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मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज चैधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में गोल्डन जुबली न्यूट्रिशन गार्डन का शुभारंभ किया। यह गार्डन 19 करोड़ रुपये की सीएएएसटी-एनएएचईपी परियोजना के पर्यावरण स्थिरता योजना की अवधारणा पर आधारित है, जिससे जमीन के छोटे से हिस्से में व्यवस्थित तरीके से संरक्षित खेती और प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा। मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि इन बागीचों से लोगों को उनके घर-द्वार पर पोषित आहार और पर्याप्त मात्रा में स्थूल और सूक्ष्म पोषक तत्वों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। इन बागीचों से खाद्य सुरक्षा और लोगों के आय सृजन और आजीविका मंे सुधार को सुदृढ़ बनाने में भी सहायता मिलेगी। ये बागीचे क्षेत्र के प्राकृतिक स्त्रोतों की देखभाल कर पर्यावरण स्थिरता में भी अहम भूमिका निभाएंगे। जय राम ठाकुर ने कहा कि न्यूट्रिशनल गार्डन की इस परिकल्पना से विद्यार्थियांे को विभिन्न फलों और औषधीय पौधों के बारे में तकनीकी जानकारी प्रदान कर पर्यावरण स्थिरता में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि यह गार्डन 3250 क्षेत्र में फैला होगा, जिसमें विभिन्न खाद्य प्रजातियों तथा औषधीय व सुगंधित पौधे शामिल होंगे। पहले चरण के अंतर्गत शरद् ऋतु के दौरान सेब, आड़ू, प्लम, खुमानी, अनार और जापानी फल के 21 पौधे लगाए जाएंगे और बाद में अन्य फलों व सुगंधित औषधीय पौधों को मौसम के अनुसार रोपित किया जाएगा। विश्वविद्यालय के कुलपति एचके चैधरी ने विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों का विस्तार में ब्योरा दिया। हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष विपिन सिंह परमार, उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह, विधायक रविन्द्र धीमान और मुल्ख रोज प्रेमी, पूर्व विधायक प्रवीण शर्मा और दूलो राम, वूल फेडरेश के अध्यक्ष त्रिलोक कपूर, जिला भाजपा अध्यक्ष हरिदत्त शर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने आज चैधरी सरवण कुमार हिमाचल प्रदेश कृषि विश्वविद्यालय पालमपुर में गोल्डन जुबली न्यूट्रिशन गार्डन का शुभारंभ किया। यह गार्डन 19 करोड़ रुपये की सीएएएसटी-एनएएचईपी परियोजना के पर्यावरण स्थिरता योजना की अवधारणा पर आधारित है, जिससे जमीन के छोटे से हिस्से में व्यवस्थित तरीके से संरक्षित खेती और प्राकृतिक खेती अपनाने के लिए लोगों को प्रेरित किया जाएगा।
मुख्यमंत्री ने इस अवसर पर कहा कि इन बागीचों से लोगों को उनके घर-द्वार पर पोषित आहार और पर्याप्त मात्रा में स्थूल और सूक्ष्म पोषक तत्वों की उपलब्धता सुनिश्चित होगी। इन बागीचों से खाद्य सुरक्षा और लोगों के आय सृजन और आजीविका मंे सुधार को सुदृढ़ बनाने में भी सहायता मिलेगी। ये बागीचे क्षेत्र के प्राकृतिक स्त्रोतों की देखभाल कर पर्यावरण स्थिरता में भी अहम भूमिका निभाएंगे।
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जय राम ठाकुर ने कहा कि न्यूट्रिशनल गार्डन की इस परिकल्पना से विद्यार्थियांे को विभिन्न फलों और औषधीय पौधों के बारे में तकनीकी जानकारी प्रदान कर पर्यावरण स्थिरता में उनकी भागीदारी सुनिश्चित की जा सकेगी। उन्होंने कहा कि यह गार्डन 3250 क्षेत्र में फैला होगा, जिसमें विभिन्न खाद्य प्रजातियों तथा औषधीय व सुगंधित पौधे शामिल होंगे। पहले चरण के अंतर्गत शरद् ऋतु के दौरान सेब, आड़ू, प्लम, खुमानी, अनार और जापानी फल के 21 पौधे लगाए जाएंगे और बाद में अन्य फलों व सुगंधित औषधीय पौधों को मौसम के अनुसार रोपित किया जाएगा।
विश्वविद्यालय के कुलपति एचके चैधरी ने विश्वविद्यालय की विभिन्न गतिविधियों का विस्तार में ब्योरा दिया।
हिमाचल प्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष विपिन सिंह परमार, उद्योग मंत्री बिक्रम सिंह, विधायक रविन्द्र धीमान और मुल्ख रोज प्रेमी, पूर्व विधायक प्रवीण शर्मा और दूलो राम, वूल फेडरेश के अध्यक्ष त्रिलोक कपूर, जिला भाजपा अध्यक्ष हरिदत्त शर्मा भी इस अवसर पर उपस्थित थे।
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