- विज्ञापन (Article Top Ad) -
चम्बा/ भरमौर ! उपमंडल भरमौर के 84 परिसर के पुजारियों का एक दल एडवोकेट कर्ण गौतम की अगुवाई में अपनी मांगों को लेकर उपमंडल अधिकारी भरमौर से मिला और एक ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर पुजारियों ने मांग करते हुए कहा कि चौरासी मंदिर में रखे गए दान पत्र के चढ़ावे की हिस्सेदारी उन्हें नहीं दी जाती है। इस बारे में कई बार न्यास से पूछा गया है लेकिन हर समय टालमटोल करके मामला रफा-दफा किया जाता है। पुजारियों ने बताया कि बीते जून माह में जब न्यास की बैठक हुई थी तो उसमें भी पुजारियों को आमंत्रित नहीं किया गया था जहां अपनी मर्जी से ही दान पात्र को गर्भ गृह में रखने का फैसला लिया गया जो कि न्यास का एक तरफा फैसला सही नहीं है इसके अलावा जब भी न्यास के साथ पुजारियों की बैठक हुई है तो वहां पुजारियों ने दान पत्र रखने का विरोध किया है बावजूद इसके न्यास अपनी मर्जी से ही दान पत्र परिसर में रख देता है जो कि सरासर गलत है । परिसर में दानपात्र की राशि से अभी तक कोई भी कार्य न्यास द्वारा नहीं करवाया गया है। जिसके कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि अभी तक न्यास की जितनी भी बैठक हुई है उसकी कॉपी उन्हें उपलब्ध करवाई जाए। ताकि इस बारे में पुजारी चर्चा कर सकें।उन्होंने बताया कि न्यास हर वर्ष यात्रा के दौरान ही नए दान पत्र खरीदता है ,जिसके कारण धनराशि का दुरुपयोग होता है जबकि 1 साल में ही दान पात्र कहां गायब हो जाते हैं जिसका अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है ।उन्होंने मांग करते हुए कहा कि इन सभी मांगों को पूरा किया जाए ताकि दान की गई धनराशि का दुरुपयोग न हो।
चम्बा/ भरमौर ! उपमंडल भरमौर के 84 परिसर के पुजारियों का एक दल एडवोकेट कर्ण गौतम की अगुवाई में अपनी मांगों को लेकर उपमंडल अधिकारी भरमौर से मिला और एक ज्ञापन सौंपा। इस मौके पर पुजारियों ने मांग करते हुए कहा कि चौरासी मंदिर में रखे गए दान पत्र के चढ़ावे की हिस्सेदारी उन्हें नहीं दी जाती है। इस बारे में कई बार न्यास से पूछा गया है लेकिन हर समय टालमटोल करके मामला रफा-दफा किया जाता है।
पुजारियों ने बताया कि बीते जून माह में जब न्यास की बैठक हुई थी तो उसमें भी पुजारियों को आमंत्रित नहीं किया गया था जहां अपनी मर्जी से ही दान पात्र को गर्भ गृह में रखने का फैसला लिया गया जो कि न्यास का एक तरफा फैसला सही नहीं है इसके अलावा जब भी न्यास के साथ पुजारियों की बैठक हुई है तो वहां पुजारियों ने दान पत्र रखने का विरोध किया है बावजूद इसके न्यास अपनी मर्जी से ही दान पत्र परिसर में रख देता है जो कि सरासर गलत है ।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
परिसर में दानपात्र की राशि से अभी तक कोई भी कार्य न्यास द्वारा नहीं करवाया गया है। जिसके कारण काफी परेशानी का सामना करना पड़ता है। उन्होंने मांग करते हुए कहा कि अभी तक न्यास की जितनी भी बैठक हुई है उसकी कॉपी उन्हें उपलब्ध करवाई जाए।
ताकि इस बारे में पुजारी चर्चा कर सकें।उन्होंने बताया कि न्यास हर वर्ष यात्रा के दौरान ही नए दान पत्र खरीदता है ,जिसके कारण धनराशि का दुरुपयोग होता है जबकि 1 साल में ही दान पात्र कहां गायब हो जाते हैं जिसका अभी तक कोई पता नहीं चल पाया है ।उन्होंने मांग करते हुए कहा कि इन सभी मांगों को पूरा किया जाए ताकि दान की गई धनराशि का दुरुपयोग न हो।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -