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बीएमएस जिला अध्यक्ष तिलक राज ने कहा कि करोना महामारी के लगातार फैलने के बाद, औद्योगिक गतिवीधियों में गिरावट, आर्थिक कार्यकलापों के क्षरण और बढ़ती हुई बेरोजगारी व बेतन कटौती और अब आवश्यक वस्तुओं की कीमतों में बढ़ोतरी सामान्य जन को बुरी तरह प्रभावित कर रही है। उपभोक्ता महंगाई आम जनता के साथ-साथ श्रमिकों/कर्मचारियों को विशेष तौर पर प्रभावित कर रही है। विगत 18 माह से महंगाई दर 6 प्रतिशत की सीमा पार कर चुकी है, जबकि पिछले 5 वर्षों में महंगाई दर 3 5 प्रतिशत के बीच रही अतएव, भारतीय मजदूर संघ की अखिल भारतीय कार्यकारणी केंद्र सरकार से मांग करती है कि उत्पादनकर्ता द्वारा प्रत्येक वस्तु की लागत मूल्य की घोषणा को अनिवार्य करने का कानून बनाकर इसे लागू किया जाये। आवश्यक वस्तुओं एवं पेट्रोलियम पदार्थों की कीमतों में बढ़ोतरी पर नियंत्रण रखना। पेट्रोलियम पदार्थों के प्रतिदिन कीमत निर्धारण पद्धति का समापन करना और पेट्रोलियम पदार्थों को जी०एस०टी० के दायरे में लाया जाये।जिससे आम जनता की पॉकेट का भार कम हो सके।और धातुओं एवं अन्य वस्तुओं की अंतरराष्ट्रीय कीमतों में बढ़ोतरी के छद्म बहाने द्वारा व्यक्तियों एवं कंपनियों का गैर वाजिब लाभ रोकना और इस तरह के मामलों में दोषी व्यक्तियों पर आवश्यक वस्तु अधिनियम के तहत कार्यवाही करना। किसानों को परिश्रमिक भुगतान द्वारा खाद्य पदार्थों के उत्पादन में बढ़ोतरी हेतु कदम उठाया। खाद्य तेलों, दालों एवं अन्य खाद्य पदार्थों के संदर्भ में देश को आत्मनिर्भर बनाने के लिए खाद्य पदार्थों के मूल्यों पर नियंत्रण आवश्यक है इस हेतु लंबी अवधि के लिए योजना बनाई जाये। सार्वजनिक क्षेत्रों एवं निजी क्षेत्रों के श्रमिकों/कर्मचारियों के वेतन बढ़ाकर महंगाई की क्षतिपूर्ति हेतु कदम उठाना। अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3(1) मे की गयी उपरोक्त छूट को तुरन्त वापिस लिया जाये।
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