- विज्ञापन (Article Top Ad) -
बिलासपुर , 23 अक्टूबर ! हिमाचल प्रदेश के विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी में आज नवमी के उपलक्ष्य पर काफी संख्या में श्रद्धालु माता के दरबार में दर्शनों के लिए पहुंच रहे। वहीं पर नवरात्रों के दौरान काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने अपने छोटे-छोटे बच्चों के मुंडन संस्कार करवाए हैं। कहते हैं कि प्राचीन काल से चली आ रही परंपरा के मुताबिक श्रद्धालु अपने बच्चों के मुंडन संस्कार माताजी के दरबार में करते हैं। यानी की पहली बार सिर के बाल माता के दरबार में कटवाते हैं और श्री काली माता के चरणों में अर्पित करते हैं ताकि माता की कृपा से उनके बच्चे की लंबी उम्र हो और उसे सद्बुद्धि मिले। हालांकि नवमी के दिन भी श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार मंदिर में उमड़त रही। मंदिर न्यास के द्वारा जिला प्रशासन के द्वारा पुख्ता बंदोबस्त किए गए थे मेला अधिकारी धर्मपाल और मेला पुलिस अधिकारी विक्रांत एवं मंदिर अधिकारी विपिन ठाकुर लगातार मेले की हर गतिविधि पर नजर बनाए रखे है और समय-समय पर कर्मचारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते रहते हैं ताकि व्यवस्था कानून व्यवस्था बनी रहे और श्रद्धालु आराम से लाइन में माता के दर्शन करके अपने घरों को लौटे।
बिलासपुर , 23 अक्टूबर ! हिमाचल प्रदेश के विश्व विख्यात शक्तिपीठ श्री नैना देवी में आज नवमी के उपलक्ष्य पर काफी संख्या में श्रद्धालु माता के दरबार में दर्शनों के लिए पहुंच रहे।
वहीं पर नवरात्रों के दौरान काफी संख्या में श्रद्धालुओं ने अपने छोटे-छोटे बच्चों के मुंडन संस्कार करवाए हैं। कहते हैं कि प्राचीन काल से चली आ रही परंपरा के मुताबिक श्रद्धालु अपने बच्चों के मुंडन संस्कार माताजी के दरबार में करते हैं।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
यानी की पहली बार सिर के बाल माता के दरबार में कटवाते हैं और श्री काली माता के चरणों में अर्पित करते हैं ताकि माता की कृपा से उनके बच्चे की लंबी उम्र हो और उसे सद्बुद्धि मिले। हालांकि नवमी के दिन भी श्रद्धालुओं की भीड़ लगातार मंदिर में उमड़त रही। मंदिर न्यास के द्वारा जिला प्रशासन के द्वारा पुख्ता बंदोबस्त किए गए थे
मेला अधिकारी धर्मपाल और मेला पुलिस अधिकारी विक्रांत एवं मंदिर अधिकारी विपिन ठाकुर लगातार मेले की हर गतिविधि पर नजर बनाए रखे है और समय-समय पर कर्मचारियों को आवश्यक दिशा निर्देश देते रहते हैं ताकि व्यवस्था कानून व्यवस्था बनी रहे और श्रद्धालु आराम से लाइन में माता के दर्शन करके अपने घरों को लौटे।
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -