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बद्दी ! प्रदेश के सबसे बडे औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में आईसीयू, वेन्टीलेटर की सुविधा न होने की वजह से स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्न खडा कर दिया है। जहां कोरोना महामारी से प्रदेश भर में मरने वालों को आंकडा हजारों में पहुंच चुका है वहीं नालागढ उपमण्डल में सबसे ज्यादा आबादी होने की वजह से कोविड केसों में भी भारी बढौतरी हुई है। जिसके लिए सभी सरकार के सुरक्षा तथा स्वास्थ्य तन्त्र फेल होते नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर आम नागरिकों द्वारा स्वास्थ्य विभाग की पोल खोलती खूब पोस्टें शेयर की जा रही हैं जिसमें ज्यादातर लोग यही लिख रहे हैं कि बीबीएन से सरकार को केवल राजस्व चाहिए और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए हमें अन्य जिलों पर निर्भर होना पडता है। पिछले दिनों ही ऐसी घटना उस समय देखने को मिली जब ईएसआई बददी में मरीज की हालत बिगडती देख डाक्टरों ने उसे आईजीएमसी शिमला रेफर कर दिया। लेकिन जिस एम्बुलेन्स में मरीज को ले जाया जा रहा था सोलन तक पहुंचते हुए उसकी आक्सीजन खत्म हो गई और मरीज ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड दिया। इस बारे में ईएसआई बददी के चिकित्सा प्रमुख डाक्टर आरपी मीणा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अस्पताल में दो वेन्टीलेटर कार्य कर रहे हैं। इस समय कोरोना महामारी भयंकर दौर से गुजर रहा है। इसलिए सभी संसाधन कम नजर आ रहे हैं। ईएसआई अस्पताल को प्रदेश सरकार ने टेकओवर किया हुआ है और जिलाधीश के निर्देशानुसार सभी सुविधायें उपलबध करवाई जा रही हैं। सरकार ने पीएन केयर की तीन वेन्टीलेटर मशीनें और खरीदी हैं लेकिन उनके कुछ पार्ट अभी नहीं आये हैं जैसे ही पार्ट उपलब्ध हो जाते हैं हम तीनों मशीनों को शुरू कर देंगे। इसके इलावा 6 बेड का आईसीयू सैन्टर बनाया जा रहा है जो सोमवार तक कार्य करना शुरू कर देगा। उन्होंने बताया कि इस समय अस्पताल में 42 आक्सीजन बैड सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं तथा आक्सीजन की किसी भी प्रकार की कोई किल्लत नहीं है। उन्होंने लोगों से आहवाहन करते हुए कहा कि लोग ज्यादा पैनिक न हों और कोविड होने पर हौसला बनाये रखें। हल्का बुखार, खांसी, जुकाम या शरीर र्दद होने पर जांच अवश्य करवायें तथा डाक्टर से सलाह लेकर अपने स्वास्थ्य की देखभाल करें। गर्म पानी पीयें, ज्यादा तेज मसाले, तेल वाली चीजों से इस समय परहेज करें। तथा सुबह-शाम प्राणायाम अवश्य करें।
बद्दी ! प्रदेश के सबसे बडे औद्योगिक क्षेत्र बीबीएन में आईसीयू, वेन्टीलेटर की सुविधा न होने की वजह से स्वास्थ्य विभाग की कार्यप्रणाली पर प्रश्न खडा कर दिया है। जहां कोरोना महामारी से प्रदेश भर में मरने वालों को आंकडा हजारों में पहुंच चुका है वहीं नालागढ उपमण्डल में सबसे ज्यादा आबादी होने की वजह से कोविड केसों में भी भारी बढौतरी हुई है। जिसके लिए सभी सरकार के सुरक्षा तथा स्वास्थ्य तन्त्र फेल होते नजर आ रहे हैं। सोशल मीडिया पर आम नागरिकों द्वारा स्वास्थ्य विभाग की पोल खोलती खूब पोस्टें शेयर की जा रही हैं जिसमें ज्यादातर लोग यही लिख रहे हैं कि बीबीएन से सरकार को केवल राजस्व चाहिए और स्वास्थ्य सुविधाओं के लिए हमें अन्य जिलों पर निर्भर होना पडता है। पिछले दिनों ही ऐसी घटना उस समय देखने को मिली जब ईएसआई बददी में मरीज की हालत बिगडती देख डाक्टरों ने उसे आईजीएमसी शिमला रेफर कर दिया। लेकिन जिस एम्बुलेन्स में मरीज को ले जाया जा रहा था सोलन तक पहुंचते हुए उसकी आक्सीजन खत्म हो गई और मरीज ने अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड दिया।
इस बारे में ईएसआई बददी के चिकित्सा प्रमुख डाक्टर आरपी मीणा से बात की गई तो उन्होंने कहा कि अस्पताल में दो वेन्टीलेटर कार्य कर रहे हैं। इस समय कोरोना महामारी भयंकर दौर से गुजर रहा है। इसलिए सभी संसाधन कम नजर आ रहे हैं। ईएसआई अस्पताल को प्रदेश सरकार ने टेकओवर किया हुआ है और जिलाधीश के निर्देशानुसार सभी सुविधायें उपलबध करवाई जा रही हैं। सरकार ने पीएन केयर की तीन वेन्टीलेटर मशीनें और खरीदी हैं लेकिन उनके कुछ पार्ट अभी नहीं आये हैं जैसे ही पार्ट उपलब्ध हो जाते हैं हम तीनों मशीनों को शुरू कर देंगे। इसके इलावा 6 बेड का आईसीयू सैन्टर बनाया जा रहा है जो सोमवार तक कार्य करना शुरू कर देगा। उन्होंने बताया कि इस समय अस्पताल में 42 आक्सीजन बैड सुचारू रूप से कार्य कर रहे हैं तथा आक्सीजन की किसी भी प्रकार की कोई किल्लत नहीं है। उन्होंने लोगों से आहवाहन करते हुए कहा कि लोग ज्यादा पैनिक न हों और कोविड होने पर हौसला बनाये रखें। हल्का बुखार, खांसी, जुकाम या शरीर र्दद होने पर जांच अवश्य करवायें तथा डाक्टर से सलाह लेकर अपने स्वास्थ्य की देखभाल करें। गर्म पानी पीयें, ज्यादा तेज मसाले, तेल वाली चीजों से इस समय परहेज करें। तथा सुबह-शाम प्राणायाम अवश्य करें।
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