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बिलासपुर ! स्वतंत्रता की 75वीं वर्षगांठ के उपलक्ष्य में आजादी का अमृत महोत्सव के तहत आज राष्ट्रीय विधिक सेवा प्राधिकरण तथा राष्ट्रीय महिला आयोग के सौजन्य से उपमंडल विधिक सेवा प्राधिकरण के तत्वाधान में महिला विधिक जागरूक शिविर का आयोजन विकास खण्ड झंडूता के प्रांगण में किया गया। इस कार्यक्रम की अध्यक्षता सिविल जज एवं न्यायिक दंडाधिकारी प्रथम श्रेणी जितेंद्र कुमार ने की। उन्होंने कहा कि महिलाएं जागरूक होगी तो समाज और परिवार जागरूक होगा। उन्होंने महिलाओं को कानूनी अधिकार के बारे में जागरूकत करते हुए बताया कि महिलाओं को काम के दौरान हुए उत्पीड़न और यौन उत्पीड़न के लिए शिकायत दर्ज करने का पूरा अधिकार है और गोपनीयता की रक्षा के लिए यौन उत्पीड़न की शिकायत वह किसी महिला पुलिस अधिकारी के सामने दर्ज करा सकती है। उन्होंने बताया कि महिलाओं को सूरज डूबने के बाद और सूरज उगने से पहले गिरफ्तार नहीं किया जा सकता। उन्होंने बताया कि हिंसा का तात्पर्य है किसी को शारीरिक रूप से चोट या क्षति पहुँचाना और किसी को मौखिक रूप से अपशब्द कह कर मानसिक परेशानी देना यह भी हिंसा का ही प्रारूप है। उन्होंने बताया कि बलात्कार, हत्या, अपहरण आदि को आपराधिक हिंसा की श्रेणी में गिना जाता है तथा दफ्तर या घर में दहेज के लिए शारीरिक यातना, यौन शोषण, बदसलूकी जैसी घटनाएँ घरेलू हिंसा का उदाहरण है। लड़कियों से छेड़-छाड़, पत्नी को भ्रूण-हत्या के लिए मजबूर करना आदि सामाजिक हिंसा के अंतर्गत आता है। उन्होंने कहा कि समाज का कोई भी वर्ग धन की कमी के कारण न्याय प्राप्त करने के लिए वंचित न रहे इसके लिए विधिक सेवा प्राधिकरण का गठन किया गया है। उन्होंने कहा कि गरीब, असहाय, अनुसूचित जाति एंव जनजाति के लोग, पुलिस हिरासत में लिए गये व्यक्ति, महिलाएं, औद्योगिक श्रमिक तथा 3 लाख रुपये तक की आय वाले पात्र लोग विधिक सेवा प्राधिकरण के माध्यम से निःशुल्क कानूनी सहायता प्राप्त कर सकते है। कानूनी सहायता प्राप्त करने के लिए आवेदक सादे कागज पर उपमण्डल या जिला स्तर पर प्रार्थना पत्र दे सकते है। उन्होंने कहा कि प्रत्येक व्यक्ति को अपने अधिकार के बारे में जागरूक होना चाहिए और अपने कर्तव्यों का भी पालन करना चाहिए। उन्होंने कहा कि संविधान ने हमें बहुत से अधिकार दिए हैं जिनमें सबसे बड़ा अधिकार है समानता का अधिकार, कानून के समक्ष सभी जन बराबर हैं और सभी को न्याय पाने के समान अवसर उपलब्ध है। इस अवसर पर बाल विकास परियोजना अधिकारी नरेंद्र कुमार, पंचायत निरीक्षण संजय शर्मा, अधिवक्ता सर्वजीत सिंह, पंकज भारद्वाज, अधिवक्ता प्रवेश चंदेल, अधिवक्ता नीरज बसु, महिला ग्राम पंचायत प्रधान, आंगनवाडी कार्यकर्ताओं, पर्यवेक्षक, महिला पुलिस तथा वार्ड सदस्य उपस्थित रहे।
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