
- विज्ञापन (Article Top Ad) -
बिलासपुर ,31 जनवरी ! पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम रहे जिला बिलासपुर के 510 होमगार्ड जवानों को दो माह से मानदेय नहीं मिला है। इससे जवानों को भारी आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के लिए उधार लेने को मजबूर हैं। यह जवान विभाग से बार-बार मानदेय जारी करने का आग्रह कर रहे है, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। वहीं विभागीय अधिकारियों का तर्क है कि जैसे ही बजट मिलेगा वैसे ही उनका मानदेय जारी कर दिया जाएगा। होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन बिलासपुर के अध्यक्ष विजय धर्माणी ने बताया कि जिले में होमगार्ड के 510 जवान थानों, चौकियों और फायर स्टेशनों में ठंड में दिन-रात अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। फिर भी उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है। उन्हें पिछले दो महीनों से मानदेय नहीं मिला है। इस कारण जवानों को परिवार का पालन पोषण करने में कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जवानों को बच्चों की फीस से लेकर कई प्रकार के खर्चे हैं, जिनका निर्वहन करने में बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि मानदेय न मिलने के कारण वह लोग उधार पैसे लेकर काम चलाने को मजबूर हैं। उन्होंने बताया कि विभाग से बार-बार आग्रह करने के बावजूद उन्हें उनका मेहनताना नहीं मिल रहा है। महंगाई के इस दौर में उन्हें बिना पैसों के जीवन यापन करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने विभाग से एक बार फिर से आग्रह किया है कि जल्द से जल्द उनका मानदेय दिया जाए, ताकि अपने परिवार का भरण पोषण ठीक ढंग से कर सकें।
बिलासपुर ,31 जनवरी ! पुलिस के साथ कंधे से कंधा मिलाकर काम रहे जिला बिलासपुर के 510 होमगार्ड जवानों को दो माह से मानदेय नहीं मिला है। इससे जवानों को भारी आर्थिक परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है और अपनी जिम्मेदारियों का निर्वहन करने के लिए उधार लेने को मजबूर हैं।
यह जवान विभाग से बार-बार मानदेय जारी करने का आग्रह कर रहे है, लेकिन उनकी समस्या का समाधान नहीं हो रहा है। वहीं विभागीय अधिकारियों का तर्क है कि जैसे ही बजट मिलेगा वैसे ही उनका मानदेय जारी कर दिया जाएगा।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
होमगार्ड वेलफेयर एसोसिएशन बिलासपुर के अध्यक्ष विजय धर्माणी ने बताया कि जिले में होमगार्ड के 510 जवान थानों, चौकियों और फायर स्टेशनों में ठंड में दिन-रात अपनी सेवाएं प्रदान कर रहे हैं। फिर भी उनके साथ सौतेला व्यवहार किया जा रहा है।
उन्हें पिछले दो महीनों से मानदेय नहीं मिला है। इस कारण जवानों को परिवार का पालन पोषण करने में कई तरह की कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। जवानों को बच्चों की फीस से लेकर कई प्रकार के खर्चे हैं, जिनका निर्वहन करने में बड़ी समस्या का सामना करना पड़ रहा है क्योंकि मानदेय न मिलने के कारण वह लोग उधार पैसे लेकर काम चलाने को मजबूर हैं। उन्होंने बताया कि विभाग से बार-बार आग्रह करने के बावजूद उन्हें उनका मेहनताना नहीं मिल रहा है।
महंगाई के इस दौर में उन्हें बिना पैसों के जीवन यापन करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। उन्होंने विभाग से एक बार फिर से आग्रह किया है कि जल्द से जल्द उनका मानदेय दिया जाए, ताकि अपने परिवार का भरण पोषण ठीक ढंग से कर सकें।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -