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धर्मशाला के जदरांगल में सेंट्रल यूनिवर्सिटी के लिए प्रस्तावित फारेस्ट लैंड कंस्ट्रक्शन के लिए फिट पाई गई है। अब वन वीक में सीयू का एफसीए केस मूव किया जाएगा। चिन्हित नॉन फारेस्ट लंैड में पार्क, ग्राउंड व माइनर कंस्ट्रक्शन की जाएगी। यह बात सेंट्रल यूनिवर्सिटी के वाइस चांसलर प्रो. सत प्रकाश बंसल ने पत्रकारों से बातचीत में कही। वीरवार को सेंट्रल यूनिवर्सिटी के धर्मशाला में होने वाले निर्माण को लेकर समीक्षा बैठक का आयोजन किया गया, जिसमें स्थानीय विधायक भी मौजूद रहे। वीसी ने कहा कि पहले जो एफसीए केस मूव किया गया था, उसमें 6 ऑब्जेक्शन लगे थे, जिसमें जीएसआई का प्रमुख था। जीएसआई सर्वे में जदरांगल की फॉरेस्ट लैंड कंस्ट्रक्शन के लिए फिट पाई गई है। इसके अलावा रोड़ कनेक्टिविटी, सीवरेज व पानी संबंधी जो आब्जेक्शन थे, उन्हें दूर कर दिया गया है, उसकी रिपोर्ट आ गई है। 12 साल से लटका काम पूरा हेाने जा रहा है। वाइस चांसलर ने कहा कि सेंट्रल यूनिवर्सिटी के निर्माण को लेकर सीपीडब्ल्यूडी ने मास्टर प्लान दिया है, उसे एक सप्ताह में सब्मिट किया जाएगा। जदरांगल की नॉन फारेस्ट लैंड में मेजर कंस्ट्रक्शन नहीं हो सकता, ऐसे में इस लैंड पर ग्राउंड, पार्क और माइनर निर्माण किया जाएगा। एफसीए केस आगामी 10 दिन के भीतर मूव किया जाएगा बाकी निर्माण एजेंसी की रिक्वायरमेंट के हिसाब से हम निर्माण को लेकर आगे बढ़ेंगे। विधायक विशाल नैहरिया ने कहा कि 11 साल का कलंक 11 दिन में दूर किया गया है। ऑब्जेक्शन के चलते फिर से कार्य जीरो से शुरू करते हुए तीन माह में 90 फीसदी तक पहुंचाया है। शेष दस फीसदी कार्य मास्टर प्लान के आधार पर चंद घंटों में पूरा किया जाएगा। इस संबंध में विभिन्न विभागों के एनओसी भी रेडी हैं। वीरवार को सेंट्रल यूनिवर्सिटी में जदरांगल में निर्माण संबंधी औपचारिकताओं को लेकर आयोजित समीक्षा बैठक उपरांत पत्रकारों से बातचीत में विधायक ने कहा कि जदरांगल में सेंट्रल यूनिवर्सिटी का निर्माण कब, कहां और कितना होगा, इसको लेकर एक्सपर्ट एक सप्ताह में मास्टर प्लान तैयार करेंगे। निर्माण में धर्मशाला में तैयार होने वाले स्लेट और स्थानीय स्तर पर पाई जाने वाली सामग्री का भी इस्तेमाल किया जाएगा। एक्सपर्ट निर्माण को लेकर डिजाइन तैयार करेंगे, उसके आधार पर डीपीआर तैयार की जाएगी। 23 जनवरी को पुन: समीक्षा बैठक आयोजित की जाएगी। प्रदेश सरकार की ओर से जो भी समस्याएं थी, उन्हें 11 दिन में दूर किया गया है। विधायक ने कहा कि एफसीए केस अपलोड करने के लिए मार्किंग होनी है, उसका 10 फीसदी कार्य बचता है, जबकि 90 फीसदी कार्य पूरा हो चुका है। शेष दस फीसदी कार्य मास्टर प्लान बनने के बाद चंद घंटों में पूरा कर लिया जाएगा। विभिन्न विभागों से संबंधित कार्य पूरे हैं तथा एनओसी रेडी हैं।
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