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बददी ! भटौली कलां पंचायत के लोगों ने थाना पंचायत में स्थित पेयजल योजना के नजदीक सेफ्टिक टैंक को खाली करते हुए ग्रामीणों ने टैंकर चालक को पकड़कर पुलिस के हवाले किया। ग्रामीणों का आरोप है कि पिछले लगभग डेढ़ 2 साल से भटौली कला पंचायत के लोग सीवरेज युक्त पानी के चलते विभिन्न बीमारियों की चपेट में आ रहे थे। जब ग्रामीणों ने पीने के पानी की जांच करवाई तो उसमें पाया गया कि जो स्कीम का पानी आ रहा है उसमें सीवरेज का पानी मिला हुआ है। जिस पर ग्रामीणों ने पहले आईपीएच विभाग व प्रदूषण विभाग को इसकी सूचना दी। जब ग्रामीणों ने मौके पर स्कीम के पास जाकर देखा तो वहां पाया कि स्कीम के साथ लगती नदी में अवैध रूप से हुए खनन के चलते नदी के बीचो-बीच बड़े-बड़े गड्ढे बनाए गए हैं। जिसमें उद्योगों का सीवरेज और केमिकल युक्त पानी अवैध रूप से खाली किया जा रहा है। यह गड्ढे स्कीम के साथ होने के चलते सीवरेज का पानी जमीन में रिस कर स्कीम के पानी के साथ मिल रहा है। जिसके चलते भटौली कला गांव के सैकड़ों ग्रामीण बार बार बीमार हो रहे है। ग्रामीणों का कहना है कि जब उन्हें इस बारे में पता चला तो उनके द्वारा एक कमेटी का गठन किया गया और स्कीम के पास ग्रामीणों द्वारा नजर रखी गई। कई बार तो यह टैंकर चालक ग्रामीणों को देखकर वहां से फरार हो जाते थे। पर ग्रामीणों द्वारा आज एक टैंकर पकड़ा गया, जिसे पुलिस के हवाले कर दिया गया। ग्रामीणों ने सरकार व प्रशासन से मांग की है कि टैंकर चालकों और उद्योगपतियों पर सख्त कार्रवाई होनी चाहिए। ताकि भविष्य में कोई भी उद्योगपति स्थानीय नागरिकों के स्वास्थ्य के साथ खिलवाड़ ना कर सके साथ ही ग्रामीणों ने प्रशासन से तख्त नीति बनाने का आग्रह किया है। जिससे उद्योग का गंदा पानी व केमिकल युक्त पानी सीधा सीईटीपी में ना जाए। बल्कि क्षेत्र की अन्य नदी नालों में डाला जाए। ग्रामीणों ने प्रदेश सरकार व प्रशासन को जल्द इस पर कड़ी कार्रवाई करने को कहा अन्यथा क्षेत्र के लोग सड़कों पर उतरकर अपना विरोध प्रदर्शन प्रकट करेंगे। जिसका जिम्मेदार स्थानीय उद्योग व प्रशासन होगा।
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