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मंडी ,24 फरवरी [ विशाल सूद ] ! नामधारी संगत ट्रस्ट रामनगर मंडी द्वारा सतगुरु राम सिंह का 208वां प्रकाश उत्सव मनाया गया इस दौरान संगत द्वारा मंडी शहर में नगर कीर्तन किया गया जिसमें सतगुरु राम सिंह की शिक्षाओं व जीवन पर प्रकाश डाला।बता दें बाबा रामसिंह कूका भारत की आजादी के सर्वप्रथम कूका विद्रोह असहयोग आन्दोलन के मुखिया, सिखों के नामधारी पंथ के संस्थापक, तथा महान समाज-सुधारक थे। ट्रस्ट सदस्य हरदीप राजा ने कहा कि सन्त गुरु राम सिंह ने 12 अप्रैल 1857 को श्री भैणी साहिब जिला लुधियाना सफेद रंग का स्वतन्त्रता का ध्वज फहराकर अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह का शंखनाद कर दिया था। उस समय भारतवासी गुलामी के साथ-साथ सामाजिक कुरीतियों के शिकार थे। इन परिस्थितियों में गुरु जी ने लोगों में स्वाभिमान से जीने की चेतना जागृत की। साथ ही भक्ति व वीर रस पैदा करने, देश प्रेम, आपसी भाईचारा, सहनशीलता व मिल बाँट कर रहने के लिए प्रेरित किया।
मंडी ,24 फरवरी [ विशाल सूद ] ! नामधारी संगत ट्रस्ट रामनगर मंडी द्वारा सतगुरु राम सिंह का 208वां प्रकाश उत्सव मनाया गया इस दौरान संगत द्वारा मंडी शहर में नगर कीर्तन किया गया जिसमें सतगुरु राम सिंह की शिक्षाओं व जीवन पर प्रकाश डाला।बता दें बाबा रामसिंह कूका भारत की आजादी के सर्वप्रथम कूका विद्रोह असहयोग आन्दोलन के मुखिया, सिखों के नामधारी पंथ के संस्थापक, तथा महान समाज-सुधारक थे।
ट्रस्ट सदस्य हरदीप राजा ने कहा कि सन्त गुरु राम सिंह ने 12 अप्रैल 1857 को श्री भैणी साहिब जिला लुधियाना सफेद रंग का स्वतन्त्रता का ध्वज फहराकर अंग्रेजों के विरुद्ध विद्रोह का शंखनाद कर दिया था।
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उस समय भारतवासी गुलामी के साथ-साथ सामाजिक कुरीतियों के शिकार थे। इन परिस्थितियों में गुरु जी ने लोगों में स्वाभिमान से जीने की चेतना जागृत की। साथ ही भक्ति व वीर रस पैदा करने, देश प्रेम, आपसी भाईचारा, सहनशीलता व मिल बाँट कर रहने के लिए प्रेरित किया।
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