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लाहौल ! लाहौल के पटृन घाटी में पूना उत्सव के बाद दूसरे दिन जिन के घर में पुत्र या पुत्री का जन्म होता है उस गाँव में लोग शगुन के तौर पर कई तरह के उपहार जैसे कपड़े, पैसे, शराब, ऐसे कई तरह के अनमोल समान लेते हैं जो पुत्र, व पुत्री के मां को शगुन के तौर पर देते हैं। मान्यता है कि अब लाहौल के पटृन घाटी में लोगों ने पुत्र व पुत्री को एक समान दर्जा दिया है। आज इस गाँव के सभी लोगों को दूसरे गाँव के लोग सम्मान करते हैं। इस गाँव के लोगों ने एक मिसाल पैदा की है कि घाटी में कुछ गाँव ऐसा भी है कि लोग बेटा व बेटी मे दोनों को एक समान शिक्षा का पाठ सिखाते हैं। आज लाहौल के पटृन घाटी के लोगों की इस कलचर को देख कर हर लोग कहते हैं कि इस गाँव के लोग कलचर को पूर्ण रूप से मनाने की कोशिश करने की प्रयास कर रहे हैं।
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