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निजी स्कूलों की मनमानी के खिलाफ छात्र अभिभावक मंच ने मोर्चा खोल दिया है। मंच ने शिक्षा निदेशालय के बाहर धरना प्रदर्शन किया और निजी स्कूलों द्वारा फीस वृद्धि , किताबो के नाम पर की जा रही लूट को रोकने के मांग की गई। साथ ही मंच ने शिक्षा निदेशक को ज्ञापन भी सौंपा ओर निजी स्कूलों पर लगाम लगाने ओर जो अभिभावकों से अतिरिक्त फीस मांगी जा रही है उसे वापिस लिया जाने की मांग की और यदि ऐसा नही होता तो मंच ने उग्र आंदोलन करने की चेतावनी भी दी। मंच के राज्य संयोजक विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि प्रदेश सरकार की नाकामी व उसके निजी स्कूलों से मिलीभगत के कारण निजी स्कूल दोबारा से मनमानी पर उतर आए हैं।स्कूलों में फीस बढाई गई है और सरकार शिक्षा विभाग कोई कार्यवाही नही कर रही है।परीक्षा के नाम पर निजी स्कूलों में फीस बढाई गई है। किताबो के नाम पर भी अभिभवकों को लूटा जा रहा है। जो किताबे सरकार 50 रुपए में सरकारी स्कूलों के लियूए खरीदती है वही किताब निजी स्कूलों के लिए 150 रुपए तक मिल रही है। ये सब निजी स्कूलों की।मिलीभगत से हो रहा है। सरकार से निजी स्कूलों पर लगाम लगाने के लिए अलग से कानून बनाने की मांग की जा रही है सरकार ने सुझाव भी मांगे थे लेकिन अभी तक उसमें कुछ नही हो पाया है। विजेंद्र मेहरा ने कहा है कि वर्ष 2014 के मानव संसाधन विकास मंत्रालय के निजी स्कूलों की फीस के संचालन के संदर्भ में दिए गए दिशानिर्देशों व मार्च 2020 के शिक्षा विभाग के दिशानिर्देशों का निजी स्कूल खुला उल्लंघन कर रहे हैं व इसको तय करने में अभिभावकों की आम सभा की भूमिका को दरकिनार कर रहे हैं। स्कूलों में पीटीए का गठन नही किया जा रहा है और यदि सरकार शिक्षा विभाग इस पर कोई कार्यवाही नही करती तो उग्र आंदोलन शूरू किया जाएगा।
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