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बद्दी ! कोरोना के कहर से कराहते देश में वैक्सीन ही बचाव की सबसे बड़ी उम्मीद है। हर रोज़ देश में लाखों लोगों को यह वैक्सीन लगाई जा रही है और अब तक कई करोड़ लोग टीकाकरण करवा चुके हैं। 1 मई से देश में 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों के लिए वैक्सीन लगवाने का विकल्प खुलने जा रहा है। ऐसे में कोरोना वायरस के दौरान केमिस्टों ने अपनी जान जोखिम में डाल कर कार्य किया है। ऐसी स्थिति में कोरोना वैक्सीन केमिस्टों को लगवाने के लिए सरकार को पहलकदमी करनी चाहिए। इस संबंध में बद्दी केमिस्ट एसोसिएशन के सदस्य प्रदीप कुमार टीनू ने कहा कि कोरोना वायरस में जहां हर तरफ लाकडाउन था, वहां पर केमिस्टों ने अपनी दुकानें खोल कर मरीजों को दवाइयां देने में कोई कमी नहीं छोड़ी। कोरोना के गंभीर हालातों में केमिस्टों ने भी फ्रंट लाइन पर रहकर लोगों को दवाईयां मुहैया करवाई है। रिटेल केमिस्टों ने भी अपने क्षेत्रों में दवाइयों का आवंटन करके समाज की सेवा की। वहीं होलसेल के केमिस्टों ने भी दवा की सप्लाई के लिए चेन को नहीं टूटने दिया। कोरोना महामारी के दौरान जब सुबह को एक दवा व्यापारी (केमिस्ट) अपनी शॉप के लिए निकलता है तो पूरा परिवार चिंतित रहता है कि कहीं ये अपने काम के दौरान इस वायरस से संक्रमित न हो जाएं और यह जानलेवा वायरस घर ना आ जाए। इस सब खतरे को भांपते हुए भी एक दवा व्यापारी बहुत कम लाभ होने के बावजूद अपने परिवार के खर्चे चलाने और ऐसे महासंकट के समय लोगों के स्वास्थ्य और जीवन रक्षा हेतु अपना योगदान करने के उद्देश्य से अपना जीवन दांव पर लगाकर लोगों को दवाएं उपलब्ध करा रहे हैं साथ ही दुकान पर आने वाले लोगों को भी कोरोना वायरस से बचाव को लेकर जरूरी निर्देश दे रहे हैं। उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि जिस तरह डॉक्टर, अस्पतालकर्मी और सुरक्षाकर्मी को सरकार की तरफ से कोरोना वैक्सीन लगवाई जा रही है, उसी तरफ केमिस्टों को भी सरकार वैक्सीन लगवाए। ताकि केमिस्ट भी इस कोरोना संक्रमण जैसी महामारी से लड़ सके। उन्होंने कहा कि हम सरकार को पत्र लिख कर केमिस्टों को वैक्सीन लगवाने का आग्रह करगें। समूह केमिस्टों के साथ ही आम शहर निवासियों को भी वह लोग सरकार द्वारा जारी कोविड नियमों का पालन करने के साथ ही वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित करेंगे।
बद्दी ! कोरोना के कहर से कराहते देश में वैक्सीन ही बचाव की सबसे बड़ी उम्मीद है। हर रोज़ देश में लाखों लोगों को यह वैक्सीन लगाई जा रही है और अब तक कई करोड़ लोग टीकाकरण करवा चुके हैं। 1 मई से देश में 18 साल से ज्यादा उम्र के सभी लोगों के लिए वैक्सीन लगवाने का विकल्प खुलने जा रहा है। ऐसे में कोरोना वायरस के दौरान केमिस्टों ने अपनी जान जोखिम में डाल कर कार्य किया है। ऐसी स्थिति में कोरोना वैक्सीन केमिस्टों को लगवाने के लिए सरकार को पहलकदमी करनी चाहिए। इस संबंध में बद्दी केमिस्ट एसोसिएशन के सदस्य प्रदीप कुमार टीनू ने कहा कि कोरोना वायरस में जहां हर तरफ लाकडाउन था, वहां पर केमिस्टों ने अपनी दुकानें खोल कर मरीजों को दवाइयां देने में कोई कमी नहीं छोड़ी। कोरोना के गंभीर हालातों में केमिस्टों ने भी फ्रंट लाइन पर रहकर लोगों को दवाईयां मुहैया करवाई है।
रिटेल केमिस्टों ने भी अपने क्षेत्रों में दवाइयों का आवंटन करके समाज की सेवा की। वहीं होलसेल के केमिस्टों ने भी दवा की सप्लाई के लिए चेन को नहीं टूटने दिया। कोरोना महामारी के दौरान जब सुबह को एक दवा व्यापारी (केमिस्ट) अपनी शॉप के लिए निकलता है तो पूरा परिवार चिंतित रहता है कि कहीं ये अपने काम के दौरान इस वायरस से संक्रमित न हो जाएं और यह जानलेवा वायरस घर ना आ जाए। इस सब खतरे को भांपते हुए भी एक दवा व्यापारी बहुत कम लाभ होने के बावजूद अपने परिवार के खर्चे चलाने और ऐसे महासंकट के समय लोगों के स्वास्थ्य और जीवन रक्षा हेतु अपना योगदान करने के उद्देश्य से अपना जीवन दांव पर लगाकर लोगों को दवाएं उपलब्ध करा रहे हैं साथ ही दुकान पर आने वाले लोगों को भी कोरोना वायरस से बचाव को लेकर जरूरी निर्देश दे रहे हैं।
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उन्होंने कहा कि हमारा मानना है कि जिस तरह डॉक्टर, अस्पतालकर्मी और सुरक्षाकर्मी को सरकार की तरफ से कोरोना वैक्सीन लगवाई जा रही है, उसी तरफ केमिस्टों को भी सरकार वैक्सीन लगवाए। ताकि केमिस्ट भी इस कोरोना संक्रमण जैसी महामारी से लड़ सके। उन्होंने कहा कि हम सरकार को पत्र लिख कर केमिस्टों को वैक्सीन लगवाने का आग्रह करगें। समूह केमिस्टों के साथ ही आम शहर निवासियों को भी वह लोग सरकार द्वारा जारी कोविड नियमों का पालन करने के साथ ही वैक्सीन लगवाने के लिए प्रेरित करेंगे।
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