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चम्बा ! चम्बा का मेडिकल कॉलेज हमेशा से विवादो में रहा है। आए दिन कुछ न कुछ विवाद देखने को मिल ही जाता है। चम्बा मेडिकल कॉलेज के बाहर करीब 50, साल पुराना पानी का नलका,जोकि हस्पताल में मरीजों की सुविधा के लिए लगाया गया था, उस नलके को काट दिया गया है। इस पानी के नल के कटने से हर कोई परेशान है। इस मेडिकल कॉलेज में दाखिल मरीजों के साथ वहां के स्थानीय दुकानदारों ने सीधे सीधे मेडिकल कॉलेज के अधिकारियों पर आरोप लगाते हुए कहा कि इन लोगों ने ही इस नलके को काटा है। इस नलके के कटने की वजह से मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। यह लोग सरकार से नलके को लगाए जाने की मांग कर रहे है। चम्बा के मैडिकल कॉलेज के बाहर लगा यह पानी का नल जोकि 50 साल पुराना है जोकि अब सुख चूका है। और जब यह नलका चलता था तो इस नलके का सदुपयोग हस्पताल में दाखिल मरीजों के साथ राह चलते लोग किया करते थे पर आज इस नलके को स्वास्थ्य विभाग ने काट दिया। यह बात हम नहीं कह रहे है पर यह बात इस हस्पताल के साथ बैठे दुकानदार बता रहे है। हस्पताल में दाखिल मरीजों के तमितदार भी इस नलके को पूना चालू किये जाने की मांग कर रहे है। चम्बा के इस मैडिकल कॉलेज में दाखिल मरीज जो अक्सर इसी नलके से पानी पीते थे और इसके साथ लगते चौगान नंबर पांच में बैठकर थोड़ी देर आराम भी किया करते थे। जब खबर हिमाचल से की मीडिया टीम ने यहां पर बैठे मरीजों से इस विषय में बात की तो उन लोगों ने बताया कि इस नलके के काटने से खासकर मरीजों को पीने के पानी की बहुत बड़ी समस्या आ गई है। अब पीने के लिए पानी नहीं है और उन लोगों 20,रूपये की पानी की बोतले खरीदनी पड़ रही है। इन बीमार लोगों ने बताया कि हमारे पास दवाइयों को खरीदने तक के पैसे नहीं होते है तो रोजाना 20,20, रुपयों की पानी की बोतले कहां से खरीदे। वंही चुराह घाटी के दूरदराज क्षेत्र से आए एक बजुर्ग जोकि हिंदी में तो बात नहीं कर सकता था पर उसने अपनी चुराही भाषा में ही मीडिया से बात की और बताया कि लोग तो पानी पिलाने के लिए परोह (शबीले)लगती है लेकिन सरकार ने इस नलके को ही बंद कर दिया है। इस 70 वर्षीय बजुर्ग ने बताया कि हम गरीब है और बीमार है और हम दवाइयों के पैसे दे,कि पानी के या फिर रोटी के पर पानी तो जरुर पीना ही है न। इस बारे हमारी टीम ने जल शक्ति विभाग के कनिष्ठ अभियंता से बात की तो उन्होंने बताया कि यह नलका जल शक्ति विभाग के अंतर्गत चल रहा है और इसको नगरपालिका चलाती है। उन्होंने बताया कि यह पब्लिक तब है और यह जनता के लिए ही लगाए गया है। इन्होने बताया कि इस नलके का इस्तेमाल ज्यादा तर मरीज ही किया करते है और यह नलका आज का नहीं है अपितु 50 साल पहले का लगा हुआ है। इन्होने बताया कि हमे इसका ज्ञान नहीं है कि इसको उन्होंने क्यों कटवाया है पर हमारा प्रयास रहेगा कि इस नलके को तुरंत लगाया जाए।
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