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धर्मशाला ! हिमाचल प्रदेश में भाजपा सरकार पर आम आदमी पार्टी के हमले लगातार जारी हैं। अब आम आदमी पार्टी ने प्रदेश की जयराम सरकार को प्रदेश की शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था की बदतर हालत पर कटघरे में खड़ा किया है। आप नेता राकेश चौधरी ने सरकार को आड़े हाथों लेते हुए आज धर्मशाला में पत्रकार वार्ता करते हुए कहा कि हिमाचल में शिक्षा और स्वास्थ्य व्यवस्था पूरी तरह से चरमरा गई है जिसके चलते स्कूली सिस्टम अब वेंटिलेटर पर आ चुका है। उन्होंने सरकार पर गंभीर आरोप लगाते हुए कहा कि प्रदेश के बच्चों के साथ जिस तरह से जयराम सरकार खिलवाड़ कर रही है। उसका जीता जागता उदाहरण आजकल सोशल मीडिया पर देखने को मिल रहा है। कहीं स्कूलों अध्यापकों की कमी है तो कहीं स्कूलों में बच्चों की कमी है शिक्षकों की कमी के चलते कई वीडियोज सोशल मीडिया पर वायरल हो रहे हैं और सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी हो रही है। सोशल मीडिया पर मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर, शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर और शिक्षा निदेशक के खिलाफ अभिभावक नारेबाजी कर ट्रोल हो रहे हैं । आज आम आदमी पार्टी प्रदेश सरकार से यह सवाल पूछना चाहती है कि आखिर बच्चों के भविष्य के साथ सरकार खिलवाड़ क्यों कर रही है? आखिर स्कूलों में शिक्षक उपलब्ध क्यों नहीं करवा पा रही है और स्कूलों में बच्चों को बेहतर शिक्षा उपलब्ध नहीं करवा पा रही है। प्रदेश सरकार इस बात का जवाब दे। प्रदेश सरकार बच्चों के भविष्य के साथ खिलवाड़ करके उन्हें अंधकार की ओर क्यों ले जा रही है। राकेश चौधरी ने कहा कि एक आंकड़े के मुताबिक 2018 से लेकर 2022 तक प्रदेश में 340 सरकारी स्कूल बंद हो गए हैं जिसमें 180 प्राइमरी स्कूल और 50 मिडिल स्कूल बच्चों की कमी के चलते बंद हो गए। इसके अलावा करीब 6500 सरकारी स्कूलों में 20 से कम छात्र हैं जबकि 5000 से ज्यादा स्कूलों में 60 से कम छात्र हैं। इसके अलावा अगर शिक्षकों की बात करें तो अधिकतर स्कूलों में एक- एक शिक्षक के सहारे स्कूल चल रहे हैं जबकि अधिकतर स्कूलों में शिक्षकों के खाली पद पड़े हुए हैं। ऐसे में सवाल उठना लाजमी है कि आखिर प्रदेश सरकार इतनी संवेदनहीन क्यों है जो बच्चों के भविष्य को अंधकार की ओर ले जा रही है। साढ़े चार सालों में शिक्षकों की भर्ती क्यों नहीं की जो भर्तियां निकाली थी उनके पेपर पहले ही लीक हो गए हैं या फिर हाईकोर्ट में लटके पड़े हैं। राकेश चौधरी ने जयराम सरकार को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यू-डाइस 2019-21 की रिपोर्ट के अनुसार प्रदेश में कुल 18145 स्कूलों की संख्या है। जिसमें 10574 प्राइमरी स्कूल 1948 मिडल स्कूल है. इन स्कूलों में 4096 प्राइमरी स्कूलों की हालत खस्ता है। स्कूलों में क्लासरूम की हालत खस्ता है,जिसमें 318 मिडल स्कूलों ,468 हाई स्कूलों और 1615 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में क्लासरूम की हालत खस्ता है। उन्होंने कहा कि प्राइमरी कक्षाओं के लिए 22 हजार 93 शिक्षक है, अप्पर प्राइमरी में 10442, सेंकेडरी कक्षाओं के लिए 7849 सीनियर सेकेंडरी स्कूलों में 12459 शिक्षक अन्य सभी तरह के स्कूलों में कुल शिक्षकों की संख्या 67,249 है जिसमें अधिकतर खाली पड़े हुए हैं। राकेश चौधरी ने जयराम पर निशाना साधते हुए कहा कि जयराम जी शिक्षा पर बात क्यों नहों करते स्वास्थय पर बात क्यों नहीं करते क्योंकि उन्होंने यहां की शिक्षा और स्कूलों को नहीं सुधारा यहां के अस्पतालों को नहीं सुधारा जहां मरीजों को भारी दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। इसलिए प्रदेश की जनता अब जयराम और भाजपा सरकार से ऊब चुकी है और जनता ने मन बना दिया है कि बेहतर शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए दिल्ली मॉडल को हिमाचल में भी लाना है। यानी अरविंद केजरीवाल की सरकार हिमाचल में बनानी है जो दिल्ली की तरह हिमाचल के स्कूलों और स्वास्थय व्यवस्था को सुधारे ताकि प्रदेश के बच्चों का भविष्य उज्ज्वल हो। प्रदेश में सरकारी स्कूलों का सुधार हो और निजी स्कूलों की मनमानी पर रोक लगाकर प्रदेश को उन्नति व प्रगति की ओर ले जाएं। आम आदमी पार्टी की स्वच्छ,ईमानदार और राष्ट्रवादी सरकार को बनाकर बच्चों को बेहतर शिक्षा प्रदान कर सके।
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