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लाहौल ! जनजातीय जिला घाटी के प्रशासन ने लाहौल घाटी को साफ सुथरा रखने और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अहम कदम उठाया है। चंद्रताल झील के किनारे कैंपिंग पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। अटल टनल रोहतांग के लोकार्पण के बाद समर सीजन के लिए लाहौल स्पीति के प्रशासन ने कमर कस ली हैं,वहीं लाहौल घाटी में पर्यटकों की भारी भीड़ नहीं जुटने दी जायेगी। समुंद्र तल से 4290 मीटर ऊंची विश्वविख्यात चंद्रताल झील का दीदार करने के लिए सीमित संख्या में ही सैलानियों को भेजा जाएगा। इसके लिए पर्यटकों को स्थानीय प्रशासन से ऑनलाइन परमिट लेना होगा ,दिन में 200 से 300 वाहनों को जाने कि अनुमति दी जाएगी। लाहौल प्रशासन ने झील के आसपास कैंपिंग करने पर भी रोक लगा दी है। अब प्रशासन द्वारा समर सीजन में चंद्र ताल झील देखने के लिए जाने वाले पर्यटकों को ऑनलाइन परमिट जारी किए जाएंगे।
लाहौल ! जनजातीय जिला घाटी के प्रशासन ने लाहौल घाटी को साफ सुथरा रखने और पर्यावरण की सुरक्षा के लिए अहम कदम उठाया है। चंद्रताल झील के किनारे कैंपिंग पर पूरी तरह से रोक लगा दी गई है। अटल टनल रोहतांग के लोकार्पण के बाद समर सीजन के लिए लाहौल स्पीति के प्रशासन ने कमर कस ली हैं,वहीं लाहौल घाटी में पर्यटकों की भारी भीड़ नहीं जुटने दी जायेगी। समुंद्र तल से 4290 मीटर ऊंची विश्वविख्यात चंद्रताल झील का दीदार करने के लिए सीमित संख्या में ही सैलानियों को भेजा जाएगा। इसके लिए पर्यटकों को स्थानीय प्रशासन से ऑनलाइन परमिट लेना होगा ,दिन में 200 से 300 वाहनों को जाने कि अनुमति दी जाएगी। लाहौल प्रशासन ने झील के आसपास कैंपिंग करने पर भी रोक लगा दी है। अब प्रशासन द्वारा समर सीजन में चंद्र ताल झील देखने के लिए जाने वाले पर्यटकों को ऑनलाइन परमिट जारी किए जाएंगे।
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