- विज्ञापन (Article Top Ad) -
बिलासुपर ! भाषा एवं संस्कृति विभाग कार्यालय बिलासपुर द्वारा आज संस्कृति भवन बिलासपुर के बैठक कक्ष में मासिक गोष्ठी का आयोजन किया गया। कार्यक्रम के मुख्यअतिथि सेवानिवृत्त डीएसपी डाॅ0 रविन्द्र ठाकुर व विशिष्ठ अतिथि प्रदीप गुप्ता तथा कार्यक्रम की अध्यक्षता व मंच का संचालन वरिष्ठ साहित्यकार रविन्द्र भट्टा ने किया। कार्यक्रम का शुभारम्भ साहित्यकारों द्वारा मां सरस्वती का दीप प्रज्जवलति कर किया गया। श्री इन्द्र सिहं चन्देल द्वारा मां सरस्वती की वन्दना प्रस्तुत की। उसके उपरान्त डाॅ0 अनीता शर्मा ने साहित्यकार स्व0 डा0 बंशी राम शर्मा जी की पुण्य तिथि के अवसर पर उनके जीवन पर प्रकाश डाला और साहित्यकारों द्वारा उसके बाद उस पर चर्चा परिचर्चा की गई। ‘‘ अमर नाथ धीमान ने ‘‘ इक तस्वीर मेरी नजरां च आई जान्दी, मेरे इन्तजारा री घडियां जो बधाई जान्दी‘‘। पूनम शर्मा ने ‘‘ दकहता वन था चारों ओर वास सन्नाटे और खामोशी का हो रहा था भयानक शोर‘‘। सुरेन्द्र मिन्हास ने ‘‘तेरी औलाद भी देख रही, वो भी तेरे साथ यही करेगी, जब तुम हो जाओगे बेबस, जो आज हुआ वो भी यही करेगी। प्रदीप गुप्ता ने ‘‘ हाय मंहगाई तु शर्म नहीं आई शीर्षक से रचना प्रस्तुत की , पंक्यिां थीं- रोटी, कपड़ा मकान की आस दूर होती जाए, इंसान जिंदा है उपर से पर अंदर से मरता जाए। सोनिका ने पहाड़ी गीत- छम्म छम्म रोन्दी ताया अम्मां तेरी इक बारी पाई जायों घरें फेरी‘‘। अनीश ठाकुर की पंक्तियां थीं - जो होते थे घर कभी अब सभी मकां हो गए हैं, होते थे बस्तियों में कभी इन्सां अब तो सब हैवान हो गए हैं‘‘। एस. आर. आजाद ने -सोने चांदी की कलमें‘‘ माटी की कहानी कौन लिखे‘‘। डाॅ0 अनीता शर्मा ने घैर्य शीर्षक से रचना प्रस्तुत की, पंक्तियां थीं- दिन भर की तपन ने, इन वृक्षों को, दिए हैं दुख अनेक पर सांझ समय, ये घीर-वीर, हैं शान्त और गम्भीर। रविन्द्र भटटा ने -तुम्हारे साथ बीते लम्हों की वो खट्टी मीठी यादें, मुझे बेचैन कर देती हैं‘। रविन्द्र ठाकुर ने- साहित्यकार डाॅ0 बंशी राम जी की स्मृति में पहाड़ी रचना -तंह्न - तह्न धरती कह्लुरा री, मते सारे दिते मोती अनमोल, बंदूक तलवारा रे सिपाही दिते, मते देईगी कलमा रे चित चोर। बाहू बल छड्डा दमाग बड़ा था, लखारी डूगे ज्ञान रे गोता खोर, पोथू लिखे खोजां बड़ी किती, बंशी राम शर्मा थे से चित चोर रचना पढ़ी । इन्द्र सिंह चन्देल ने पहाड़ी गीत - पी ले राधिके- पी ले राधिके ओ गउंवा उतर पहाड़ां ते आईयां, कच्चा दूघ पी ले राधिके सुनाया। मुख्य अतिथि डाॅ0 रविन्द्र ठाकुर ने विभाग द्वारा ऐसे कार्यक्रम आयोजित करने के लिए विभाग की सराहना की और उन्होंने कहा कि बड़े संयोग की बात है कि आज ही के दिन साहित्यकार स्व0 डा0 बंशी राम शर्मा जी की पुण्य तिथि भी है और हमें उन्हें याद करने का अवसर मिला है। अन्त में श्री इन्द्र सिंह चन्देल ने सभी साहित्यकारों का इस कार्यक्रम में रचनाएं प्रस्तुत करने के लिए आभार व्यक्त किया और उन्होंने बताया कि सचिव भाषा एवं संस्कृति के निर्देशानुसार आगामी गोष्ठियों में ‘‘लेखक से मिलिए कार्यक्रम‘‘ के अन्र्तगत किसी एक लेखक पर संगोष्ठी केन्द्रित रहेगी सर्वसम्मति से निर्णय लिया गया कि इस श्रृंखला में अगले मास की गोष्ठी में ‘‘लेखक से मिलिए ‘‘ के अन्र्तगत डाॅ0 बंशी राम शर्मा जी पर कार्यक्रम आयोजित किया जाएगा।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -