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मंडी ! प्रदेश में लीगल सर्विस अथॉरिटी के चल रहे कार्यों पर खबर हिमाचल से के ब्यूरो मंडी के साथ विशेष वार्ता के दौरान हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस और प्रदेश लीगल सर्विस अथॉरिटी के चेयरमैन धर्मचंद चौधरी ने कहा कि अभी यह कहना तो मुश्किल होगा कि लीगल सर्विस अथॉरिटी अपना लक्ष्य पूरा कर पाई हो। लेेेकिन अथॉरिटी उपमंडल से लेकर प्रदेश स्तर तक लोगों को कानूनी प्रावधानों के प्रति जागरूक करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि इसमें अभी बहुत सारा काम करना बाकी है और इसकी स्कीमों की अभी लोगों को इसकी जानकारी भी नहीं है। इसके बावजूद भी लोगों को जागरूक करने के लिए शिवर कैंप लगाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह कैंप और प्रोग्राम गांवों सेे लेकर दूरदराज के क्षेत्रों में लगाए जाते हैं। इसमें जज, पैनल के रिटेनर लॉयर और लीगल वालेंटियर लोगों को जागरूक करते हैं। जस्टिस धर्मचंद चौधरी ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39(ए) के अंतर्गत न्याय सबको मिलना चाहिए और कोई धर्म,जाति व वर्ग इससे वंचित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस कानूनी अनभिज्ञता को लेकर देश की संसद द्वारा लीगल सर्विस अथॉरिटी एक्ट,1987 पारित किया गया था। उन्होंने कहा कि नालसा(नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी) द्वारा ट्राईबल एरिया के लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया जा रहा है। इसी कड़ी में जस्टिस धर्मचंद चौधरी द्वारा स्वयं विश्व के सबसे ऊंचे गांव कौरिक, लाहुल-स्पीति के गोंदला और चंबा के सलूनी में लीगल अवेयरनेस कैंप आयोजित किए गए है। जस्टिस धर्मचंद चौधरी ने कहा कि अगर मंडी जिला बात करें तो अथॉरिटी द्वारा हिंसक अपराध के विक्टिम स्कीम के अंतर्गत अभी तक 85 से 90 लाख तक का मुआवजा प्रभावितों को दिया जा चुका है। इसमें जिला मंडी के कोटली क्षेत्र की दो लड़कियों पर एसिड अटैक से प्रभावित हो गई थी, इसमें अथारिटी द्वारा विक्टिम कंपनसेशन स्कीम के अंतर्गत 25 लाख मुआवजा दिया गया है। धर्मचंद चौधरी ने कहा कि कंपनसेशन स्कीम के तहत हत्या आदि होने की स्थिति में परिवार को आर्थिक सहायता देने से उनको सहायता प्रदान की जा रही हैं।
मंडी ! प्रदेश में लीगल सर्विस अथॉरिटी के चल रहे कार्यों पर खबर हिमाचल से के ब्यूरो मंडी के साथ विशेष वार्ता के दौरान हिमाचल प्रदेश हाईकोर्ट के जस्टिस और प्रदेश लीगल सर्विस अथॉरिटी के चेयरमैन धर्मचंद चौधरी ने कहा कि अभी यह कहना तो मुश्किल होगा कि लीगल सर्विस अथॉरिटी अपना लक्ष्य पूरा कर पाई हो। लेेेकिन अथॉरिटी उपमंडल से लेकर प्रदेश स्तर तक लोगों को कानूनी प्रावधानों के प्रति जागरूक करने के लिए निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि इसमें अभी बहुत सारा काम करना बाकी है और इसकी स्कीमों की अभी लोगों को इसकी जानकारी भी नहीं है। इसके बावजूद भी लोगों को जागरूक करने के लिए शिवर कैंप लगाए जाते हैं। उन्होंने कहा कि यह कैंप और प्रोग्राम गांवों सेे लेकर दूरदराज के क्षेत्रों में लगाए जाते हैं। इसमें जज, पैनल के रिटेनर लॉयर और लीगल वालेंटियर लोगों को जागरूक करते हैं। जस्टिस धर्मचंद चौधरी ने कहा कि भारतीय संविधान के अनुच्छेद 39(ए) के अंतर्गत न्याय सबको मिलना चाहिए और कोई धर्म,जाति व वर्ग इससे वंचित नहीं रहना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस कानूनी अनभिज्ञता को लेकर देश की संसद द्वारा लीगल सर्विस अथॉरिटी एक्ट,1987 पारित किया गया था। उन्होंने कहा कि नालसा(नेशनल लीगल सर्विसेज अथॉरिटी) द्वारा ट्राईबल एरिया के लोगों को उनके अधिकारों के बारे में जागरूक किया जा रहा है।
इसी कड़ी में जस्टिस धर्मचंद चौधरी द्वारा स्वयं विश्व के सबसे ऊंचे गांव कौरिक, लाहुल-स्पीति के गोंदला और चंबा के सलूनी में लीगल अवेयरनेस कैंप आयोजित किए गए है। जस्टिस धर्मचंद चौधरी ने कहा कि अगर मंडी जिला बात करें तो अथॉरिटी द्वारा हिंसक अपराध के विक्टिम स्कीम के अंतर्गत अभी तक 85 से 90 लाख तक का मुआवजा प्रभावितों को दिया जा चुका है। इसमें जिला मंडी के कोटली क्षेत्र की दो लड़कियों पर एसिड अटैक से प्रभावित हो गई थी, इसमें अथारिटी द्वारा विक्टिम कंपनसेशन स्कीम के अंतर्गत 25 लाख मुआवजा दिया गया है। धर्मचंद चौधरी ने कहा कि कंपनसेशन स्कीम के तहत हत्या आदि होने की स्थिति में परिवार को आर्थिक सहायता देने से उनको सहायता प्रदान की जा रही हैं।
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