- विज्ञापन (Article Top Ad) -
बद्दी ! लॉकडाउन के दौरान बीबीएन से पलायन कर प्रवासी श्रमिक जब वापस बीबीएन पहुंचे तो निजी फार्मा उद्योग ने इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। जानकारी के अनुसार बद्दी के तहत मालपुर में एक फार्मा कंपनी ने 18 कामगारों को काम पर वापस लेने से किया इनकार कर दिया है क्योंकि कोविड-19 के बाद लॉकडाउन में धंधा बंद होने पर प्रवासी श्रमिक पलायन कर घर-परिवार के पास लौट गए थे। अब जैसे हालात सामान्य हुए तो प्रवासी कामगार वापिस लौट कर आए तो इनके हाथ निराशा ही लगी। आज जैसे ही यह डेढ दर्जन कर्मचारी डयूटी देने पहुंचे तो निजी फार्मा उद्योग ने इनके काम पर रखने से इंकार कर दिया। इनमें से ज्यादातर कामगार यहां 10 से 15 साल से काम कर रहे हैं। अब कंपनी ने ठेकेदार के वर्करों को तरजीह देना शुरू कर दिया है। निकाले गए कामगारों ने अपनी शिकायत श्रम विभाग बददी को दे दी है। निकाले गए कामगारों ने कहा कि हमने अपने खून पसीने से इस कंपनी को खड़ा किया और आज जब हम पर मुसीबत आई तो कंपनी ने हमारे लिए अपने दरवाजे बंद कर दिए। उन्होने कहा कि अगर हमें वापिस नहीं लिया तो हम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। बाहर निकाले गए कामगारों में संजीव, विकास, अनिल, वीरेंद्र, अश्विनी करतार, संजय, सुनील, दीपक, अंकित, दीपक कौशल, सुनील, सुदेश, सुनील कुमार, दीवान, करनैल, राज कुमार व राकेश कुमार शामिल है। दूसरी तरफ कंपनी के जीएम सुधांशू शेखर ने इस विषय पर बात करने से इंकार किया।
बद्दी ! लॉकडाउन के दौरान बीबीएन से पलायन कर प्रवासी श्रमिक जब वापस बीबीएन पहुंचे तो निजी फार्मा उद्योग ने इन्हें बाहर का रास्ता दिखा दिया। जानकारी के अनुसार बद्दी के तहत मालपुर में एक फार्मा कंपनी ने 18 कामगारों को काम पर वापस लेने से किया इनकार कर दिया है क्योंकि कोविड-19 के बाद लॉकडाउन में धंधा बंद होने पर प्रवासी श्रमिक पलायन कर घर-परिवार के पास लौट गए थे। अब जैसे हालात सामान्य हुए तो प्रवासी कामगार वापिस लौट कर आए तो इनके हाथ निराशा ही लगी। आज जैसे ही यह डेढ दर्जन कर्मचारी डयूटी देने पहुंचे तो निजी फार्मा उद्योग ने इनके काम पर रखने से इंकार कर दिया। इनमें से ज्यादातर कामगार यहां 10 से 15 साल से काम कर रहे हैं। अब कंपनी ने ठेकेदार के वर्करों को तरजीह देना शुरू कर दिया है।
निकाले गए कामगारों ने अपनी शिकायत श्रम विभाग बददी को दे दी है। निकाले गए कामगारों ने कहा कि हमने अपने खून पसीने से इस कंपनी को खड़ा किया और आज जब हम पर मुसीबत आई तो कंपनी ने हमारे लिए अपने दरवाजे बंद कर दिए। उन्होने कहा कि अगर हमें वापिस नहीं लिया तो हम कोर्ट का दरवाजा खटखटाएंगे। बाहर निकाले गए कामगारों में संजीव, विकास, अनिल, वीरेंद्र, अश्विनी करतार, संजय, सुनील, दीपक, अंकित, दीपक कौशल, सुनील, सुदेश, सुनील कुमार, दीवान, करनैल, राज कुमार व राकेश कुमार शामिल है। दूसरी तरफ कंपनी के जीएम सुधांशू शेखर ने इस विषय पर बात करने से इंकार किया।
- विज्ञापन (Article Inline Ad) -
- विज्ञापन (Article Bottom Ad) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 1) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 2) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 3) -
- विज्ञापन (Sidebar Ad 4) -