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मंडी , 10 फरवरी [ के. एस. प्रेमी ] ! एक तो बेरोजगारी ऊपर से प्रतिबंध ये दोनों ही अंतर तकलीफ पीड़ा को झेल रहे बाहरी राज्यों में रहने वाले मजबूरी में मजदूरी करने बाहरी राज्यों में आये हुए हिमाचल वासी परिवारो को लिए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सूक्खु ने प्रतिबंध को हटाने और 85 प्रतिशत राज्य मैडिकल कोटा बहाल करने के लिए अब हां कर दी है। देश भर में रह रहे हिमाचल वासियों के लिए हिमाचल के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सूक्खु के एलान से बहुत बड़ी सौगात और राहत भरी खबर है। हिमाचल प्रदेश अपनी जन्मभूमि से बाहरी राज्यों मे मजबूरी में मजदूरी करने के लिए आए हुए तम्माम उन हिमाचल वासीयों के लिए अपनी ही जन्मभूमी में 2017 से लेकर 2022 तक निजी क्षेत्रों में कार्यरत हिमाचल वासियों के उन बच्चों के लिए राज्य के 85 प्रतिशत मैडिकल कोटा प्रतिबंध होने के कारण अपनी ही जन्मभूमी में गैर हिमाचली होने का भी टैग लग गया था। हांलाकि कांग्रेस के ही शासन में 2013 से इसे बहाल कर दिया था लेकिन 2017 में चुनाव के बाद सत्ता परिवर्तन के बाद सता में आसीन हुई भाजपा की सरकार ने इस 85 प्रतिशत राज्य मैडिकल शिक्षा कोटे को फिर से प्रतिबंध कर दिया था । लेकिन अब बाहरी राज्यों में मजबूरी में रह रहे हिमाचली बच्चों को फिर मिलेगा। मैडिकल शिक्षा का अधिकार क्यूंकि हिमाचल की कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सूक्खु ने इसे फिर बहाल करने का निर्णय लिया है। इसके साथ ही अब अपनी जन्मभूमि हिमाचल प्रदेश से बाहर रह रहे प्रवासी परिवारो के बच्चों को राज्य के 85 प्रतिशत मैडिकल शिक्षा कोटे के तहत दाखिले होगें। हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सूक्खु ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान हिमाचल सदन नयी दिल्ली में अखिल भारतीय प्रवासी हिमाचली सयुंक्त मोर्चा के चेयरमैन राजेश ठाकुर के नेतृत्व में मिले मोर्चा एक प्रतिनिधिमंडल के द्वारा की गई मांग को लागू करने का आदेश जारी कर दिया है। मोर्चा चेयरमैन राजेश ठाकुर ने बताया कि उनके द्वारा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सूक्खु को प्रवासी हिमाचलियों की समस्याओं को लेकर नयी दिल्ली स्थित हिमाचल सदन में मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में हिमाचली प्रवासियों के बच्चों के लिए राज्य में मेडिकल शिक्षा में दाखिले के लिए 85 फीसदी कोटे को बहाल करने की मांग उठाई गई। उन्होंने बताया की इस चिर लंबित मांग को लेकर दिए गए ज्ञापन पर मुख्य मंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सूक्खु ने तुरंत संज्ञान लेते हुए इसे लागू करने के आदेश दे दिए गए। अखिल भारतीय प्रवासी हिमाचली सयुंक्त मोर्चा चेयरमैन रजेश ठाकुर ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सूक्खु का देश भर में रह रहे है लाखों हिमाचल वासियों की ओर से हार्दिक आभार प्रकट किया। मोर्चा चेयरमैन राजेश ठाकुर ने बताया की प्रदेश में यह कोटा पहले लागु था । मगर भाजपा सरकार ने 2017 में सत्ता में आते ही इस कोटे को बंद कर दिया था। इसके बाद रोजगार और अन्य कारोबार के लिए प्रदेश के बाहर रोजी रोटी कमाने गए हिमाचली परिवारों के बच्चों के लिए अपनी ही जन्मभूमि में मेडिकल शिक्षा में दाखिला लेना एक बड़ी समस्या बन गया था। इस समस्या को लेकर अखिल भारतीय प्रवासी हिमाचली संयुक्त मोर्चा ने हिमाचल प्रदेश के बाहर भी हिमाचलियों की एक मजबूत आवाज बनकर इस मांग को उठाया। उन्होंने बताया की पिछले लगभग दो साल से लड़ी जा रही इस लड़ाई को लेकर वह आज कामयाब हुए है और प्रवासी हिमाचलियों के बच्चों के इस हक्क को हासिल करने में सफल हुए है। इस फैंसले को लेकर उन्होंने प्रदेश के माननीय मुख्य मंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुखु का देश भर में निजी क्षेत्रों में कार्यरत समस्त हिमाचलियों की तरफ से धन्यवाद किया है। उन्होंने इस लड़ाई को जितने के लिये देश भर से अखिल भारतीय प्रवासी हिमाचली सयुंक्त मोर्चा की सहयोगी महाराष्ट्र मुंबई, दिल्ली एनसीआर, हरियाणा,उतर प्रदेश, पंजाब चंडीगढ़ में चल रही समानित हिमाचली समाजिक संस्थाओं और उनके पदाधिकारी साथी सहयोगियों का हिमाचलियों की सभी संस्थाओं का कंधे से कंधा मिलाकर दिए गए सहयोग को लेकर आभार जताया है। उन्होंने कहा कि हम देवभुमी हिमाचल प्रदेश को कोटि कोटि प्रणाम और प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सूक्खु का कोटि-कोटि आभार प्रकट करते है। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
