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बद्दी ! दून विधानसभा चुनाव क्षेत्र के अंतर्गत पहाड़ी क्षेत्र साई के साथ लगते सभी जंगल आग लगने के कारण जलकर राख हो गए। इस समय पूरे साईं क्षेत्र में जंगल में लगी आग से पैदा हुआ धुआं के कारण दिन में भी अंधेरा छाया हुआ है। परंतु विभाग ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया और ना ही इस आग को काबू कर पाए आग ने सभी जंगलों को जलाकर राख कर दिया। जिससे विभिन्न प्रकार के पशु पक्षी व हरे भरे पेड़ों को बहुत नुकसान हुआ भारतीय किसान संगठन प्रदेश के कार्यकारिणी सदस्य ठाकुर रामलोक लंबरदार जी ने कहा की जिस जंगल में हमने 25 साल पहले वृक्षारोपण किया था और बहुत ही प्यारे छोटे छोटे चीड़ के पौधों की नर्सरी तैयार करके इस जंगल को हरा भरा किया था। वहां आज विभाग की अनदेखी के कारण जलकर राख हो गया। मुझे बहुत दुख होता है क्योंकि हमने इस जंगल में लगाए हुए चिड़ी के पौधे अब यह बच्चों की तरह है पालन पोषण कर के पैदा किए थे। मेरा प्रदेश की सरकार से निवेदन है कि अगर प्रदेश सरकार जंगलों में चिड़ी के पौधों को रोजा निकालने से बंद कर दें। तो लगभग 6 साल में दोबारा फिर जंगल हरे भरे हो जाएंगे और लोगों को अच्छा पर्यावरण मिलेगा और समय-समय पर लोगों की खेती के लिए वर्षा होगी। आज वर्षा ना होने का मुख्य कारण जंगलों का ना होना ही है। इसलिए प्रदेश सरकार इस तरफ ध्यान दें और जंगलों को आग लगने से बचाएं।
बद्दी ! दून विधानसभा चुनाव क्षेत्र के अंतर्गत पहाड़ी क्षेत्र साई के साथ लगते सभी जंगल आग लगने के कारण जलकर राख हो गए। इस समय पूरे साईं क्षेत्र में जंगल में लगी आग से पैदा हुआ धुआं के कारण दिन में भी अंधेरा छाया हुआ है। परंतु विभाग ने इस तरफ कोई ध्यान नहीं दिया और ना ही इस आग को काबू कर पाए आग ने सभी जंगलों को जलाकर राख कर दिया। जिससे विभिन्न प्रकार के पशु पक्षी व हरे भरे पेड़ों को बहुत नुकसान हुआ भारतीय किसान संगठन प्रदेश के कार्यकारिणी सदस्य ठाकुर रामलोक लंबरदार जी ने कहा की जिस जंगल में हमने 25 साल पहले वृक्षारोपण किया था और बहुत ही प्यारे छोटे छोटे चीड़ के पौधों की नर्सरी तैयार करके इस जंगल को हरा भरा किया था।
वहां आज विभाग की अनदेखी के कारण जलकर राख हो गया। मुझे बहुत दुख होता है क्योंकि हमने इस जंगल में लगाए हुए चिड़ी के पौधे अब यह बच्चों की तरह है पालन पोषण कर के पैदा किए थे। मेरा प्रदेश की सरकार से निवेदन है कि अगर प्रदेश सरकार जंगलों में चिड़ी के पौधों को रोजा निकालने से बंद कर दें। तो लगभग 6 साल में दोबारा फिर जंगल हरे भरे हो जाएंगे और लोगों को अच्छा पर्यावरण मिलेगा और समय-समय पर लोगों की खेती के लिए वर्षा होगी। आज वर्षा ना होने का मुख्य कारण जंगलों का ना होना ही है। इसलिए प्रदेश सरकार इस तरफ ध्यान दें और जंगलों को आग लगने से बचाएं।
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