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बिलासपुर ! मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डाॅ0 प्रकाश दरोच ने जानकारी देते हुए बताया कि कोल बैली नर्सिंग काॅलेज हरनोडा में विश्व मलेरिया दिवस का आयोजन जन शिक्षा एवं सूचना अधिकारी पूर्ण चन्द की अध्यक्ष्ता में किया गया। इस कार्यक्रम में प्रशिक्षु नर्सिस के अलावा स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने भाग लिया। इस उपलक्ष पर भाषण प्रतियोगिता व नारा लेखन प्रतियोगिताएं करवाई गई, भाषण पतियोगिता में पायल धीमान प्रथम, अर्चना द्वितीय व अंकिता ने तृतीया स्थान पर रही। नारा लेखन प्रतियोगिता में शिखा प्रथम, सरस्वती द्वितीय व शिवाली ने तृतीय स्थान पर रही। सभी विजेताओं को नगद इनाम दिए गए। इस अवसर पर जन शिक्षा एवं सूचना अधिकारी ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह दिवस हर वर्ष पूरे विश्व में बनाया जाता है इस वर्ष का थीम ‘शुन्य एजैडे पर पहुंच कर अतिरिक्त संसाधन जुटाएं और समुदाए को सशक्त करें ¼Reaching the zero Malaria on Political agenda, mobilize additional resources and empower communities) हैं। उन्होंने बताया कि बरसात के मौसम में मच्छरों के पैदा होने के कारण बहुत से रोग पैदा हो जाते हैं जिनमें डेंगू और मलेरिया प्रमुख हैं वर्तमान समय में यद्यपि मलेरिया का परकोप कम हुआ है लेकिन इसका पैरासाईट अभी भी वातावरण में है। इसलिए हमें कोविड-19 के साथ-साथ मलेरिया के बारे में भी जागरूक रहनें की आवश्यकता है। देश में हर साल 25 अपैल को विश्व मलेरिया दिवस का आयोजन किया जाता है तथा हर वर्ष विश्व मच्छर दिवस का आयोजन जिला में सभी जगह किया जाता है। पूरी गर्मियों तथा बरसात के मौसम में हमारे स्वास्थ्य शिक्षक, स्वास्थ्य कार्यकर्ता व आशा कार्यकर्ता जिले में कोरोना कार्य के साथ-साथ लोगों को मच्छरों से होने वाले रोगों खासकर डैगू, मलेरिया आदि के बारे में लोगों को अपने-अपने क्षेत्रों में दौरे के दौरान घर-घर में जागरुक करते हैं तथा मच्छरों के नियत्रण हेतू फागिंग भी की जाती है। उन्होंने बताया कि मच्छरों से होने बाले रोगो के बचाव हेतु उच्च जोखिम वाले जगहों पर फौगिंग की जाती है तथा इसके साथ-साथ अन्य उपाए भी किए जा रहे है। बिलासपुर के सभी समाचार पत्रों के माध्यम से मच्छर जनित रोगों से बचने के बारे में अपने-अपने समाचार पत्रों के माध्यम से आम जनता को जागरुक कर रहे है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डाॅ0 प्रकाश दरोच ने बिलासपुर के सभी समाचार पत्रों के सम्पादकों का सहयोग के लिए धन्यवाद किया है। उन्होंने बताया कि मलेरिया एक तेज बुखार वाली संक्रामक बीमारी है जो एक सूक्ष्म जीव मलेरिया पैरासाईट द्वारा होती है जिसे एनाफ्लीज मादा मच्छर एक मलेरिया रोगी से ग्रहण करके अन्य स्वस्थ व्यक्तियों तक पहुंचाती है। मलेरिया का संक्रमण किसी भी आयु एंव लिंग के व्यक्ति को हो सकता है। उन्होंने मलेरिया के लक्षणों की जानकारी देते हुए बताया कि शीत वाली अवस्था में तेज सर्दी, शरीर में कंपकंपी, सिर मे दर्द, खूब कपड़े ओढ़ना, गर्मी वाली अवस्था में तेज बुखार, ओढ़े व पहने हुए कपड़े उतार फैंकना। पसीने वाली अवस्था में अधिक पसीने के साथ बुखार उतरना व कमजोरी महसूस होना। उन्होंने बताया कि कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है। किसी