मंडी , 10 फरवरी [ के. एस. प्रेमी ] ! एक तो बेरोजगारी ऊपर से प्रतिबंध ये दोनों ही अंतर तकलीफ पीड़ा को झेल रहे बाहरी राज्यों में रहने वाले मजबूरी में मजदूरी करने बाहरी राज्यों में आये हुए हिमाचल वासी परिवारो को लिए हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सूक्खु ने प्रतिबंध को हटाने और 85 प्रतिशत राज्य मैडिकल कोटा बहाल करने के लिए अब हां कर दी है।
देश भर में रह रहे हिमाचल वासियों के लिए हिमाचल के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सूक्खु के एलान से बहुत बड़ी सौगात और राहत भरी खबर है।
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हिमाचल प्रदेश अपनी जन्मभूमि से बाहरी राज्यों मे मजबूरी में मजदूरी करने के लिए आए हुए तम्माम उन हिमाचल वासीयों के लिए अपनी ही जन्मभूमी में 2017 से लेकर 2022 तक निजी क्षेत्रों में कार्यरत हिमाचल वासियों के उन बच्चों के लिए राज्य के 85 प्रतिशत मैडिकल कोटा प्रतिबंध होने के कारण अपनी ही जन्मभूमी में गैर हिमाचली होने का भी टैग लग गया था।
हांलाकि कांग्रेस के ही शासन में 2013 से इसे बहाल कर दिया था लेकिन 2017 में चुनाव के बाद सत्ता परिवर्तन के बाद सता में आसीन हुई भाजपा की सरकार ने इस 85 प्रतिशत राज्य मैडिकल शिक्षा कोटे को फिर से प्रतिबंध कर दिया था । लेकिन अब बाहरी राज्यों में मजबूरी में रह रहे हिमाचली बच्चों को फिर मिलेगा। मैडिकल शिक्षा का अधिकार क्यूंकि हिमाचल की कांग्रेस सरकार के मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सूक्खु ने इसे फिर बहाल करने का निर्णय लिया है।
इसके साथ ही अब अपनी जन्मभूमि हिमाचल प्रदेश से बाहर रह रहे प्रवासी परिवारो के बच्चों को राज्य के 85 प्रतिशत मैडिकल शिक्षा कोटे के तहत दाखिले होगें।
हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सूक्खु ने अपने दिल्ली प्रवास के दौरान हिमाचल सदन नयी दिल्ली में अखिल भारतीय प्रवासी हिमाचली सयुंक्त मोर्चा के चेयरमैन राजेश ठाकुर के नेतृत्व में मिले मोर्चा एक प्रतिनिधिमंडल के द्वारा की गई मांग को लागू करने का आदेश जारी कर दिया है। मोर्चा चेयरमैन राजेश ठाकुर ने बताया कि उनके द्वारा मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सूक्खु को प्रवासी हिमाचलियों की समस्याओं को लेकर नयी दिल्ली स्थित हिमाचल सदन में मुलाकात की और एक ज्ञापन सौंपा गया। ज्ञापन में हिमाचली प्रवासियों के बच्चों के लिए राज्य में मेडिकल शिक्षा में दाखिले के लिए 85 फीसदी कोटे को बहाल करने की मांग उठाई गई। उन्होंने बताया की इस चिर लंबित मांग को लेकर दिए गए ज्ञापन पर मुख्य मंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सूक्खु ने तुरंत संज्ञान लेते हुए इसे लागू करने के आदेश दे दिए गए।
अखिल भारतीय प्रवासी हिमाचली सयुंक्त मोर्चा चेयरमैन रजेश ठाकुर ने मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सूक्खु का देश भर में रह रहे है लाखों हिमाचल वासियों की ओर से हार्दिक आभार प्रकट किया। मोर्चा चेयरमैन राजेश ठाकुर ने बताया की प्रदेश में यह कोटा पहले लागु था । मगर भाजपा सरकार ने 2017 में सत्ता में आते ही इस कोटे को बंद कर दिया था। इसके बाद रोजगार और अन्य कारोबार के लिए प्रदेश के बाहर रोजी रोटी कमाने गए हिमाचली परिवारों के बच्चों के लिए अपनी ही जन्मभूमि में मेडिकल शिक्षा में दाखिला लेना एक बड़ी समस्या बन गया था। इस समस्या को लेकर अखिल भारतीय प्रवासी हिमाचली संयुक्त मोर्चा ने हिमाचल प्रदेश के बाहर भी हिमाचलियों की एक मजबूत आवाज बनकर इस मांग को उठाया। उन्होंने बताया की पिछले लगभग दो साल से लड़ी जा रही इस लड़ाई को लेकर वह आज कामयाब हुए है और प्रवासी हिमाचलियों के बच्चों के इस हक्क को हासिल करने में सफल हुए है। इस फैंसले को लेकर उन्होंने प्रदेश के माननीय मुख्य मंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुखु का देश भर में निजी क्षेत्रों में कार्यरत समस्त हिमाचलियों की तरफ से धन्यवाद किया है। उन्होंने इस लड़ाई को जितने के लिये देश भर से अखिल भारतीय प्रवासी हिमाचली सयुंक्त मोर्चा की सहयोगी महाराष्ट्र मुंबई, दिल्ली एनसीआर, हरियाणा,उतर प्रदेश, पंजाब चंडीगढ़ में चल रही समानित हिमाचली समाजिक संस्थाओं और उनके पदाधिकारी साथी सहयोगियों का हिमाचलियों की सभी संस्थाओं का कंधे से कंधा मिलाकर दिए गए सहयोग को लेकर आभार जताया है।
उन्होंने कहा कि हम देवभुमी हिमाचल प्रदेश को कोटि कोटि प्रणाम और प्रदेश के लोकप्रिय मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सूक्खु का कोटि-कोटि आभार प्रकट करते है।
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