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बिलासपुर ! ग्राम पंचायत बडोल में विश्व काला मोतिया दिवस का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता प्रधान ग्राम पंचायत बडोल सुषमा देवी ने की। इस अवसर पर पंचायत के पीआरआई, बुजुर्ग व ग्रामीणों ने भाग लिया। इस मौके पर शिक्षा एवं सूचना अधिकारी बिलासपुर पूर्ण चन्द जन ने बताया कि यह दिवस हर साल मार्च में बनाया जाता है ताकि लोगों को काला मोतिया के बारे में विस्तृत जानकारी दी जा सके और जागरूक हो सकें। उन्होंने बताया कि इसका इस वर्ष थीम ‘‘संसार चमकीला है अपनी दृष्टि को बचाएं उन्होंने बताया कि आंखों के भीतर नालियों द्वारा पानी जैसा द्रव बेरोक टोक चक्कर काटता रहता है। यदि किसी कारण इन नालियों से द्रव बाहर न निकल पाए तो आंखों के अन्दर दवाव बढ़ जाता है। यह बढ़ा हुआ दबाव आंखों की उस नस को खराब कर देता है जो आंखों के नजर का संदेश (चित्र) दिमाग तक पहुंचाता है। काला मोतिया 35 वर्ष से उपर की आयु में होने की सम्भावना बनती है, धीमे प्रकाश में दखने में मुश्किल होती है, आखों में हल्की सी पीड़ा होती है, बल्व, मोमबती या दीपक के प्रकाश के चारों ओर रंग विरंगा घेरा दिखाई देता है, यदि शुगर हो व बार बार नज़र का चश्मा बदलना पड़ता है तो काला मोतिया हो सकता है। काला मोतिया का इलाज शुरू से करवाएं तो सम्भव है। दवाईयो से इसका इलाज हो सकता है, नही तो फिर लेजर शल्य चिकित्सा व शुक्ष्म शल्य चिकित्सा से इसका इलाज किया जा सकता है। जिसकी वजह से आंख में पानी जैसे द्रब के बहने के लिए नकली मार्ग बना दिया जाता है। उन्होंने बताया कि काला मोतिया विश्वभर मेें अन्धेपन के कारणों में से एक बड़ा कारण हैं। इस कार्यक्रम में आंख के चिकित्सक द्वारा 70 लोगों की आंख की जांच की गई। अन्य स्वास्थ्य क्रमियों द्वारा लगभग 40 लोगों का मधुमेह व शुगर की जांच की गई। इस अवसर पर स्वास्थ्य शिक्षक बिलासपुर परवीण शर्मा ने ग्लूकोमा के जोखिम कारणों के बारे में बताया कि आयु 40 वर्ष से अधिक, पारिवारिक इतिहास, दुूर दृष्टि दोष, आंख से अधिक प्रेशर, पुरानी लगी आंख में चोट, जिन लोगों को माईग्रेन, निम्न रक्तचाप एवं शुगर (मधुमेह) के बारे में जागरूक किया। उन्होंने सभी ग्लूकोमा पीड़ितों से अनुरोध हैं कि अपने सगे सम्बन्धियों की जांच जल्द कराएं। इस अवसर पर काला मोतियां के उपर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें आशा कर्याकर्ताओं ने भाग लिया। प्रतियोगिता में विजेताओं को स्वास्थ्य विभाग द्वारा नगद इनाम बांटे। प्रतियोगिता में गायत्री देवी प्रथम, स्नेहलता द्वितीय तथा बबली तीसरे स्थान पर रही। पंचायत की प्रधान सुषमा देवी ने बताया कि जो बाते यहां बताई गई उन पर अमल करें तथा यह संदेश औरों को दे, कि आंखें संसार दिखाती है आप इन बातों का ध्यान रखें कुछ होने पर तुरन्त चिकित्सक को ही दिखाएं जरा सी लापरवाही जीवन को अंधकारमय बना सकती है।
