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लाहौल ! जनजातीय जिला लाहौल घाटी के ओथंग गोंपा में सोमवार को छेशू पर्व धूमधाम से मनाया गया है! इस छैशू पर्व को ओथंग गोंपा के अलावा शाशुर गोंपा, करदंग गोंपा, और रिवालसर में भी को मनाया जाता है! ओथंग गोंपा में पहले छैशु पर्व नही मानते थे और नही मानने से गांव के लोग बच्चे,बुजुर्ग और जानवर आदि बीमार होना शुरू हो गए थे । फसलों को बीमारियां और सूखा पड़ना शुरू हो गया था और गांव के लोगों की परेशानी दिन प्रतिदिन बढ़ने लगी था! कुछ माह बाद उस गांव में एक( कुशोग ) एक लामा के रूप में आए! उन्हीने गांव बालो की समस्याओं का हल बताया की गोंपा में हर साल छेशू पर्व मनाओ ! लामा द्वारा विधि विधान द्वारा पूजा अर्चना करो ! तब से ओथंग गांव के लोग ओथंग गोंपा में छैशू पर्व मानना शुरू कर दिया है! तब से गांव की फसल और लोग सुख से रहने लगे!
लाहौल ! जनजातीय जिला लाहौल घाटी के ओथंग गोंपा में सोमवार को छेशू पर्व धूमधाम से मनाया गया है! इस छैशू पर्व को ओथंग गोंपा के अलावा शाशुर गोंपा, करदंग गोंपा, और रिवालसर में भी को मनाया जाता है! ओथंग गोंपा में पहले छैशु पर्व नही मानते थे और नही मानने से गांव के लोग बच्चे,बुजुर्ग और जानवर आदि बीमार होना शुरू हो गए थे । फसलों को बीमारियां और सूखा पड़ना शुरू हो गया था और गांव के लोगों की परेशानी दिन प्रतिदिन बढ़ने लगी था! कुछ माह बाद उस गांव में एक( कुशोग ) एक लामा के रूप में आए! उन्हीने गांव बालो की समस्याओं का हल बताया की गोंपा में हर साल छेशू पर्व मनाओ ! लामा द्वारा विधि विधान द्वारा पूजा अर्चना करो ! तब से ओथंग गांव के लोग ओथंग गोंपा में छैशू पर्व मानना शुरू कर दिया है! तब से गांव की फसल और लोग सुख से रहने लगे!
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