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बद्दी ! बददी-चंडीगढ़ रेलवे लाइन को लेकर अधिग्रहित की गई भूमि को लेकर आज निमंत्रण पैलेस बददी में जन सुनवाई रखी गई थी जिसकी अध्यक्षता एसडीएम नालागढ़ महेंद्र पाल गुर्जर ने की। बैठक में 10 गांवों के प्रभावित किसानों व नागरिकों ने भाग लिया जिनकी जमीन रेलवे अधिग्रहित में आई है। बैठक शुरु होते ही वहां पर उपस्थित किसानों ने केंद्र व प्रदेश सरकार का कम मुआवजा देने का विरोध करना शुरू कर दिया और उसके बाद जमकर हंगामा शुरू हो गया। किसानों ने कहा कि प्रदेश सरकार ने पहले तो हमें लूटने के लिए सर्कल रेट ही कम कर दिए जबकि रेट बढ़ने चाहिए थे। आज जो रेट रेलवे दे रहा है वो बददी में कहीं भी नहीं है। इसके बाद बैठक में आए दून के पूर्व कांग्रेस विधायक व प्रदेश कांग्रेस उपप्रधान रामकुमार चौधरी ने जनसुनवाई में सरकार को आड़े हाथों लेते हुए जमकर निशाना साधा । उन्होने कहा कि सरकार केंदूवाल, लंडेवाला, बददी, शीतलपुर, कल्याणपुर, चकजंगी, बिलांवाली गुजरा, संडोली, सराजमाजरा लुबाना के किसानों को मारना चाहती है। उन्होने कहा कि सरकार व विधायक मिलकर किसानों को गुमराह कर रहे हैं और उनकी करोड़ों की जमीनों के औने पौने दामों में लेना चाहते हैं। उन्होने कहा कि हम किसी विकास का विरोध नहीं करना चाहते हैं लेकिन जिसमें जनता ही पिस जाए ऐसा विकास किस काम का। वहीं दूसरी ओर किसानों ने कहा तीन साल पहले हमारी प्रशासन से बैठक हुई थी जिसमें 90 लाख मुआवजा मिलने की बात हुई लेकिन वो नहीं मिला और इस हिसाब से अब हमें डेढ़ करोड़ बीघा मिलना चाहिए। भाजपा जिला उपाध्यक्ष व वन निगम के निदेशक बलविंदर ठाकुर ने भी किसानों की पैरवी करते हुए एसडीएम से आग्रह किया कि किसानों को बाजार रेट पर मुआवजा दिया जाए जो कि उनका हक है। उन्होंने कहा कि इस मामले में जिला प्रशासन को पुनर्विचार करना चाहिए। अब किसान जाएंगे डीसी के पास- आज एसडीएम के साथ रखी गई वार्ता विफल होने के बाद जनकल्याण समिति के अध्यक्ष चरण दास, व्यापार मंडल के प्रधान जसवंत राय व किसान सेवा संगठन के संजीव कौशल ने कहा कि हम नालागढ़ प्रशासन के कम मुआवजे के फैसले को लेकर जिलाधीश सोलन जो कि रेलवे के अधिकृत अधिकारी है के पास चुनौती देंगे और जब तक उनको उनको न्याय नहीं मिलता वो चुप नहीं बैठेंगे।
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