बिलासपुर ! ग्राम पंचायत बडोल में विश्व काला मोतिया दिवस का आयोजन किया गया जिसकी अध्यक्षता प्रधान ग्राम पंचायत बडोल सुषमा देवी ने की। इस अवसर पर पंचायत के पीआरआई, बुजुर्ग व ग्रामीणों ने भाग लिया। इस मौके पर शिक्षा एवं सूचना अधिकारी बिलासपुर पूर्ण चन्द जन ने बताया कि यह दिवस हर साल मार्च में बनाया जाता है ताकि लोगों को काला मोतिया के बारे में विस्तृत जानकारी दी जा सके और जागरूक हो सकें।
उन्होंने बताया कि इसका इस वर्ष थीम ‘‘संसार चमकीला है अपनी दृष्टि को बचाएं उन्होंने बताया कि आंखों के भीतर नालियों द्वारा पानी जैसा द्रव बेरोक टोक चक्कर काटता रहता है। यदि किसी कारण इन नालियों से द्रव बाहर न निकल पाए तो आंखों के अन्दर दवाव बढ़ जाता है। यह बढ़ा हुआ दबाव आंखों की उस नस को खराब कर देता है जो आंखों के नजर का संदेश (चित्र) दिमाग तक पहुंचाता है।
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काला मोतिया 35 वर्ष से उपर की आयु में होने की सम्भावना बनती है, धीमे प्रकाश में दखने में मुश्किल होती है, आखों में हल्की सी पीड़ा होती है, बल्व, मोमबती या दीपक के प्रकाश के चारों ओर रंग विरंगा घेरा दिखाई देता है, यदि शुगर हो व बार बार नज़र का चश्मा बदलना पड़ता है तो काला मोतिया हो सकता है।
काला मोतिया का इलाज शुरू से करवाएं तो सम्भव है। दवाईयो से इसका इलाज हो सकता है, नही तो फिर लेजर शल्य चिकित्सा व शुक्ष्म शल्य चिकित्सा से इसका इलाज किया जा सकता है। जिसकी वजह से आंख में पानी जैसे द्रब के बहने के लिए नकली मार्ग बना दिया जाता है।
उन्होंने बताया कि काला मोतिया विश्वभर मेें अन्धेपन के कारणों में से एक बड़ा कारण हैं। इस कार्यक्रम में आंख के चिकित्सक द्वारा 70 लोगों की आंख की जांच की गई। अन्य स्वास्थ्य क्रमियों द्वारा लगभग 40 लोगों का मधुमेह व शुगर की जांच की गई।
इस अवसर पर स्वास्थ्य शिक्षक बिलासपुर परवीण शर्मा ने ग्लूकोमा के जोखिम कारणों के बारे में बताया कि आयु 40 वर्ष से अधिक, पारिवारिक इतिहास, दुूर दृष्टि दोष, आंख से अधिक प्रेशर, पुरानी लगी आंख में चोट, जिन लोगों को माईग्रेन, निम्न रक्तचाप एवं शुगर (मधुमेह) के बारे में जागरूक किया। उन्होंने सभी ग्लूकोमा पीड़ितों से अनुरोध हैं कि अपने सगे सम्बन्धियों की जांच जल्द कराएं।
इस अवसर पर काला मोतियां के उपर भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया जिसमें आशा कर्याकर्ताओं ने भाग लिया। प्रतियोगिता में विजेताओं को स्वास्थ्य विभाग द्वारा नगद इनाम बांटे। प्रतियोगिता में गायत्री देवी प्रथम, स्नेहलता द्वितीय तथा बबली तीसरे स्थान पर रही।
पंचायत की प्रधान सुषमा देवी ने बताया कि जो बाते यहां बताई गई उन पर अमल करें तथा यह संदेश औरों को दे, कि आंखें संसार दिखाती है आप इन बातों का ध्यान रखें कुछ होने पर तुरन्त चिकित्सक को ही दिखाएं जरा सी लापरवाही जीवन को अंधकारमय बना सकती है।
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