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चम्बा ! महाशिवरात्रि का पर्व पूरे जिले में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। उपमंडल भरमौर के चौरासी परिसर में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी।श्रद्धालुओं को कतारों में अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। वहीं रात्रि में मणिमहेश मन्दिर के परिसर में नवाला (शिव पूजन) का कार्यक्रम किया गया जिसमें भरमौर क्षेत्र के सुप्रसिद्ध शिव का गुणगान करने वाले कलाकारों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। बताते चलें कि भगवान भोले नाथ शिवरात्रि के पावन अवसर पर चौरासी में विश्राम करते हैं, और फिर मणिमहेश के लिए रवाना होते हैं। मणिमहेश मन्दिर के पुजारी एडवोकेट कर्ण ने बताया कि सदियों से यही परम्परा चली आ रही है,जिसका वो बखूवी निर्वहन करते आ रहे हैं।उन्होनें बताया कि इस नवाले में सभी इलाके के ग्रामीण हजारों की संख्या में आते हैं और भोले का गुणगान करते हैं।
चम्बा ! महाशिवरात्रि का पर्व पूरे जिले में हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। उपमंडल भरमौर के चौरासी परिसर में हजारों की संख्या में श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी।श्रद्धालुओं को कतारों में अपनी बारी का इंतजार करना पड़ा। वहीं रात्रि में मणिमहेश मन्दिर के परिसर में नवाला (शिव पूजन) का कार्यक्रम किया गया जिसमें भरमौर क्षेत्र के सुप्रसिद्ध शिव का गुणगान करने वाले कलाकारों ने अपनी उपस्थिति दर्ज कराई। बताते चलें कि भगवान भोले नाथ शिवरात्रि के पावन अवसर पर चौरासी में विश्राम करते हैं, और फिर मणिमहेश के लिए रवाना होते हैं।
मणिमहेश मन्दिर के पुजारी एडवोकेट कर्ण ने बताया कि सदियों से यही परम्परा चली आ रही है,जिसका वो बखूवी निर्वहन करते आ रहे हैं।उन्होनें बताया कि इस नवाले में सभी इलाके के ग्रामीण हजारों की संख्या में आते हैं और भोले का गुणगान करते हैं।
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