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धर्मशाला ! नगरकोट कांगड़ा में आज माँ ब्रजेश्वरी देवी की जयंती पर श्रद्धालुओं ने विभिन्न प्रकार के लंगर लगाकर माँ की जयंती को मनाया माँ ब्रजेश्वरी देवी के जयंती कोरोना संक्रमण के चलते पिछले दो सालों से नही मनाई गई थी लेकिन इस मर्तबा प्रदेश सरकार ने कोरोना नियमों में कुछ रियायत दी है जिस कारण इस कार्यक्रम का आयोजन किया जा सका है, इस मौके पर माता के भजन कीतर्न की भी विशेष व्यवस्था मंदिर प्रशासन द्वारा की गई थी जहां पर श्रद्धालु भी मंत्र मुग्ध होकर माता की भेंटों पर नाच रहे थे माता ब्रजेश्वरी देवी मंदिर में सुबह से ही श्रद्धालुओं की लंबी लाइने माता के दर्शनों के लिए लग गई थी तो वही माता के दर्शनों को पहुंचे श्रद्धालुओं ने भी कोविड गाइड लाइन का पूरा पालन किया आज पूरे दो वर्षों बाद माता ब्रजेश्वरी देवी का मंदिर जयकारों से गूंज उठा था। इस मौके पर भगवान बुद्धा चैरिटेबल ब्लड सेंटर की और से रक्तदान शिविर का भी आयोजन किया गया था इस रक्तदान शिविर में भी श्रद्धालुओं ने स्वेच्छा से अपना रक्तदान किया भगवान बुद्धा चैरिटेबल ब्लड सेंटर के सेक्रेटरी विजय कुमार ने बताया कि इस रक्तदान शिविर के दौरान 50 यूनिट ब्लड एकत्रित किया गया है उन्होंने बताया कि चैरिटेबल सेंटर को निजी अस्पतालों सहित सरकारी अस्पतालों से भी ब्लड लेने वालों के फोन आते रहते है उन्होंने बताया की इस रक्तदान शिविर के दौरान जो 50 यूनिट ब्लड एकत्रित किया गया है उससे कई जिंदगियों को बचाया जा सकेगा। माता ब्रजेश्वरी देवी मंदिर के मुख्य पुजारी राम प्रसाद शर्मा ने जिला के सभी लोगों को माता ब्रजेश्वरी देवी की जयंती की शुभकामनाएं देते हुए कहा कि माँ ब्रजेश्वरी के जयंती पर मंदिर में सारा दिन पूजा अर्चना की जाती है मंदिर में सबसे पहले पाठ किया जाता है उसके उपरांत हवन का आयोजन होता है वही लंगर में भी मिष्ठान का प्रबंधन किया जाता है और यह मिष्ठान सभी भक्तों में भी बांटा जाता उन्होंने इस मंदिर को इतिहासिक और धार्मिक बताते हुए कहा कि 91 शक्तिपीठों में से 4 शक्तिपीठ हिमाचल प्रदेश में है उन्होंने बताया कि माँ ब्रजेश्वरी देवी उतर प्रदेश के लोगो की माँ कुल देवी है क्योकि ध्यानु भक्त ने माँ ब्रजेश्वरी देवी को अपना सिर यहाँ पर ही अर्पण किया था जिस वजह से उतर प्रदेश के लोग पीले वस्त्र धारण करके इस मंदिर में माता के दर्शनों के लिये आते है और अपने बच्चों के मुंडन संस्कार करते है।
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