- विज्ञापन (Article Top Ad) -
मंडी , 08 फरवरी ! अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के दौरान बाबा भूतनाथ मंदिर में देश के अलग अलग स्वरूपों में बाबा भूतनाथ का मखन से श्रंगार किया जाता है। इसी कड़ी में आज बाबा भूतनाथ का अरुणाचलेशवर के रुप में किया गया बता दें। देवानंद सरस्वती ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक बार जब माता पार्वती ने चंचलतापूर्वक भगवान शिव से अपने नेत्र बंद करने के लिए कहा तो उन्होंने अपने नेत्र बंद कर लिए और इस कारण पूरे ब्रह्मांड में कई हजारों वर्षों के लिए अंधकार छा गया। इस अंधकार को दूर करने के लिए भगवान शिव के भक्तों ने कड़ी तपस्या की, जिसके कारण महादेव अन्नामलाई की पहाड़ी पर एक अग्नि स्तंभ के रूप में दिखाई दिए। इसी कारण यहाँ भगवान शिव की आराधना अरुणाचलेश्वर के रूप में की जाती है और यहाँ स्थापित शिवलिंग को भी अग्नि लिंगम कहा जाता है। उन्होंने कहा कि सुबह से ही बाबा के इस स्वरूप को देखने के लिए भक्तों का तांता लगा है और लोग अपनी आस्था बाबा के समक्ष अर्पित कर रहे हैं। https://youtube.com/playlist?list=PLfNkwz3upB7OrrnGCDxBewe7LwsUn1bhs
मंडी , 08 फरवरी ! अंतर्राष्ट्रीय शिवरात्रि महोत्सव के दौरान बाबा भूतनाथ मंदिर में देश के अलग अलग स्वरूपों में बाबा भूतनाथ का मखन से श्रंगार किया जाता है। इसी कड़ी में आज बाबा भूतनाथ का अरुणाचलेशवर के रुप में किया गया बता दें।
देवानंद सरस्वती ने बताया कि पौराणिक मान्यताओं के अनुसार एक बार जब माता पार्वती ने चंचलतापूर्वक भगवान शिव से अपने नेत्र बंद करने के लिए कहा तो उन्होंने अपने नेत्र बंद कर लिए और इस कारण पूरे ब्रह्मांड में कई हजारों वर्षों के लिए अंधकार छा गया।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
इस अंधकार को दूर करने के लिए भगवान शिव के भक्तों ने कड़ी तपस्या की, जिसके कारण महादेव अन्नामलाई की पहाड़ी पर एक अग्नि स्तंभ के रूप में दिखाई दिए।
इसी कारण यहाँ भगवान शिव की आराधना अरुणाचलेश्वर के रूप में की जाती है और यहाँ स्थापित शिवलिंग को भी अग्नि लिंगम कहा जाता है। उन्होंने कहा कि सुबह से ही बाबा के इस स्वरूप को देखने के लिए भक्तों का तांता लगा है और लोग अपनी आस्था बाबा के समक्ष अर्पित कर रहे हैं।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -