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बिलासपुर ,22 सितम्बर ! आज जिला सूचना एवं संप्रेषण ब्यूरो द्वारा विश्व अल्जाइमर दिवस का आयोजन संस्कृत कॉलेज डंगार में प्रधानाचार्य श्रीमान प्रकाश गौतम की अध्यक्षता में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम में स्वास्थ्य विभाग के जिला सूचना व संप्रेषण अधिकारी श्री राकेश बाबू व स्वास्थ्य शिक्षक दीप कुमार उपस्थित रहे। इस कार्यक्रम में राकेश बाबू ने कॉलेज के छात्रों को बताया कि अल्जाइमर रोग को सन 2012 से हर वर्ष विश्व स्तर पर मनाया जाने लगा इस रोग की पहचान सबसे पहले एक जर्मन मनोचिकित्सक द्वारा 1901 में महिला रोगी में इस बीमारी की पहचान की गई थी। उन्होंने कहा कि प्रतिवर्ष अल्जाइमर दिवस को मनाने के लिए एक थीम डब्ल्यूएचओ द्वारा निर्धारित किया जाती है। इस वर्ष का थीम डिमंशिया के बारे में अल्जाइमर शिविर के आयोजन का मुख्य उद्देश्य अल्जाइमर रोग के बारे में लोगों की समझ व जागरूकता बढना है। अल्जाइमर डिमेंशिया का एक रूप है जो यादाशत को प्रभावित करती है, जिससे दैनिक कार्य करने में परेशानी आती है। इसके लिए 80 प्रतिशत डिमेशिया के लक्षण जिम्मेदार हो सकते हैं। यह मस्तिष्क व यादाशत से जुड़ी बीमारी है तथा जिसमें व्यक्ति की सोचने की शक्ति कम हो जाती है। उन्होंने बताया कि यह रोग स्मृति और सोच कौशल को कम कर देता है और अंत में सबसे सरल कार्य को करने की क्षमता कम कर देता है जिसके फलस्वरूप यादाश्त व सोचने की क्षमता में गिरावट आती है। उन्होंने बताया कि इस रोग के कारण मस्तिष्क की कोशिकाए नष्ट हो जाती हैं, जिसके कारण व्यक्ति की यादाशत में बदलाव, अनियमित व्यवहार एवं शारीरिक प्रक्रियाओं को नुकसान पहुंचता है। अल्जाइमर रोग से बड़ी संख्या में बुर्जुग चपेट में आते हैं तथा जिन बुजुर्गों की आयु 90 साल से ज्यादा है उनको इस बीमारी का खतरा लगभग 50 प्रतिशत और 80 प्रतिशत तक तथा 90 साल के बीच के लोगों को इसका जोखिम 10 से प्रतिशत होता है, लेकिन वर्तमान समय में 40 वर्ष वाले लोग भी इस बीमारी से ग्रसित हो रहे हैं। इस अवसर पर स्वास्थ्य शिक्षक दीप कुमार ने कहा कि व्यक्ति के दिमाग में प्रोटीन की कमी के कारण अल्जाइमर रोग की समस्या शुरू होती है तथा देश में जनसंख्या का 1/ 2 प्रतिशत लोगों में उम्र के साथ अल्जाइमर बीमारी देखने को मिलती है पुरुषों से ज्यादा महिलाओं को अल्जाइमर का खतरा होता है। उन्होंने बताया कि इस रोग में 10 मरीजों में से 6 महिलाएं होती हैं। भारत में इस रोग के मामले में दुनिया भर में तीसरे नंबर पर है। अल्जाइमर के मरीजों को दवाई के साथ-साथ कुछ उपाय करना जरूरी होता है जैसे मेंटल गेम खेलना, हेल्दी डाइट,नियमित व्यायाम और योग,लोगों से बातचीत करना, तनाव कम करना ,म्यूजिक सुनना ,परिवार के साथ वक्त बिताना, जिससे अल्जाइमर रोग को कम किया जा सकता है। अल्जाइमर रोग डिमेंशिया का रूप है जिसका तात्पर्य ऐसी स्थिति में व्यक्ति के दिमाग की कोशिकाएं कमजोर या नष्ट हो जाती हैं। स्वास्थ्य शिक्षक ने बताया कि भारत में लगभग 40 लाख लोग डिमेंशिया से पीड़ित है। इस अवसर पर स्वास्थ्य शिविर में कॉलेज के छात्रों द्वारा भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया जिसमें प्रथम स्थान पर पलक, द्वितीय स्थान पर रजनी, तीसरे स्थान पर हेमलता रहे और सभी प्रतिभागियों को नगद राशि वितरित की गई। कॉलेज के सभी विद्यार्थियों को जलपान की व्यवस्था स्वास्थ्य विभाग द्वारा की गई।
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