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बिलासपुर ! आज स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग बिलासपुर द्वारा आजादी के अमृत महोत्सव तथा राष्ट्रपिता महात्मा गांधी जी की पुण्य तिथि पर राष्ट्रीय कुष्ठ रोग निवारण दिवस कार्यक्रम एम्स बिलासपुर के प्रांगण में आयोजित किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता चरम रोग विशेषज्ञ डॉक्टर मंजू दरोच ने की। कार्यक्रम में जिला कुष्ठ रोग निवारण अधिकारी डॉक्टर सुमित शर्मा, सहायक कुष्ठ रोग अधिकारी विवेक शर्मा, स्वास्थ्य शिक्षक दीप कुमार, उपस्थित रहे। 40 से अधिक प्रशिक्षु डॉक्टरों ने कार्यक्रम में भाग लिया। डॉक्टर मंजू तथा अन्य सभी ने दीप प्रज्वलित करने के उपरांत बापू जी को श्रद्धा सुमन अर्पित किए तथा 2 मिनट का मौन रखकर महात्मा गांधी जी को याद किया। डॉक्टर मंजू ने सभी को कुष्ठ रोग के लक्षण, निदान, उपचार एवं बचाव से अवगत करवाया। जिला कुष्ठ रोग निवारण अधिकारी डॉक्टर सुमित शर्मा ने महात्मा गांधी जी द्वारा कुष्ठ रोग के रोगियों के प्रति किए गए कार्यों पर प्रकाश डाला और कहा की गांधी जी ने असहाय मरीजों के निस्वार्थ भाव से सेवा की और अपने हाथों से उनके जख्मों पर मलहम पट्टी कर उनके दर्द को सांझा किया। बापू जी का इस क्षेत्र में अतुलनीय योगदान रहा है और उन्होंने हमें सिखाया है की कुष्ठ रोगियों से घृणा करने की बजाय उनकी सहायता कर उन्हे समाज में उचित स्थान देना चाहिए। विवेक शर्मा ने बताया की पुराने समय में लोग इसे पापों का फल और देवी देवताओं का प्रकोप मानते थे, क्योंकि उस समय इस रोग का प्रयाप्त उपचार उपलब्ध नहीं था। और रोगी को अपंगता आ जाती थी जिसकी वजह से व्यक्ति देखने में कुरूप लगता था। लेकिन इस वक्त सभी सरकारी संस्थाओं में इसका पूर्ण एवं मुफ्त इलाज उपलब्ध है जिसे एम डी टी कहा जाता है। डॉक्टर सुमित शर्मा ने बताया की इसके लक्षण हैं शरीर पर हल्के पीले या तांबे के रंग के दाग आना जिन मे खुजली न हो, त्वचा का सुन होना, हाथ, पैर या आंखों में कमजोरी आना, आंखों की पलकें बंद ना हो पाना आदि। इसका संपूर्ण उपचार 6 से 12 महीने में किया जा सकता है। इस मौके पर सोहन, सुभाष, रमेश कुमार सहित अन्य लोग मौजूद रहे।
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