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बिलासपुर ! राज्य सूचना आयोग एवं जिला प्रशासन के संयुक्त तत्वाधान में सूचना का अधिकार अधिनियम, 2005 पर आज बचत भवन में एक सेमीनार का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता राज्य मुख्य सूचना आयुक्त हिमाचल प्रदेश नरेन्द्र चैहान ने की। उन्होंने इस मौके पर जिला भर से आए जन सूचना अधिकारियों, प्रथम अपीलीय अधिकारियों व विभागाध्यक्षों को सम्बोधित करते हुए कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम का मूल उद्देश्य नागरिकों को सशक्त बनाने, सरकार के कार्यों में पारदर्शिता और उत्तरादायित्व को बढ़ावा देना, भ्रष्टाचार को नियंत्रित करना है। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम 12 अक्तूबर, 2005 को सम्पूर्ण धाराओं के साथ लागू किया गया था लेकिन कानून के दायरे में राष्ट्रीय सुरक्षा के विषय पर कोई जानकारी सांझा नहीं की जा सकती। उन्होंने इस अवसर पर उच्चतम, उच्च व जिला न्यायलयों में सूचना का अधिकार से सम्बन्धित निर्णयों व आदेशों के बारे में भी विस्तृत जानकारी दी। कार्यशाला को सम्बोधित करते हुए पूर्व सचिव भारत सरकार अजय मितल ने सूचना का अधिकार अधिनियम तथा इसके विभिन्न नियमों के क्रियान्वयन बारे जागरूक करते हुए जानकारी प्रदान की। उन्होंने कार्यालय में सूचना का अधिकार अधिनियम के अंतर्गत आ रही विभिन्न समस्याओं के निदान बारे भी आवश्यक मार्गदर्शन दिया। उन्होंने कहा कि हर व्यक्ति को सूचना पाने का अधिकार है तथा सूचना नहीं देने पर जन सूचना अधिकारियों को विधिक कारण बताना अनिवार्य है। उन्होंने कहा कि सूचना का अधिकार अधिनियम की धारा 4 इस अधिनियम की आत्मा है और इसके तहत अपनी विभागीय जानकारी बेवसाईट पर अपलोड कर दें जिससे लोगों को विभागीय जानकारी सुलभ रुप से प्राप्त हो सकेगी। उन्होंने बताया कि सभी विभागों के जन सूचना अधिकारी और सहायक सूचना अधिकारी को अपने कार्यालयों में सूचना से सम्बन्धित बड़े बोर्ड लगाना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि शुरू में इस अधिनियम का दुरुपयोग हुआ है परंतु अब जैसे-जैसे आम व्यक्ति में जागरूकता बढ़ रही है वैसे-वैसे इस अधिनियम की उपयोगिता भी बढ़ रही है। उपायुक्त पंकज राय ने राज्य मुख्य सूचना आयुक्त नरेन्द्र चैहान व अन्य स्त्रोत व्यक्तियों का स्वागत किया तथा प्रशासन के विशेष अनुरोध पर सेमीनार आयोजित करने के लिए उनका आभार प्रकट किया। उन्होंने सूचना का अधिकार अधिनियम के सशक्त क्रियान्वयन के लिए सभी विभागों के अधिकारियों से प्रयास करने की अपील की ताकि अधिनियम के उद्देश्यों की पूर्ति की जा सके। सेमीनार में वरिष्ठ सम्वाददाता डाॅ. अश्वनी शर्मा ने सूचना के अधिकार अधिनियम पर मीडिया की भूमिका पर प्रकाश डालते हुए कहा कि इस अधिनियम के बारे में प्रिंट व इलेक्ट्रोनिक मीडिया द्वारा प्रचार-प्रसार करने पर बल दिया। सचिव राज्य सूचना आयोग रविन्द्र नाथ शर्मा ने कहा कि सूचना का अधिकार के अंतर्गत कार्यों, दस्तावेजों, रिकाॅर्डों का निरीक्षण, दस्तावेज या रिकाॅर्डों की प्रस्तावना, नोटस व प्रमाणित प्रतियां, साम्रगी के प्रमाणित नमूनें लेना, प्रिंट आउट, डिस्क सीडी तथा विडियो कैसेट के रुप में या कोई अन्य इलेक्ट्रोनिक रुप में जानकारी प्रदान की जा सकती है। उन्होंने कहा कि प्रदेश में इस तरह की कार्यशालाएं हर जिला में आयोजित की जा रही है ताकि उचित जानकारी के साथ इसके कार्यन्वयन में आ रही बाधाओं को दूर किया जा सके। अतिरिक्त उपायुक्त तोरुल रवीश ने मुख्य सूचना आयुक्त एवं उनके साथ आए पदाधिकारियों का कार्यशाला में आने पर आभार व्यक्त किया। इस अवसर पर पुलिस अधीक्षक एस.आर. राणा, अतिरिक्त उपायुक्त तोरुल रवीश, सहायक आयुक्त सिद्धार्थ आचार्य, एसडीएम सदर सुभाष गौतम सहित सभी विभागाध्यक्ष उपस्थित रहे।
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