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बिलासपुर , 12 मार्च [ राकेश शर्मा ] ! जिला में एम्स में मंगलवार को एक आउटसोर्स कंपनी एमजे सोलंकी में कार्यरत वर्करों ने एक बार फिर से वेतन संबंधी मामलों को लेकर हल्ला बोला व सुबह नौ बजे कंपनी के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया। इस दौरान वर्करों ने एम्स प्रशासन व कंपनी प्रबंधन को चेताते हुए कहा कि जब तक उन्हें दिए जाने सही वेतन पर कोई समझौता नहीं होता , तब तक वह पीछे नहीं हटेंगे। वर्करों ने एमएस एमजी सोलंकी कंपनी को चेताया है कि अगर एक हफ्ते में कर्मचारियों का उनका सही वेतन नहीं दिया गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा। इसकी पूरी जिम्मेवारी एमएस एमजी सोलंकी कंपनी के अलावा प्रदेश सरकार जिला प्रशासन व एम्स प्रशासन की होगी। इस अवसर पर कंपनी में कार्यरत वर्करों ने कहा कि पिछले दो तीन वर्षों से कार्य कर रहे वर्करों को कम दिहाड़ी पर काम करवाने के अलावा कई सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है। कंपनी ने जो वेतन देने की बात कही थी उसे अब नहीं दिया जा रहा है।कर्मचारियों ने आरटीआई के माध्यम से ली गई जानकारी का खुलासा करते हुए कहा कि उन्हें कंपनी द्धारा 19600 की जगह उन्हें मात्र 11000 रूपए ही थमाया जा रहा है। गौरतलब है कि कुछ दिन पहले एमएस एमजी सोलंकी कंपनी के ऊपर बिलासपुर एम्स में रोजगार के नाम पर धोखाधड़ी करके पैसे ऐंठने का मामला भी उठा था। जिसके बाद कंपनी ने यहां पर नई मैनेजमेंट बिठा दी थी । इनमें से कुछ वर्करों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि एमएस एमजी सोलंकी कंपनी वेतन मामले पर उन्हें नौकरी से निकालने की भी धमकी दे रही है। उन्होंने एम्स प्रशासन व कंपनी प्रबंधन से उनकी मांगों पर गौर करने की मांग की है। उधर, एम्स के डिप्टी डायरेक्टर लेफ्टिनेंट कर्नल एम हरि हरन ने कर्मचारी वर्ग को वापिस अपने कार्य पर जाने का आग्रह करते हुए बुधवार को एक बजे तक सभी मांगों पर विचार और हल करने कर आश्वासन दिया है।
बिलासपुर , 12 मार्च [ राकेश शर्मा ] ! जिला में एम्स में मंगलवार को एक आउटसोर्स कंपनी एमजे सोलंकी में कार्यरत वर्करों ने एक बार फिर से वेतन संबंधी मामलों को लेकर हल्ला बोला व सुबह नौ बजे कंपनी के खिलाफ धरना प्रदर्शन किया।
इस दौरान वर्करों ने एम्स प्रशासन व कंपनी प्रबंधन को चेताते हुए कहा कि जब तक उन्हें दिए जाने सही वेतन पर कोई समझौता नहीं होता , तब तक वह पीछे नहीं हटेंगे। वर्करों ने एमएस एमजी सोलंकी कंपनी को चेताया है कि अगर एक हफ्ते में कर्मचारियों का उनका सही वेतन नहीं दिया गया तो आंदोलन तेज किया जाएगा।
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इसकी पूरी जिम्मेवारी एमएस एमजी सोलंकी कंपनी के अलावा प्रदेश सरकार जिला प्रशासन व एम्स प्रशासन की होगी। इस अवसर पर कंपनी में कार्यरत वर्करों ने कहा कि पिछले दो तीन वर्षों से कार्य कर रहे वर्करों को कम दिहाड़ी पर काम करवाने के अलावा कई सुविधाओं से वंचित किया जा रहा है।
कंपनी ने जो वेतन देने की बात कही थी उसे अब नहीं दिया जा रहा है।कर्मचारियों ने आरटीआई के माध्यम से ली गई जानकारी का खुलासा करते हुए कहा कि उन्हें कंपनी द्धारा 19600 की जगह उन्हें मात्र 11000 रूपए ही थमाया जा रहा है।
गौरतलब है कि कुछ दिन पहले एमएस एमजी सोलंकी कंपनी के ऊपर बिलासपुर एम्स में रोजगार के नाम पर धोखाधड़ी करके पैसे ऐंठने का मामला भी उठा था। जिसके बाद कंपनी ने यहां पर नई मैनेजमेंट बिठा दी थी । इनमें से कुछ वर्करों ने नाम न बताने की शर्त पर बताया कि एमएस एमजी सोलंकी कंपनी वेतन मामले पर उन्हें नौकरी से निकालने की भी धमकी दे रही है।
उन्होंने एम्स प्रशासन व कंपनी प्रबंधन से उनकी मांगों पर गौर करने की मांग की है। उधर, एम्स के डिप्टी डायरेक्टर लेफ्टिनेंट कर्नल एम हरि हरन ने कर्मचारी वर्ग को वापिस अपने कार्य पर जाने का आग्रह करते हुए बुधवार को एक बजे तक सभी मांगों पर विचार और हल करने कर आश्वासन दिया है।
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