भी सरकारी अस्पताल, स्वास्थ्य उपकेन्द्र या स्वास्थ्य कार्यकर्ता के दौरे पर जांच के लिए रक्त पटिका की सूक्ष्म दर्शी द्वारा जांच पर मलेरिया की पुष्टि होने पर मूल उपचार मुफ्त दिया जाता है। मलेरिया के लिए खून की जांच व उपचार निःशुल्क किए जाते हैं। सभी प्रभावित लोगों को शीघ्र अति शीघ्र इन सेवाओं का लाभ उठा कर निरोग हो जाना चाहिए। इस से मलेरिया फैलने पर रोक लग सकती है। उन्होंने बताया कि हम डेंगू व मलेरिया पर नियंत्रण के लिए मच्छर पर नियन्त्रण पाना जरुरी है। मच्छर हमेशा खडे पानी में अण्डे देता है इस लिए खुले तौर पर कभी भी पानी खडा न होने दिया जाए। जहां कहीं पानी स्टोर किया जाए उसे भली प्रकार ढक कर रखें ताकि मच्छर प्रवेश न कर सके। घरों के आस-पास गढढों को भर दें और नालियों की सफाई बनाए रखें ताकि पानी का ठहराव सम्भव न हो। सप्ताह में एक बार सूखा दिवस मनाएं, कूलरों, गमलों, और डिब्बों का पानी निकाल कर इन्हें सूखा दंे। गमलों, मनी प्लांट आदि के पौधों का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य बदलें। खुले में पडे पुराने बर्तनों, टायरों, टयूवों आदि में पानी न भरनें दें उनको सही जगह रखें। कुलरों को सप्ताह में दोबारा पानी भरने से पहले इन्हें अच्छी तरह पोंछ व सूखा कर ही पानी डालें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के दरवाजों और खिडकियों में जालीदार पल्ले लगवाएं। शरीर के नंगे भागों जैसे हाथ, पैर, मंुह पर मच्छर भगाने वाली क्रीम का प्रयोग करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपडे पहने। इस अवसर पर स्वास्थ्य शिक्षक बिलासपुर प्रवीण शर्मा व संस्थान की प्रधानाचार्य ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए।
बिलासपुर ! मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डाॅ0 प्रकाश दरोच ने जानकारी देते हुए बताया कि कोल बैली नर्सिंग काॅलेज हरनोडा में विश्व मलेरिया दिवस का आयोजन जन शिक्षा एवं सूचना अधिकारी पूर्ण चन्द की अध्यक्ष्ता में किया गया। इस कार्यक्रम में प्रशिक्षु नर्सिस के अलावा स्वास्थ्य विभाग के कर्मचारियों ने भाग लिया। इस उपलक्ष पर भाषण प्रतियोगिता व नारा लेखन प्रतियोगिताएं करवाई गई, भाषण पतियोगिता में पायल धीमान प्रथम, अर्चना द्वितीय व अंकिता ने तृतीया स्थान पर रही। नारा लेखन प्रतियोगिता में शिखा प्रथम, सरस्वती द्वितीय व शिवाली ने तृतीय स्थान पर रही। सभी विजेताओं को नगद इनाम दिए गए।
इस अवसर पर जन शिक्षा एवं सूचना अधिकारी ने अपने विचार प्रस्तुत करते हुए कहा कि यह दिवस हर वर्ष पूरे विश्व में बनाया जाता है इस वर्ष का थीम ‘शुन्य एजैडे पर पहुंच कर अतिरिक्त संसाधन जुटाएं और समुदाए को सशक्त करें ¼Reaching the zero Malaria on Political agenda, mobilize additional resources and empower communities) हैं।
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उन्होंने बताया कि बरसात के मौसम में मच्छरों के पैदा होने के कारण बहुत से रोग पैदा हो जाते हैं जिनमें डेंगू और मलेरिया प्रमुख हैं वर्तमान समय में यद्यपि मलेरिया का परकोप कम हुआ है लेकिन इसका पैरासाईट अभी भी वातावरण में है। इसलिए हमें कोविड-19 के साथ-साथ मलेरिया के बारे में भी जागरूक रहनें की आवश्यकता है।
देश में हर साल 25 अपैल को विश्व मलेरिया दिवस का आयोजन किया जाता है तथा हर वर्ष विश्व मच्छर दिवस का आयोजन जिला में सभी जगह किया जाता है। पूरी गर्मियों तथा बरसात के मौसम में हमारे स्वास्थ्य शिक्षक, स्वास्थ्य कार्यकर्ता व आशा कार्यकर्ता जिले में कोरोना कार्य के साथ-साथ लोगों को मच्छरों से होने वाले रोगों खासकर डैगू, मलेरिया आदि के बारे में लोगों को अपने-अपने क्षेत्रों में दौरे के दौरान घर-घर में जागरुक करते हैं तथा मच्छरों के नियत्रण हेतू फागिंग भी की जाती है।
उन्होंने बताया कि मच्छरों से होने बाले रोगो के बचाव हेतु उच्च जोखिम वाले जगहों पर फौगिंग की जाती है तथा इसके साथ-साथ अन्य उपाए भी किए जा रहे है। बिलासपुर के सभी समाचार पत्रों के माध्यम से मच्छर जनित रोगों से बचने के बारे में अपने-अपने समाचार पत्रों के माध्यम से आम जनता को जागरुक कर रहे है। मुख्य चिकित्सा अधिकारी बिलासपुर डाॅ0 प्रकाश दरोच ने बिलासपुर के सभी समाचार पत्रों के सम्पादकों का सहयोग के लिए धन्यवाद किया है।
उन्होंने बताया कि मलेरिया एक तेज बुखार वाली संक्रामक बीमारी है जो एक सूक्ष्म जीव मलेरिया पैरासाईट द्वारा होती है जिसे एनाफ्लीज मादा मच्छर एक मलेरिया रोगी से ग्रहण करके अन्य स्वस्थ व्यक्तियों तक पहुंचाती है। मलेरिया का संक्रमण किसी भी आयु एंव लिंग के व्यक्ति को हो सकता है। उन्होंने मलेरिया के लक्षणों की जानकारी देते हुए बताया कि शीत वाली अवस्था में तेज सर्दी, शरीर में कंपकंपी, सिर मे दर्द, खूब कपड़े ओढ़ना, गर्मी वाली अवस्था में तेज बुखार, ओढ़े व पहने हुए कपड़े उतार फैंकना। पसीने वाली अवस्था में अधिक पसीने के साथ बुखार उतरना व कमजोरी महसूस होना।
उन्होंने बताया कि कोई भी बुखार मलेरिया हो सकता है। किसी भी सरकारी अस्पताल, स्वास्थ्य उपकेन्द्र या स्वास्थ्य कार्यकर्ता के दौरे पर जांच के लिए रक्त पटिका की सूक्ष्म दर्शी द्वारा जांच पर मलेरिया की पुष्टि होने पर मूल उपचार मुफ्त दिया जाता है। मलेरिया के लिए खून की जांच व उपचार निःशुल्क किए जाते हैं। सभी प्रभावित लोगों को शीघ्र अति शीघ्र इन सेवाओं का लाभ उठा कर निरोग हो जाना चाहिए। इस से मलेरिया फैलने पर रोक लग सकती है।
उन्होंने बताया कि हम डेंगू व मलेरिया पर नियंत्रण के लिए मच्छर पर नियन्त्रण पाना जरुरी है। मच्छर हमेशा खडे पानी में अण्डे देता है इस लिए खुले तौर पर कभी भी पानी खडा न होने दिया जाए। जहां कहीं पानी स्टोर किया जाए उसे भली प्रकार ढक कर रखें ताकि मच्छर प्रवेश न कर सके। घरों के आस-पास गढढों को भर दें और नालियों की सफाई बनाए रखें ताकि पानी का ठहराव सम्भव न हो। सप्ताह में एक बार सूखा दिवस मनाएं, कूलरों, गमलों, और डिब्बों का पानी निकाल कर इन्हें सूखा दंे। गमलों, मनी प्लांट आदि के पौधों का पानी सप्ताह में एक बार अवश्य बदलें। खुले में पडे पुराने बर्तनों, टायरों, टयूवों आदि में पानी न भरनें दें उनको सही जगह रखें। कुलरों को सप्ताह में दोबारा पानी भरने से पहले इन्हें अच्छी तरह पोंछ व सूखा कर ही पानी डालें। सोते समय मच्छरदानी का प्रयोग करें। घर के दरवाजों और खिडकियों में जालीदार पल्ले लगवाएं।
शरीर के नंगे भागों जैसे हाथ, पैर, मंुह पर मच्छर भगाने वाली क्रीम का प्रयोग करें। पूरे शरीर को ढकने वाले कपडे पहने। इस अवसर पर स्वास्थ्य शिक्षक बिलासपुर प्रवीण शर्मा व संस्थान की प्रधानाचार्य ने भी अपने-अपने विचार व्यक्त किए।
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