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बद्दी ! 26 दिसम्बर को प्रति वर्ष वीर बाल दिवस के रूप में मनाने की केंद्र सरकार की घोषणा का दून भाजपा ने स्वागत किया है। दून के विधायक परमजीत सिंह पम्मी ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का यह फैसला ऐतिहासिक है तथा इतिहास में पहली बार किसी सरकार ने साहिबजादों के बलिदान को सच्ची श्रद्धांजलि अर्पित की है। पम्मी ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह ने हिंदू धर्म की रक्षा के लिए अपने चारों संतानों को कुर्बान कर दिया था। शहादत के वक्त गुरु गोविंद सिंह के साहिबजादा अजीत सिंह की आयु 18 वर्ष और जुझार सिंह की 15 वर्ष थी। 26 दिसंबर को दोनों साहिबजादे मुगलों के साथ लड़ते हुए चमकौर में धर्म की रक्षा के लिए शहीद हो गए जबकि उनके दो छोटे साहिबजादों 9 वर्ष के जोरावर सिंह और 6 वर्ष के फतेह सिंह को धर्म परिवर्तन ना करने के कारण 28 दिसंबर को दीवार में चुनवा दिया गया था। उन्होंने कहा कि दोनों साहिबजादों ने धर्म के महान सिद्धांतों से हटने की बजाय मृत्यु को प्राथमिकता दी। इसलिए केंद्र सरकार का 26 दिसंबर को बाल दिवस के रूप में मनाना उन्हें सच्ची श्रद्धांजलि है। पम्मी ने कहा कि गुरु गोविंद सिंह जी, माता गुजरी और 4 साहिबजादों की वीरता और आदर्श करोड़ों देशवासियों को प्रेरणा देते हैं। उन्होंने सरकार की घोषणा का स्वागत करते हुए कहा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार व्यक्त किया और कहा कि हर वर्ष वीर बाल दिवस धूमधाम से मनाया जाएगा। दून के विधायक ने वीर बाल दिवस कार्यक्रम का प्रदेश का संयोजन बनाने के लिए भाजपा प्रदेश अध्यक्ष व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर का आभार प्रकट किया है।
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