
लाहौल ! जनजातीय जिला लाहौल के स्पीति घाटी के लोसर गांव में आज भी बैलों से पारंपरिक खेती की जा रही है। वहीं लाहौल के घुमरंग गांव में भी बैलों से मटर बिजाई करते किसानों को देखा जा रहा है। लोसर के ग्रामीण किसान अभी भी अपने पारंपरिक तरीके से हल चला कर खेती कर रहे है। ये किसान याक प्रजाति के चुरू के बैलों के साथ हल जोत रहे है। वहीं घुमरंग गांव की बिमला देवी ने बताया कि अगर खेतों में हल चलाएंगे तो खरपतवार कम होता है, और फसलों की पैदावार भी प्रचूर मात्रा में होती है।
लाहौल ! जनजातीय जिला लाहौल के स्पीति घाटी के लोसर गांव में आज भी बैलों से पारंपरिक खेती की जा रही है। वहीं लाहौल के घुमरंग गांव में भी बैलों से मटर बिजाई करते किसानों को देखा जा रहा है। लोसर के ग्रामीण किसान अभी भी अपने पारंपरिक तरीके से हल चला कर खेती कर रहे है।
ये किसान याक प्रजाति के चुरू के बैलों के साथ हल जोत रहे है। वहीं घुमरंग गांव की बिमला देवी ने बताया कि अगर खेतों में हल चलाएंगे तो खरपतवार कम होता है, और फसलों की पैदावार भी प्रचूर मात्रा में होती है।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -